(‘युनेस्को’ संयुक्त राष्ट्रसंघ की शैक्षणिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संस्था है ।)
मुंबई – युनेस्को के वैश्विक सांस्कृतिक धरोहर वाले स्थानों की वर्ष २०२४-२५ की सूची में छत्रपति शिवाजी महाराज के दुर्गों का समावेश होने के लिए केंद्र सरकार ने १२ दुर्गों का नाम भेजा है । यह जानकारी केंद्रीय शासन के संस्कृति मंत्रालय ने दी है । छत्रपति शिवाजी महाराज ने शत्रुओं से लडने के लिए जिन १२ दुर्गों का निर्माण कर उनका उपयोग सैनिक छावनी के रूप में किया था, उनका समावेश इसमें है ।
India nominates the 'Maratha Military Landscapes of India' (forts of Chhatrapati Shivaji Maharaj) for recognition as #UNESCO's World Heritage List for the year 2024-25. #UnescoWorldHeritage #Maharashtra #ChhatrapatiShivajiMaharaj pic.twitter.com/AJgOYm7h7b
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) January 30, 2024
१. इसमें शिवनेरी, लोहागढ़, रायगढ़, सुवर्णदुर्ग, पन्हाला, विजयदुर्ग, सिंधुदुर्ग, साल्हेर, राजगढ़, खंडेरी, प्रतापगढ़ और तमिलनाडु में स्थित जिंजी दुर्ग का चयन किया गया है ।
२. १७ वीं और १९ वीं शताब्दी में मराठों के शासनकाल में शासकों ने इन दुर्गों के माध्यम से अतुल्य पराक्रम किया था । सह्याद्री, कोंकण का समुद्री तट और दख्खन के पठारों पर स्थित इन दुर्गों का भौगोलिक तथा सांस्कृतिक महत्त्व है, यह जानकारी ‘प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो’ ने बताई है ।
३. अबतक महाराष्ट्र के ६ स्थानों समेत भारत के ४२ स्थानों का समावेश युनेस्को की सूची में हो चुका है ।