हिमाचल प्रदेश में अब बलपूर्वक सामूहिक धर्मांतरण करने पर १० वर्ष कारावास !

शिमला (हिमाचल प्रदेश) – भाजपा शासित हिमाचल प्रदेश राज्य में सामूहिक धर्मांतरण विरोधी कानून में सुधार किया गया है । अब इस कानून के अनुसार बलपूर्वक धर्मांतर करने पर १० वर्ष कारावास का दंड हो सकता है । इससे पूर्व ऐसा करने पर ७ वर्ष दंड होता था । १८ महीने पूर्व ‘हिमाचल प्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम, २०१९’ पारित किया गया था । अब इसमें सुधार कर दंड की अवधि बढा दी गई है । इस अधिनियम में अब सामूहिक धर्मांतरण को भी परिभाषित किया गया है ।

इसमें कहा गया है कि ‘यदि कोई व्यक्ति दो या दो से अधिक लोगों को एक साथ धर्मांतरित करता है, तो वह सामूहिक धर्मांतरण के दायरे में आएगा और संबंधित व्यक्ति पर उसी अधिनियम के अनुसार अभियोग प्रविष्ट किया जाएगा’।

संपादकीय भूमिका

बलपूर्वक धर्म परिवर्तन करने पर दंड देना, भले ही उचित हो, किंतु मूलत: धर्मांतरण करना संभव ही न हो, इसके लिए कठोर कानून बनाने की आवश्यकता है, जिस पर केंद्र सरकार को ध्यान देना चाहिए !