कांग्रेस द्वारा अपनी वोट बैंक को सुरक्षित रखने के लिए मुसलमानों का तुष्टीकरण किए जाने से हिन्दुओं के अधिकारों का हनन होना !
धर्मांधों ने अभी तक कांग्रेस सरकार के माध्यम से विभिन्न प्रकार से हिन्दुओं के साथ अन्याय किया और उनका तुष्टीकरण करनेवाला ढोंगी धर्मनिरपेक्षतावाद चलाया । इसमें मुसलमानों को सभी क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार की सुविधाएं लेना, सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना, छात्रवृत्ति लेना, क्रमिक पुस्तकों के माध्यम से इस्लामी राज्यकर्ताओं का उदात्तीकरण और हिन्दुओं का सच्चा इतिहास छिपाकर झूठा इतिहास पढानेवाले क्रमिक पुस्तक बनाना (कांग्रेस सरकारों के आरंभिक दौर में पहले के ६ शिक्षामंत्री मुसलमान थे), हजयात्रा के लिए सुविधाएं लेना, मदरसों के लिए अनुदान प्राप्त करना, हज हाऊस के लिए सहायता लेना, ऊर्दू घर बनाना आदि अनेक सुविधाएं प्राप्त कीं । तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने वर्ष १९७६ में संविधान में ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द घुसा दिया । पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने ‘इस देश की साधनसंपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है’, ऐसा वक्तव्य दिया । धर्मांधों ने वोटबैंक के बल पर कांग्रेस से यह सब करवा लिया । राज्यकर्ताओं ने सभी राज्यों के पुलिस विभागों को मानो हिन्दुओं के परिवादों की अनदेखी करना, उन्हें कारागार में डालना और मुसलमानों को छोड देना जैसे आदेश ही दे रखे थे । इस प्रकार मुसलमानों ने अपनी वोटबैंक का लालच देकर हिन्दुओं के मौलिक अधिकारों का हनन कर एक प्रकार से ‘छिपा जिहाद’ ही चलाया !
मादक पदार्थाें का व्यवसाय बढाकर हिन्दुओं की पीढी ध्वस्त करना भी ‘जिहाद’ ही है !
धर्मांधों की ओर से हिन्दुओं की अर्थात भारत की भावी पीढी को ही ध्वस्त करने के उद्देश्य से भारत में अधिकाधिक मादक पदार्थाें का व्यवसाय कैसे बढे और देश की हिन्दू युवा पीढी उसमें संलिप्त होकर वह कैसे ध्वस्त हो, इस दृष्टि से योजनाबद्ध प्रयास किए गए । युवतियों से धोखाधडी कर उन्हें मादक पदार्थ खरीदने के लिए लाचार बनाने की अनेक घटनाएं सामने आईं । पंजाब में पाकसमर्थित जिहादियों ने मादक पदार्थाें का जाल फैलाकर युवा पीढी को नशे की खाई में ढकेल दिया है ।
विभिन्न व्यवसायों को कपटतापूर्ण पद्धति से अपने हाथ में लेकर एकाधिकार स्थापित करना भी एक प्रकार का ‘जिहाद’ ही है !
आज राष्ट्रविरोधी कृत्यों में संलिप्त लोगों ने भंगार, फल, फूल, कपडे, जूते, प्लास्टिक, गैरेज आदि व्यवसाय, साथ ही कपडे सिलनेवाले दर्जियों के पास काम करनेवाले कारीगर, कंगनवाले, हाथ पर मेहंदी रचनेवाले, पत्थरों पर कलाकारी करनेवाले आदि लोगों ने अनेक क्षेत्रों में अपना वर्चस्व स्थापित कर लिया है । यह करते समय उन्होंने हिन्दू व्यवसायियों के साथ अक्षरशः धोखाधडी कर, आवश्यकता पडने पर सस्ते भाव में माल बेचकर उद्योगों अथवा व्यवसायों पर अपना वर्चस्व स्थापित कर लिया है । यह भी एक प्रकार का जिहाद ही है, इसे हिन्दुओं को ध्यान में लेना चाहिए !
हिन्दी फिल्मों के माध्यम से हिन्दुओं का प्रतिमा-हनन कर मुसलमान समुदाय की प्रतिमा ऊंची कर जानबूझकर उनका महिमामंडन !‘मुसलमान समुदाय और उनके धर्मगुरु कैसे अच्छे हैं’, यह दिखाकर इस्लाम पंथ का महिमामंडन किया गया । यह सब इतनी सहजता से किया गया कि वह हिन्दुओं के ध्यान में ही नहीं आया । इस्लामपंथी अभिनेताओं का वर्चस्व स्थापित कर उनकी नायिकाओं को हिन्दू दिखाकर ‘लव जिहाद’ को प्रोत्साहन दिया गया । |