हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से वृंदावन (उत्तर प्रदेश) में प्रांतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन संपन्न !

वृंदावन (उत्तर प्रदेश) – यहां के बालाजी धाम मंदिर परिसर में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से प्रांतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन आयोजित किया गया था । इस अधिवेशन में उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड एवं जम्मूसहित विभिन्न राज्यों के १२० से अधिक हिन्दुत्वनिष्ठ, संत, अधिवक्ता, विचारक, मंदिरों के न्यासी, संपादक, उद्योगपति तथा सूचना अधिकारी कार्यकर्ताओं ने सहभाग लिया । इस अधिवेशन में आचार्य महामंडलेश्वर प्रणवानंद सरस्वतीजी, ‘श्री वृंदावन बालाजी देवस्थान’ के संस्थापक पू. डॉ अनुराग कृष्ण पाठकजी, पू. पवन सिन्हा गुरुजी तथा हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी की वंदनीय उपस्थिति थी ।

इस अधिवेशन में ‘हिन्दू सेवा परिषद’ के प्रदेशाध्यक्ष श्री. अतुल जेसवानी, ‘हिन्दू टाइगर फोर्स’ के जबलपुर के अध्यक्ष श्री. नितेश पटेल, ‘श्रीराम युवा सेना’ के प्रदेश महामंत्री श्री. हरीश जोशी ने अपने संगठन के माध्यम से राष्ट्र एवं धर्म रक्षा के किए गए कार्य के विषय में अनुभवकथन किया ।

संतों द्वारा मार्गदर्शन

आचार्य महामंडलेश्वर प्रणवानंद सरस्वतीजी

आचार्य महामंडलेश्वर प्रणवानंद सरस्वतीजी

बांग्लादेश के हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार चिंता का विषय हैं । भारत सरकार को बांग्लादेश सरकार पर दबाव बनाकर वहां के हिन्दुओं के मानवीय अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए ।

प.पू. त्र्यंबकेश्वर चैतन्य महाराजजी, वृंदावन

प.पू. त्र्यंबकेश्वर चैतन्य महाराजजी

भारत जितना समृद्ध होगा, उतना ही विश्व समृद्ध होगा । भारत के शक्तिशाली होने का अर्थ अखिल मानवता का शक्तिशाली होने जैसा है । किसी भी हिन्दू राजा ने अन्यों का धर्मांतरण करने के लिए किसी पर आक्रमण नहीं किया । वर्तमान में कुछ लोग विश्व में आतंकवाद फैला रहे हैं, यह उनकी सीख है । उनके जीवन में मानवता एवं अहिंसा के दर्शन नहीं हैं । जो कायर लोग थे, उन्होंने धर्म-परिवर्तन किया है ।

पू. डॉ. अनुराग कृष्ण पाठकजी

काशी एवं मथुरा की विवादित भूमि के अभियोग की सुनवाई शीघ्रगति न्यायालय में की जाए ।

पू. पवन सिन्हा गुरुजी

पू. पवन सिन्हा गुरुजी

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में हलाल प्रमाणपत्र पर जो प्रतिबंध लगाया है, उसका हम स्वागत करते हैं । अब पूरे देश में अवैध हलाल प्रमाणपत्र पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए ।

भारत की सांस्कृतिक अस्मिता संजोने हेतु हिन्दू राष्ट्र आवश्यक ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति

सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी

भारत की सांस्कृतिक अस्मिता तथा अखंडता को बनाए रखने हेतु हिन्दू राष्ट्र की स्थापना आवश्यक है । अमेरिका के ‘प्यू रिसर्च सेंटर’ के ब्योरे का संदर्भ देकर उन्होंने यह चेतावनी दी कि वर्ष २०५० तक भारत विश्व का सबसे अधिक मुसलमान जनसंख्यावाला देश बनेगा । सद्गुरु डॉ. पिंगळेजी ने मणिपुर एवं मिजोरम में ‘स्वतंत्र ईसाई राष्ट्र’ बनाने की मिल रही धमकियों के विषय में चिंता व्यक्त की, साथ ही वक्फ कानून का अनुचित लाभ उठाकर ‘लैंड जिहाद’ चलाने का भी उन्होंने उल्लेख किया ।


‘श्री वृंदावन बालाजी देवस्थान’ के संस्थापक पू. डॉ. अनुराग कृष्ण पाठकजी द्वारा हिन्दू जनजागृति समिति के कार्य की प्रशंसा !

