Assam Janata Raja : असम में ‘जाणता राजा’ महानाट्य का प्रयोग होगा ! – मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा
असम के महान हिन्दू योद्धा लचित बरफुकन का भी जीवनचरित्र इस प्रकार के महानाट्य के रूप में विश्व के सामने लाने का विचार !
असम के महान हिन्दू योद्धा लचित बरफुकन का भी जीवनचरित्र इस प्रकार के महानाट्य के रूप में विश्व के सामने लाने का विचार !
भारत के वास्तविक इतिहास का पुनर्लेखन होना अति आवश्यक है । निर्माता विवेक रंजन अग्निहोत्री ने यह जो कदम उठाया है, वह अभिनंदनीय ही है !
आज विदेश में भौतिक सुख भले ही मिलता है, किंतु मन की शांति नहीं, यह स्पष्ट दिखाई दे देती है । नैतिकता का भी ह्रास हुआ है । ये दोनों बातें हिन्दू धर्म में हैं । भौतिक सुविधाएं निर्मित करने में भारत को अनेक वर्ष लग सकते हैैं; किंतु साधना के माध्यम से भारत विश्वगुरु हो सकता है ।
यहां परदेवताओं की अनेक मूर्तियां और स्तंभ अधिक रहे हैं । इस विषय में अधिक जानकारी अभी नहीं दी गई है । श्रीराममंदिर का निर्माण कार्य पूर्ण होने के उपरांत खुदाई के समय मिले अवशेष दर्शन के लिए रखे जाएंगे ।
सरकार तथा नागरिकों को विदेशी संस्कृति के चिह्न मिटाने का कोई भी अवसर नहीं छोडना चाहिए ! हिन्दू महारक्षा अघाडी द्वारा सामने रखा गया यह सूत्र देशभक्त गोमंतकीय तथा भाजपा सरकार द्वारा अपनाकर भारत के इस भाग से एक और विदेशी जुए को उखाड कर संस्कृति को विकसित करने का प्रयास करेगी !
पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद का स्पष्टीकरण !
भविष्य में लोकतंत्र मार्ग से इन सभी मंदिरों को प्राप्त करने के पश्चात उनके रक्षणार्थ हिन्दुओं के पास क्या कोई दूरगामी योजना है ? सरकार पर निर्भर न रहते हुए मंदिरों की रक्षा के लिए हिन्दुओं को स्वतंत्र एवं सक्षम यंत्रणा खडी करनी भी उतनी ही आवश्यक है !
हिन्दू पक्ष द्वारा पूरा खर्च उठाने का न्यायालय द्वारा आदेश देने का कमिटी का दावा
‘शिवाजी का मुख्य सेनापति मुसलमान था । उन्हें अपने लोगों पर (हिन्दुओं पर) विश्वास नहीं था । उस समय हिन्दू मुसलमान भेद ही नहीं था ।’ ऐसा छत्रपति शिवाजी महाराजजी का एकेरी उल्लेख करते हुए विषवमन !
ज्ञानवापी के सर्वेक्षण का दूसरा दिन
५ कलश के साथ पाई गई कमल की आकृति !
२ फुट का मिला त्रिशूल !