भारत में राज्य व्यवस्था हिन्दुओं के लिए अनुकूल होने हेतु भारत को वैधानिक रूप से ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित करना आवश्यक है – श्री. रमेश शिंदे

पूर्व एवं पूर्वाेत्तर भारत में ‘दो दिवसीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ संपन्न हुआ !

दीपप्रज्वलन करते हुए (बाएं से) श्री. रमेश शिंदे, स्वामी वृंदावन दास महाराजजी, स्वामी प्रयाग आत्मानंद महाराजजी, डॉ. कौशिक चंद्र मल्लिक

धनबाद (झारखंड) – ‘‘भारत में राज्य व्यवस्था हिन्दुओं के लिए अनुकूल होने हेतु वैधानिक मार्ग से भारत को ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित करना आवश्यक है । इसलिए हिन्दू संगठित होकर लोकतांत्रिक मार्ग से हिन्दू राष्ट्र आंदोलन को सशक्त बनाएं ।’’, ऐसा आवाहन हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे ने हीरापुर (धनबाद) स्थित अग्रसेन भवन में आयोजित ‘दो दिवसीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ के समय किया । इस अधिवेशन का आरंभ उपस्थित संतों के करकमलों से दीपप्रज्वलन कर किया गया । अधिवेशन के उद्घाटन सत्र में ‘भारत सेवाश्रम संघ’ के स्वामी प्रयाग आत्मानंद महाराजजी, कथाकार तथा प्रबोधनकार स्वामी लोचन महाराजजी, इस्कॉन के श्रीमान नाम प्रेम प्रभु ने मार्गदर्शन किया ।

हम हिन्दू राष्ट्र के बहुत निकट हैं, अब अपने प्रयास कई गुना बढाएं – स्वामी लोचन महाराजजी कथाकार तथा प्रबोधनकार स्वामी लोचन महाराजजी ने बताया, ‘‘हमें अपनी संस्कृति की ओर लौटना चाहिए । समाज में दोहरी व्यवस्था चल रही है । हमारे धर्मग्रंथों को एक वर्ग तोड-मरोडकर प्रस्तुत कर रहा है । इसका उदाहरण मनुस्मृति है । आप सभी मनुस्मृति मंगवाएं और उसका अध्ययन करें । भगवान मनु ने जातियों की नहीं, वर्ण की व्यवस्था की है ।

आज हम हिन्दू राष्ट्र के मुहाने पर हैं, परंतु हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि जिस प्रकार १८५७ की क्रांति के समय स्वतंत्रता के मुहाने पर रहकर भी स्वतंत्रता नहीं मिली थी, उसी प्रकार मुहाने पर ही बहुत अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है । केवल वैचारिक स्तर पर विचार न करते हुए हमें कृति के स्तर पर कार्य करना होगा ।’’
मंदिरों का सरकारीकरण बंद हो !
– स्वामी वृंदावन दास महाराजजी

अधिवेशन में उपस्थित मान्यवर

बंगाल में मंदिरों को एकजुट करने में कार्यरत श्री वृंदावन दास महाराजजी ने अपने वक्तव्य में बताया कि ‘‘हमारे मंदिर धर्म का केंद्र हैं । हजारों वर्ष पुराने मंदिर आज सरकारीकरण का शिकार हो चुके हैं तथा बहुत से मंदिर जर्जर अवस्था में हैं !

प्राचीन हिन्दू परंपरा के प्रतीक हमारे मंदिरों की पुनर्स्थापना के दृष्टिकोण से हमें मंदिरों का पुनरुद्धार करवाना होगा । साथ ही हिन्दू धर्म में पूजनीय गोमाता के संवर्धन का प्रयास भी हमें करना है । भारत का गौरव है – गाय एवं गंगा । इन दोनों के संरक्षण का बहुत ही अधिक महत्त्व है । हमारे धर्मग्रंथ गीता तथा रामायण का अध्ययन छोटी आयु से ही बच्चों को करना चाहिए । इसके अनुपालन से बच्चों में उच्च संस्कार दृढ होंगे ।’’ हमारा लक्ष्य – संवैधानिक हिन्दू राष्ट्र !
– डॉ. नील माधव दास

तरुण हिन्दू के संस्थापक डॉ. नील माधव दास ने बताया, ‘‘हमारा लक्ष्य है संवैधानिक हिन्दू राष्ट्र, जिसकी नींव हिन्दू सनातन धर्म होगी । हिन्दू राष्ट्र अर्थात हिन्दुओं का राष्ट्र ! हिन्दुओं के द्वारा एवं हिन्दुओं के लिए संचालित किया जानेवाला राष्ट्र !

आज तेजी से बढते धर्मांतरण को रोकने के लिए हमें सनातन धर्म की जडें बचपन से ही हर बच्चे के मन में अंकित करनी होंगी । अभी तक मेरे माध्यम से ३ मुस्लिम परिवारों की घर वापसी हिन्दू धर्म में हुई है । साथ ही बाकी धर्मांतरित लोग भी घर वापसी करें, ऐसा हमारा प्रयास चल रहा है । इस अधिवेशन में झारखंड, बंगाल एवं बिहार राज्यों के हिन्दुत्वनिष्ठ सहभागी हुए ।

लव जिहाद की भीषणता एवं उपाय – परिसंवाद

इस अधिवेशन में लव जिहाद के संदर्भ में हुए परिसंवाद में हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे, धनबाद जिला न्यायालय के अधिवक्ता संतोष कुमार, पत्रकार श्री. बिद्युत वर्मा, रांची के रा.स्व. संघ के श्री. शरद पवार तथा हिन्दू जनजागृति समिति के पूर्व एवं पूर्वोत्तर भारत राज्य समन्वयक श्री. शंभू गवारे सम्मिलित हुए ।
श्री. रमेश शिंदे ने बताया कि ‘‘इस्लाम के बचाव के लिए हिन्दू लडकियों से विवाह के उद्देश्य से लव जिहाद का षड्यंत्र किया जा रहा है । साथ ही ‘भ्रूण जिहाद’ की समस्या की भी चर्चा की गई, जिसमें बडी आयु की हिन्दू महिलाओं के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रहकर जिहादी अनेक बच्चों को जन्म देते हैं । लव जिहाद की चपेट में आई लडकियों की दैनिक स्थिति कैसी है ? इस पर महिला आयोग नजर रखे ।

इस दो दिवसीय अधिवेशन में ‘हिन्दू राष्ट्र’ एवं ‘बंगाल में हिन्दुओं की सुरक्षा एवं संगठन में आनेवाली समस्याएं और उपाय’, इन विषयों पर भी परिसंवाद आयोजित किया गया !