पू. डॉ. अनुराग कृष्ण पाठकजी

पू. डॉ. अनुराग कृष्ण पाठकजी ने इस अधिवेशन के लिए ‘श्री वृंदावन बालाजी देवस्थान’ का सभागार उपलब्ध कराया, साथ ही अधिवेशन की व्यवस्था के परिप्रेक्ष्य में उन्होंने सर्वाेपरि सहायता की । समिति द्वारा आयोजित अधिवेशन उन्हें बहुत अच्छा लगा तथा उन्होंने इस उपक्रम की प्रशंसा की । इस अवसर पर उन्होंने घोषित किया, ‘प्रतिवर्ष यही अधिवेशन का आयोजन किया जाए ।’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पहली बार इतने बडे कार्यक्रम का इतना शांतिपूर्ण आयोजन देखा है ।’’ समिति के साधकों का सेवाभाव देखकर वे बहुत आनंदित हुए । पू. डॉ. पाठकजी ‘आध्यात्मिक गुरु’ के रूप में विख्यात हैं । सनातन धर्म एवं इतिहास के विषय में उनका गहन अध्ययन है । श्री वृंदावन बालाजी देवस्थान में स्थित उनका कक्ष मानो ग्रंथालय ही है ।

अधिवेशन में हिन्दुत्वनिष्ठों द्वारा मार्गदर्शन

१. श्री. समीर कुमार, सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी, देहली

देवी-देवताओं का अनादर करनेवाले फेसबुक के खातों पर प्रतिबंध लगाना, यह बात यदि फेसबुक की नीति में नहीं बैठती हो, तो उन्हें इसमें परिवर्तन लाने की आवश्यकता है । उसके लिए फेसबुक जैसे विदेशी प्रतिष्ठानों पर दबाव डाला जाना चाहिए । उन्हें यदि भारत में अपना कार्य चलाना है, तो उन्हें देश के मानबिंदुओं का सम्मान करना पडेगा ।

२. श्री. राहुल दिवाण, सरयू फाउंडेशन

भारत में हिन्दू राष्ट्र लाना हो, तो उसका एकमात्र उपाय है मुसलमानों की ‘घरवापसी’ करना ! वर्तमान में इरान, सउदी अरेबिया जैसे देशों के लोग इस्लाम छोड रहे हैं । भारत में भी ऐसे मुसलमान हैं, जिन्हें इस्लाम छोडना है । ‘एक्स मुस्लिम’ (पहले इस्लामी रह चुके मुसलमान) नाम से एक अभियान चल रहा है, जिस माध्यम से लोग इस्लाम का वास्तविक रूप आगे ले आ रहे हैं । इसलिए हिन्दू संगठनों को बडे स्तर पर प्रधानता लेकर ऐसे लोगों की ‘घरवापसी’ कराने हेतु सहायता करनी चाहिए ।

३. श्री. ललित महेश्वरी, विश्व हिन्दू परिषद, मुजफ्फरनगर

उत्तर भारत में युवतियां बडे स्तर पर मेहंदी लगाती हैं । करवा चौथ त्योहार के समय तो मेहंदी लगाने की बडी प्रथा है । ऐसे में अनेक अन्य धर्मीय युवक मेहंदी लगाने के माध्यम से हिन्दू लडकियों को अपने जाल में फंसाने का प्रयास करते हैं । उसके कारण विश्व हिन्दू परिषद ने मुजफ्फरनगर की हिन्दू युवतियों को मेहंदी लगाने का प्रशिक्षण दिया तथा यह व्यवसाय करने हेतु हिन्दू लडकियों की बहुत सहायता की ।

