‘नूपुर शर्मा को ईशनिंदा का दंड देकर ‘सुरक्षा जिहाद’ करें !’
जिहादी आतंकवादी संगठन, साथ ही उनके समर्थक मुसलमानों के विरुद्ध अब कडी कार्यवाही करने के लिए केंद्रशासन को सिद्ध होना आवश्यक !
जिहादी आतंकवादी संगठन, साथ ही उनके समर्थक मुसलमानों के विरुद्ध अब कडी कार्यवाही करने के लिए केंद्रशासन को सिद्ध होना आवश्यक !
एक इस्लामी संगठन को यदि इतने पैसे मिलते होंगे, तो अन्य इस्लामी संगठन, मदरसों और मस्जिदों को कितने पैसे मिलते होंगे, इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती !
कुरान अथवा मोहम्मद पैगंबर का अनादर करने के झूठे आरोप लगाकर हिन्दुओं के मंदिर तोडना, देवी-देवताओं की मूर्तियां तोडना, हिन्दुओं के उपनिवेशों को जलाना, हिन्दुओं की हत्या करना तथा महिलाओं और लडकियों पर बलात्कार जैसे प्रकार दिन-प्रतिदिन बढ रहे हैं ।
जिहाद का अर्थ है ‘तलवार के बल पर आगजनी और बलात्कार करते हुए काफिरों की (गैरमुसलमानों की) अंधाधुंध हत्याएं करते हुए उनकी संपत्ति लूटना और उनकी स्थाई और अन्य संपत्ति हडप लेना !’ वास्तव में देखा जाए तो एक पंथ के रूप में इस्लाम का अध्यात्म के साथ थोडा भी संबंध नहीं है ।
इंग्लैंड की न्यायव्यवस्था ने भी धर्म पर हो रहे ‘लव जिहाद’ का आक्रमण पहचानकर दोषियों को दंड दिया, साथ ही वहां की जनता ने भी उसके विरुद्ध संगठित होकर आंदोलन चलाया ।
लव जिहाद का उद्देश्य हिन्दू वंशवृद्धि का स्रोत नष्ट करना, इस्लामी वंशवृद्धि करना, हिन्दू महिलाओं का तस्करी और आतंकी गतिविधियां चलाने के लिए उपयोग कर भारत का इस्लामीकरण करना है !
केरल में ‘लव जिहाद’ के द्वारा धर्मांतरित हुए लोगों को ४० दिन का प्रशिक्षण देनेवाले ३ इस्लामी केंद्र हैं । इन ३ केंद्रों में एक ही समय में १८० युवतियां रह सकती हैं । यहां इन युवतियों को कुरआन, जिहाद आदि सिखाया जाता है ।
हलाल प्रमाणपत्र की मुद्रा अंकित सभी वस्तुओं को खरीदना अस्वीकार कर हिन्दू भाईयों का व्यवसाय बढे, इस दृष्टि से प्रयास करने होंगे तथा आंदोलन खडा कर संगठित रूप से सरकार के पास परिवाद प्रविष्ट करना होगा ।
धर्मांधों ने अभी तक कांग्रेस सरकार के माध्यम से विभिन्न प्रकार से हिन्दुओं के साथ अन्याय किया और उनका तुष्टीकरण करनेवाला ढोंगी धर्मनिरपेक्षतावाद चलाया । धर्मांधों ने वोटबैंक के बल पर कांग्रेस से यह सब करवा लिया ।
‘हिन्दू युवा वाहिनी’ संगठन के पदाधिकारी पुष्कर त्यागी ने गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) में थूक लगाकर रोटी बनानेवाले एक धर्मांध के विरुद्ध परिवाद पंजीकृत कर उसे बंदी बनाने के लिए बाध्य किया । यह घटना अक्टूबर २०२१ की है ।