१. २९ सितंबर २००९ को इंग्लैंड के पुलिस कमिश्नर इयान ब्लेयर ने विश्व में सर्वप्रथम लव जिहाद का षड्यंत्र उजागर करते हुए कहा, ‘मुसलमान लव जिहाद के (‘रोमियो जिहाद’ के) षड्यंत्र में हिन्दू, सिख और ईसाई युवतियों को प्रेमजाल में फंसाते हैं; परंतु उसके उपरांत उनके साथ क्या होता है, यह किसी को पता नहीं ।’
२. भारत में जहां हिन्दू लडकियां बडी संख्या में ‘लव जिहाद’ की बलि चढ रही थीं, तो दूसरी ओर स्वयं को धर्मनिरपेक्ष कहलानेवाले प्रसारमाध्यम उस पर मौन रहे; परंतु केरल के धार्मिक समाचारपत्र ‘द केरला कौमुदी’ ने केरल में चल रहे ‘लव जिहाद’ के विरुद्ध सर्वप्रथम आवाज उठाई और उसके उपरांत ही देश को जिहादी आतंकवाद के इस संकट का भान हुआ ! (संदर्भ – लव जिहाद : दी न्यू फेस ऑफ टेरर, हिन्दू संगम, मुंबई)
३. वर्ष २००९ में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के उपरांत केरल राज्य में घटित ‘लव जिहाद’ के प्रकरणों की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण विभाग (एन.आई.ए.) को सौंपी गई ।
४. एन.आई.ए. की जांच में केरल में जिहादियों के ‘दवा दल’ द्वारा सैकडों हिन्दू लडकियों का योजनाबद्ध पद्धति से धर्मांतरण किए जाने की बात उजागर हुई । (दैनिक ‘सनातन प्रभात’, ६.९.२०१७)
५. इंग्लैंड की न्यायव्यवस्था ने भी धर्म पर हो रहे ‘लव जिहाद’ का आक्रमण पहचानकर दोषियों को दंड दिया, साथ ही वहां की जनता ने भी उसके विरुद्ध संगठित होकर आंदोलन चलाया ।
६. ‘विकीलिक्स’ द्वारा भी उजागर किया हुआ लव जिहाद का षड्यंत्र ! २६.२.२०११ को अमेरिका के चेन्नई स्थित अमेरिकी दूतावास ने भारत में चल रहे लव जिहाद के षड्यंत्र की जानकारी देनेवाले कुछ कागदपत्र अमेरिका भेजे थे । ‘विकीलिक्स’ जालस्थल ने अमेरिकी कागदपत्रों को ‘हैक’ कर चुरा लिया और उसके उपरांत इन कागदपत्रों को जालस्थल पर सार्वजनिक किया । उनमें स्थित कुछ अंश हैं – ‘मुसलमानों ने अब शुद्ध जिहाद और गोपनीय जिहाद के साथ ‘लव जिहाद’ का नया षड्यंत्र रचा है । ‘लव जिहाद’ में किसी प्रकार का प्रेमतत्त्व नहीं है; अपितु काफिरों के प्रति घृणा का भाव है । गैरमुसलमान भोली लडकियों को प्रेमजाल में फंसाकर उनसे कुकर्म करवाने का यह षड्यंत्र है ।’ (मासिक ‘तरुण हिन्दू, वर्ष ३, अंक क्रमांक ५, नवंबर २०११)
‘लव जिहाद’ का भयानक स्वरूप !