४. सुश्री नीरा मिश्र, अध्यक्षा, द्रौपदी ड्रीम ट्रस्ट

वर्ष १९६५ में यमुना नदी पर पहला बांध बनाया गया । उसके उपरांत अनेक स्थानों पर बांध बनाकर पानी रोका गया, साथ ही अनेक स्थानों पर बडे-बडे एंजिन लगाकर बिजली उत्पादन परियोजनाएं बनाई गईं । इसके साथ ही हरियाणा में कृषि हेतु नहर के माध्यम से पानी छोडा गया । उसके परिणामस्वरूप देहली में बहुत अल्प पानी आने लगा तथा देहली से ही २ राज्यों के लिए पानी का विभाजन किया गया । उसके कारण देहली से आगे यमुना का अस्तित्व नहीं रहा । आज जो पानी आ रहा है, वह नाले का है । यमुना नदी विलुप्त होने की कगार पर है ।

५. श्रीमती तुलिका सिंह, लेखिका, ‘अश्वत्थ ट्री बुक्स’, संस्थापक, देहली

वर्तमान में कथाओं की पुस्तकों में ‘हिन्दू’ एवं ‘सनातन’, ऐसे शब्द देखने पर अनेक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों ने कहा, ‘हमारी पुस्तकें बहुत अच्छी हैं; परंतु उन्हें हम ग्रंथालय में नहीं रख सकते ।’ क्योंकि उनके विद्यालय में अन्य पंथ के शिक्षक भी हैं । इससे हिन्दुओं की स्वधर्म के प्रति उदासीनता दिखाई देती है ।

६. श्री. आजाद विनोद, सुदर्शन वाहिनी संगठन, देहली

हिन्दू जनजागृति समिति एक मंच है, जिसके माध्यम से सभी संगठन संगठित होकर कार्य कर रहे हैं ।

७. श्री. विनोद यादव, धर्मरक्षक संगठन, मध्य प्रदेश

आज के हिन्दुओं को शत्रुबोध नहीं है । वे राम की भक्ति तो करते हैं; परंतु राम का कार्य अर्थात ही धर्म का कार्य करना चाहिए, यह बात उनके ध्यान में नहीं आती । जैसे विभीषण राम के भक्त थे; परंतु वे जब रावण की लंका से श्रीराम के पास आए तथा उन्होंने श्रीराम की कार्यपूर्ति हेतु रावण का रहस्योद्घाटन किया, तब वे वास्तव में श्रीराम की कृपा के पात्र बने । अतः हिन्दुओं को ईश्वर की कृपा हेतु धर्म का कार्य करना आवश्यक है । हिन्दू जनजागृति समिति मुझे बहुत निकटतम लगती है; क्योंकि यह ईश्वरीय प्रेरणा से कार्य करनेवाली एकमात्र संस्था है ।

क्षणिकाएं

१. हिन्दू विधिज्ञ परिषद की अधिवक्त्री अमिता सचदेवा न्यायालय के माध्यम से धर्म की लडाई लडती हैं; इसलिए पू. समानंद गिरी महाराजजी के करकमलों से उन्हें सम्मानित किया गया ।

२. इस अधिवेशन में ‘बांग्लादेश के हिन्दुओं पर हो रहे आक्रमण से हमने क्या सीखा ?,’ इस विषय पर एक विचारगोष्ठी का आयोजन किया गया ।

३. राजस्थान के जयपुर, अजमेर एवं झुंझुनू से आए हिन्दुत्वनिष्ठों ने बताया, ‘हम अपने क्षेत्र में इस प्रकार के अधिवेशन का आयोजन करेंगे ।’

४. इस अवसर पर काशी एवं मथुरा, इन दोनों न्यायालयीन विवादों के संदर्भ में ‘हस्ताक्षर अभियान’ चलाया गया तथा इस संदर्भ में ‘ऑनलाइन याचिका’ का भी आरंभ किया गया ।

अभिमत

१. पिंकी कौशिक, संयोजिका, दुर्गावाहिनी, हरियाणा : हिन्दू जनजागृति समिति के सभी साधकों से मिलकर बहुत आनंदित हूं । इतना आनंद अपने संबंधियों से मिलकर भी नहीं होता ।

२. अधिवक्ता मोहन कौशिक, विधि प्रकोष्ठ, विश्व हिन्दू परिषद, हरियाणा : हिन्दू जनजागृति समिति एक माला है, जिसमें सभी मोतीरूपी संगठन एकत्रित हुए हैं ।