गर्भवती महिलाओं को ‘रामायण’ और ‘सुंदरकांड’ पढना चाहिए ! – तेलंगाना के राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन्
जब महिला गर्भवती हो तब उसने रामायण और सुंदरकांड पढना चाहिए ।
जब महिला गर्भवती हो तब उसने रामायण और सुंदरकांड पढना चाहिए ।
जिस क्षेत्र का हमें ज्ञान नहीं है, उसके विषय में अपनी अज्ञानता का प्रदर्शन तो न करें, यह सरल एवं सीधा सामाजिक नियम भी न जाननेवाले हिन्दूद्वेषी स्वयं का ही उपहास उडा रहे हैं !
पुजारियों को ‘अर्धनग्न’ कहते हुए उन्हेें नीचा दिखाने का दुस्साहस होता है । मक्का के ‘काबा’के दर्शन लेने के लिए जानेवाले सभी मुसलमान पुरुष ‘पुजारियों समान ही’ कमर के ऊपर वस्त्र नहीं पहनते, उन्हें ‘अर्धनग्न’ कहने का दुस्साहस भुजबल में है क्या ?
रामराज्य’ कहने में जो बात है, वह ‘हिन्दू राष्ट्र’ कहते हुए नहीं आती । हमें हिन्दू राष्ट्र नहीं चाहिए । हमारी इच्छा तो रामराज्य की है । हिन्दू राष्ट्र रावण एवं कंस के भी थे; परंतु प्रजा को कष्ट हुआ । सबसे आदर्श राज्य रामराज्य था ।
हिन्दुओं के मंदिरों में क्या हो अथवा क्या न हो, इसके संदर्भ में निर्णय लेने का अधिकार सरकारों को नहीं, अपितु धर्माचार्यों को होना चाहिए !
मंदिर का निर्माण तीन चरणों में हो रहा है तथा प्रथम चरण पूर्ण होने के उपरांत भक्तगण मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे । प्रथम चरण में तल के अन्य कामों के सिवाय ५ मंडपों का निर्माणकार्य पूर्ण किया जाएगा ।
बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्रकृष्ण शास्त्री ने किया हिन्दुओं को धर्मशिक्षा देने का आवाहन !
मंदिरों में इफ्तार की मेजबानियां करने के लिए बोर्ड की ओर से अनुमति कैसे दी जाती है ? यह हिन्दू धर्म विरोधी नहीं है क्या ?
सऊदी अरब में एक हिन्दू अभियंता को इसलिए बंदी बनाया गया, क्योंकि उसके द्वार पर स्वस्तिक चिन्ह लगा था । स्वस्तिक चिन्ह को नाझी का मानने के कारण यह घटना घटी ।
सनातन धर्म में शास्त्र तथा हथियार दोनों की आवश्यकता है । शास्त्र एवं शस्त्र ( हथियार ) में अधिक अंतर नहीं है ।