पाटलिपुत्र (बिहार) – भगवान हनुमान शास्त्र के एवं अंगद हथियार के प्रतीक हैं । सनातन धर्म में शास्त्र तथा हथियार दोनों की आवश्यकता है । शास्त्र एवं शस्त्र ( हथियार ) में अधिक अंतर नहीं है । केवल एक मात्रा निकाली, तो शास्त्र का शस्त्र बन जाता है । सनातन धर्म की रक्षा के लिए ‘माला’ (जप माला ) तथा ‘भाला’ दोनों की आवश्यकता है, बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्रकृष्ण शास्त्री ने यहां हनुमान कथा के समापन के अवसर पर उपस्थित लाखों श्रद्धालुओं को ऐसा मार्गदर्शन किया । अपनी ५ दिवसीय कथा का समापन होने पर वे पुन: बागेश्वर धाम की ओर अग्रसर हुए । पाटलिपुत्र में उनके भीतपत्रकों पर काली स्याही पोतने की घटना पर उन्होंने कहा, ‘भीतपत्रक फाडे जा सकते हैं; परंतु आप लोगों के अंत:करण से कैसे निकालेंगे ?’, उन्होंने ऐसा प्रश्न भी पूछा ।