Hindus Baghpat Lakshagriha : बागपत (उत्तर प्रदेश) स्थित  लाक्षागृह हिंन्दुओं का है !

न्यायालय ने मुसलमानों का दावा किया निरस्त !

बागपत (उत्तर प्रदेश) – महाभारत में उल्लेखित लाक्षागृह वर्तमान में उत्तर प्रदेश के बागपत के बरनावा में स्थित है। १९७० से ही मुसलमान दावा करते आ रहे हैं, कि यह लाक्षागृह ‘बदरुद्दीन की कब्र’ है। ये प्रकरण गत ५३ वर्षों से न्यायालय में लंबित था। न्यायालय ने अब लाक्षागृह को हिन्दूओं को सौंपने का आदेश दिया है।

१. मुसलमानों का कहना है कि बदरुद्दीन की कथित कब्र के समीप एक मुस्लिम कब्रिस्तान भी है। उनका दावा है कि यह भूमि वक्फ बोर्ड की है। न्यायालय ने मान्या किया कि यह लाक्षागृह है, कब्र नहीं। न्यायालय ने १०० बीघे जमीन और कब्रगाह हिन्दूओं को देने का आदेश दिया है।

२. हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता रणवीर सिंह ने कहा कि हमने इस भूमि संबंद्ध सारे साक्ष्य न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर दिए हैं। न्यायालय को अवगत कराया कि लाक्षागृह का इतिहास महाभारत काल से संबद्ध है। इस स्थान पर संस्कृत विद्यालयों के साथ-साथ महाभारत काल के चिन्ह भी उपस्थित हैं।

३. वर्ष १९५३ में खनन के समय यहां ४,५०० वर्ष पुरानी महत्वपूर्ण वस्तुएं भी मिलीं। यहां महाभारत काल की एक सुरंग और पौराणिक भित्तियां हैं। पुरातत्व विभाग को यहां से महत्वपूर्ण पुरावशेष भी प्राप्त हुए हैं। यह स्थल अब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के नियंत्रण में है; किन्तु वर्ष १९७० में उत्तर प्रदेश वक्फ बोर्ड ने इस स्थान पर अपना अवैधानिक स्वामित्व जताया। वक्फ बोर्ड की ओर से मुकीम खान ने कब्र और आसपास के कब्रिस्तान पर स्वामित्व का दावा प्रविष्ट  किया और दावा किया कि ‘लाक्षागृह टीला’ बदरुद्दीन शाह की कब्र है। इस प्रकरण में मुकीम खान ने ब्रह्मचारी कृष्ण दत्त को प्रतिवादी बनाया था। अब ये दोनों ही जीवित नहीं हैं।

लाक्षागृह का इतिहास क्या है ?

इसी लाक्षागृह स्थान पर महाभारत के समय दुर्योधन ने पांडवों को जलाने का प्रयास किया था। लाक्षागृह का निर्माण कौरवों ने पांडवों को मारने के लिए किया था। इस लाक्षागृह को बनाने के लिए लाख, मोम, घी और तेल को एक साथ मिलाया गया था।

(सौजन्य : Anirudh Singh)

धृतराष्ट्र के आदेश पर, जब पांडव वहां रहने आये तो उसे आग लगा दी गयी; किन्तु पांडव एक सुरंग से बाहर आ गए। यह सुरंग आज भी बरनावा में उपस्थित है।

संपादकीय भूमिका 

अब समय आ गया है कि देश में मुसलमानों द्वारा बलपूर्वक हथियाए गए, हिन्दूओं के प्रत्येक  स्थान को मुक्त कराया जाए और समय के साथ ऐसा हो भी रहा है। आगामी कुछ वर्षों में देश के सभी ठिकानों में, इन्हें मुक्त कराने के लिए हिन्दूओं को युद्ध स्तर पर प्रयास करना चाहिए !