भारत के वैचारिक विनाश का एक वस्तुनिष्ठ इतिहास !

भारत का असत्य इतिहास सिखानेवाले अंग्रेजों द्वारा रचित षड्यंत्र को ध्वस्त करने के लिए शैक्षिक क्रांति होना अति आवश्यक !

हरिद्वार में मुसलमानों की जनसंख्या में प्रति १० वर्ष उपरांत हो रही है ४० प्रतिशत वृद्धि !

हिन्दुओं के तीर्थस्थल का इस्लामीकरण करने का यह षड्यंत्र कब तोडा जाएगा ?

शनि ग्रह की ‘साढे साती’ आध्यात्मिक जीवन को गति देनेवाली अवधि है !

‘शनि ग्रह की ‘साढे साती’ कहते ही सामान्यतः हमें भय लगता है । ‘मेरा बुरा समय आरंभ होगा, संकटों की शृंखला आरंभ होगी’, इत्यादि विचार मन में आते हैं; परंतु साढे साती सर्वथा अनिष्ट नहीं होती । इस लेख द्वारा ‘साढे साती क्या है तथा साढे साती की अवधि में हमें क्या लाभ हो सकता है’, इसकी जानकारी लेंगे ।

आयुर्वेद की औषधियां एवं उनकी समाप्ति तिथि (एक्सपायरी डेट)

आयुर्वेद के चूर्ण, गोलियां, दंतमंजन, केश तेल इत्यादि औषधियों पर निश्चित समाप्ति तिथि (एक्सपायरी डेट) लिखी होती है । इस दिनांक के उपरांत औषधि लेने पर, उसका कुछ दुष्परिणाम होता है क्या ?

आवारा कुत्तों का आतंक !

भारत की जनता की मानसिकता एवं जनता के लिए योग्य क्या है ? इस पर अभ्यास कर, कृति करने पर ही आवारा कुत्तों की समस्या का प्रश्न सुलझ पाएगा; परंतु इसे करते समय राजनीतिक इच्छाशक्ति भी आवश्यक है, तब ही ये सभी बातें साध्य होंगी !

दुर्घटनाग्रस्त की सहायता के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बताईं उपाययोजनाएं !

सभी रुग्णालयाें में हिन्दी, अंग्रेजी और प्रादेशिक भाषा में ऐसा फलक (बैनर) लगाएं कि ‘हम सहायक व्यक्ति को रोकेंगे नहीं और न ही उससे पैसे लेंगे ।’ यह फलक रुग्णालय के दर्शनीय भाग में लगाया जाए, जिससे सभी का इसपर ध्यान जाए ।

हिन्दुओं के साथ अन्याय करनेवाले संविधान के २५ से ३१ वें अनुच्छेद में किए गए परिवर्तन !

धार्मिक अल्पसंख्यकों में से एक विशिष्ट धर्म के अल्पसंख्यकों की ओर विशेष ध्यान दिया जाता है, यह सर्वविदित है ।

इच्छित कार्य शुभमुहूर्त पर करने का महत्त्व

हमारे दैनिक जीवन में मुहूर्ताें का संबंध समय-समय पर आता है । ‘मुहूर्त’ संबंधी प्राथमिक जानकारी इस लेख के माध्यम से समझ लेते हैं ।

प्रसव से संबंधित लाभ का कानून १९६१ (मैटर्निटी बेनिफिट एक्ट) तथा उसकी जानकारी

जो महिलाएं काम पर हैं तथा वे उक्त शर्तें पूर्ण करती हों, वे इस जानकारी का लाभ उठाकर इस कानून का लाभ उठाएं ।

‘विटामिन डी’ अल्प हो, तो औषधि लेने के साथ और क्या करें ?

सप्ताह में न्यूनतम एक अथवा दो बार, छुट्टी के दिन, जब भी अवसर मिले, तब यथासंभव उतने समय तक सूर्यप्रकाश में बैठकर प्राकृतिक रूप से वह ‘विटामिन डी’ लें । इससे हड्डियां एवं स्नायुओं को बल एवं ऊर्जा मिलती है ।