१. मूर्ख काफीर लडकियों को प्रेमजाल में फंसाकर, उन्हें आर्थिक समृद्धि का अथवा विवाह का लालच देकर भोगवस्तु के रूप में उनका उपयोग करना, उनका बलपूर्वक धर्मांतरण करना और उन्हें घर की चार दीवारों के अंदर अथवा बाजार में बिठाना’ ‘लव जिहाद’ का तंत्र है ! – डॉ. श्रीरंग गोडबोले, पुणे (साप्ताहिक ‘विवेक’, ८ नवंबर २००९)
२. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने यह निर्णय दिया है, ‘धर्मांतरण न किए गए गैरमुसलमान व्यक्ति का मुसलमान से किया गया विवाह वैध नहीं है’। उसके कारण ‘मुसलमान से विवाह का अर्थ धर्मांतरण’ तो स्वाभाविक ही है । उसके कारण हिन्दुओं का वंशविच्छेद ही होता है ।
३. हिन्दू लडकियों के साथ प्रेम का नाटक करना, उन्हें ‘निकाह’ करने पर बाध्य करना और दूसरी लडकी मिलने पर अथवा उस हिन्दू लडकी को संतान होने के उपरांत उसे उसके हाल पर छोड देना, ‘लव जिहाद’ का भयंकर और विकृत रूप है । (‘साप्ताहिक राष्ट्रपर्व’, ६.१२.२०१०)
४. मलेशिया के स्थानीय जिहादी गिरोह विद्यालयीन लडकियों को प्रेमजाल में फंसाकर और उनका अश्लील चित्रीकरण सार्वजनिक करने की धमकी देकर उन पर अत्याचार करते हैं, साथ ही उन्हें वेश्यावृत्ति करने के लिए बाध्य बनाते हैं । – सी. शिवराज, सचिव, मलेशियन इंडियन कांग्रेस, २३.१२.२०१० (ऐसा सर्वत्र ही होता है । – संकलनकर्ता)
५. धोखाधडी की गई हिन्दू युवतियों के विषय में धर्मांधों द्वारा इन विकल्पों का भी किया गया है उपयोग !
५ अ. आतंकी बनाकर अन्य देशों में भेजना : १० प्रतिशत धर्मांतरित युवतियों को आतंकी बना दिया जाता है । उसके लिए केरल से भाग्यनगर में दूसरे स्तर का प्रशिक्षण देने के लिए और वहां से नेपाल के मार्ग से पाकिस्तान को उसके अगले स्तर का प्रशिक्षण लेने के लिए भेजा जाता है । कुछ वर्ष पूर्व एक हिन्दू युवती को बुर्का पहनाकर दुबई भेजने का प्रयास करनेवाले धर्मांध युवक को बंदी बनाया गया था । केरल के युवक-युवतियां ‘आई.एस.आई.’ के युद्ध में भाग लेने हेतु सीरिया और अफगानिस्तान गए हैं, ऐसा कैथोलिक चर्च ने बताया । उक्त विभिन्न प्रकार के विकल्पों को स्वीकार करने से असहाय हिन्दू युवती एक तो आत्महत्या करती है अथवा नारकीय जीवन व्यतीत करती है । (संदर्भ – निवेदक, हिन्दू स्त्री रक्षा समिति एवं अन्य)
६. लव जिहाद के भयंकर परिणाम !
६ अ. आत्महत्याएं : धर्मांधों ने ‘ब्लैकमेल’ कर अथवा अन्य पद्धति से लडकियों का भीषण मानसिक उत्पीडन कर अथवा उन्हें धमकियां देकर उन्हें आत्महत्या करने के लिए प्रवृत्त किया, साथ ही कुछ लडकियों ने उनके साथ धोखाधडी होने की वास्तविकता ध्यान में आने पर अथवा धर्मांधों के द्वारा उनके परिजनों का उत्पीडन अथवा मानहानि होने के कारण भी आत्महत्या कीं ।
६ आ. हत्या : धोखाधडी करने के उपरांत, लडकी द्वारा विवाह का आग्रह रखने पर अथवा लडकी को जब उस धर्मांध का खरा रूप समझ में आता है, तब धर्मांधों ने अनेक लडकियों की गला दबाकर, काटकर अथवा अन्य पद्धति से हत्या की है । केरल के सिरो-मालाबार चर्च ने बताया कि योजनाबद्ध पद्धति से ‘लव जिहाद’ चलाकर ईसाई लडकियों की हत्या की गई । हिन्दू धर्मांधों द्वारा इन लडकियों के हाथों उनके परिजनों की हत्या करवाने की भी घटनाएं हुईं ।