हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित ‘ऑनलाइन’ विशेष संवाद : ‘बांग्लादेशी हिन्दुओं पर होनेवाले अत्याचारों के विषय में शासन चुप क्यों है ?’
मुंबई – हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित ‘बांग्लादेशी हिन्दुओं पर किए गए अत्याचारों के विषय में शासन चुप क्यों है ?’, इस विषय पर आनलाइन ‘विशेष संवाद’ में हिन्दुओं के मानवाधिकार हेतु लडनेवाले ‘बांग्लादेश मायनॉरिटी वॉच’ के अध्यक्ष पू. (अधिवक्ता) रविंद्र घोष वक्तव्य कर रहे थे । उस समय उन्होंने यह आवाहन किया कि ‘वर्तमान में बांग्लादेश में सहस्रों की संख्यां में अपराधी प्रवृत्ति के मुसलमानों द्वारा हिन्दुओं को लक्ष्य किया जा रहा है । कुरान अथवा मोहम्मद पैगंबर का अनादर करने के झूठे आरोप लगाकर हिन्दुओं के मंदिर तोडना, देवी-देवताओं की मूर्तियां तोडना, हिन्दुओं के उपनिवेशों को जलाना, हिन्दुओं की हत्या करना तथा महिलाओं और लडकियों पर बलात्कार जैसे प्रकार दिन-प्रतिदिन बढ रहे हैं । बांग्लादेश सरकार तथा पुलिस हिन्दुओं की रक्षा के लिए कुछ भी नहीं करती । अतः अब हिन्दुओं का बांग्लादेश में सुरक्षित रूप से रहना असभंव हुआ है । हिन्दुओं की रक्षा हेतु वहां कोई भी नहीं है । यदि ऐसे ही चलता रहा, तो पहले जैसी परिस्थिति निर्माण होकर बांग्लादेश में हिन्दू शेष नहीं रहेंगे । अतः संयुक्त राष्ट्र, भारत तथा विश्व के देशों को इस विषय पर ध्यान देकर हिन्दुओं की रक्षा हेतु अग्रसर रहना चाहिए ।
बांग्लादेश के हिन्दुओं पर आक्रमण एक नियोजनबद्ध षड्यंत्र ! – प्रा. चंदन सरकार, अध्यक्ष, ‘रिसर्च एंड एम्पॉवरमेंट ऑर्गनाइजेशन’, बांग्लादेश
वर्ष २०१२ से २०२२ की कालावधि में बांग्लादेश में नियोजनपूर्वक हिन्दुओं की वसाहतों पर आक्रमण कर हिन्दुओं को लक्ष्य किया जा रहा है । जिससे हिन्दुओं को बांग्लादेश छोडकर भागने के लिए विवश होना पडेगा । अतः वहां हिन्दुओं की जनसंख्या निरंतर घट रही है । पहले बांग्लादेश में हिन्दुओं की जनसंख्या २८ प्रतिशत थी, जो अब घटकर केवल ६ प्रतिशत रह गई है ।
संपूर्ण विश्व एवं भारत हिन्दुओं पर होनेवाले अत्याचार शांति से देख रहा है ! – दीपेन मित्रा, प्रधान सचिव, ‘वर्ल्ड हिन्दू फेडरेशन’, बांग्लादेश
पिछले कुछ महीनों में बांग्लादेश में ३२५ से अधिक हिन्दुओं के मंदिर तथा दुर्गापूजा के मंडपों की तोडफोड हुई है । हिन्दुओं की हत्या कर महिलाओं को भगाया जा रहा है । हिन्दुओं के अब कोई भी अधिकार शेष नहीं रहे हैं; किंतु संपूर्ण विश्व तथा पडोसी देश भारत शांति से यह सब देख रहा है । हिन्दुओं की पीडा रोकने के लिए हमें सहायता चाहिए ।
‘मानवाधिकार संगठन’ एवं ‘संयुक्त राष्ट्र’ को बांग्लादेश से इसका उत्तर मांगना चाहिए ! – शंभू गवारे, पूर्व एवं पूर्वोत्तर भारत समन्वयक, हिन्दू जनजागृति समिति
भारत में मुसलमानों पर कहीं भी अत्याचार हुए, तो विश्व के ५७ इस्लामी देश संगठित होकर उसके विरोध में आवाज उठाते हैं । ‘संयुक्त राष्ट्र’ तथा ‘यूरोपीय यूनियन’ भी उनके पक्ष में वक्तव्य करते हैं; किन्तु ३० वर्षाें से चल रहा कश्मीरी हिन्दुओं का नरसंहार तथा बांग्लादेश के हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचारों के संदर्भ में क्यों कुछ भी वक्तव्य नहीं करते ? विभाजन के पश्चात पाक तथा बांग्लादेश निवासी हिन्दुओं का वंशसंहार किया जा रहा है, तथा भारत में शेष धर्मांधों की जनसंख्या प्रतिदिन बढती जा रही है । साथ ही वे देशद्रोही एवं हिन्दूद्वेषी कार्यवाही कर रहे हैं, इस बात की ओर धर्मनिरपेक्षतावादी एवं आधुनिकतावादी कब ध्यान देंगे ? समस्त हिन्दुओं को अब संगठित होना चाहिए । बांग्लादेश के हिन्दुओं पर होनेवाले अत्याचारों के विरोध में ‘नीदरलैंड’ के विधायक गीर्ट विल्डर्स ने १३ प्रश्न पूछकर विश्व में आवाज उठाई थी । उसी प्रकार भारत के हिन्दुओं को भी बांग्लादेशी दूतावास के बाहर प्रदर्शन के माध्यम से उनपर दबाव डालना चाहिए । साथ ही वहां के ‘मानवाधिकार संगठन’ तथा ‘संयुक्त राष्ट्र’ को इस सदंर्भ में प्रश्न पूछने चाहिए ।
नामसाधना की श्रेष्ठता !‘यदि मानव एकाग्र चित्त हुआ, तो ही उसे किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त करना सहज होता है । उसके लिए नामसाधना ही श्रेष्ठ साधना है । प.पू. भक्तराज महाराजजी ने बताया है, ‘नाम ही इस भवसागर से पार कराता है ।’ – श्री. नाना (विजय) विष्णु वर्तक (आयु ७६ वर्ष, आध्यात्मिक स्तर ६५ प्रतिशत), नागोठणे, रायगड, महाराष्ट्र. (९.७.२०२१) |