अध्यात्मशास्त्र के दृष्टिकोण से हस्तरेखा शास्त्र !

हस्तरेखा शास्त्र के द्वारा व्यक्ति का स्वभाव, स्वास्थ्य, बुद्धि, विद्या, कार्यक्षेत्र, प्रारब्ध आदि अनेक बातों का बोध होता है । प्रस्तुत लेख में हस्तरेखा शास्त्र में अध्यात्म से संबंधित बातों का विचार कैसे किया जाता है, इसका विवेचन किया गया है ।

अच्छे स्वास्थ्य के लिए विरुद्ध आहार लेना टालें !

‘विरुद्ध आहार’ एक भिन्न संकल्पना है । बहुत ही संक्षेप में कहना हो, तो ऐसे पदार्थ, जिन्हें एक-दूसरे के साथ खाया गया, तो वे स्वास्थ्य के लिए घातक होते हैं । ‘केले का दूध में बनाया गया सिखरन’ आयुर्वेद के अनुसार विरुद्ध आहार ही है !

बैठी जीवनशैली के कारण होनेवाले दुष्परिणाम टालने हेतु प्रतिदिन व्यायाम करें !

स्वस्थ जीवनयापन हेतु व्यायाम की आवश्यकता, उसका महत्त्व एवं उस संदर्भ में शंका निवारण !

शारदीय नवरात्रि : देवी महिमा, शक्तिपीठ दर्शन एवं अध्यात्मशास्त्र

मंदिर में देवी की स्वयंभू मूर्ति है । मंदिर की रचना वृत्ताकार गुंबद की भांति है, साथ ही पूर्व में मंदिर का प्रवेशद्वार है तथा देवी की मूर्ति दक्षिणमुखी है । मंदिर में उत्तर की दिशा में स्थित शिलाखंड पर देवी के ३ नेत्र हैं । देवी के गले में सर्पमाला एवं मुंडमालाएं हैं ।

नवरात्रि का शास्त्र एवं इतिहास

श्रीरामचंद्रजी के हाथों रावण का वध हो, इस उद्देश्य से नारदमुनि ने श्रीराम को नवरात्रि का व्रत करने के लिए बताया । तत्पश्चात यह व्रत पूर्ण कर श्रीराम ने लंका पर चढाई कर, रावण का वध कर दिया ।

अखंड ज्योतिस्वरूप कांगडा, हिमाचल प्रदेश की श्री ज्वाला देवी !

हिमाचल प्रदेश में श्री ज्वालादेवी का मंदिर देश के महत्त्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से तथा ५१ शक्तिपीठों में से एक है ।

नवरात्रि के काल में होनेवाली धर्महानि रोकें तथा ‘आदर्श नवरात्रोत्सव’ मनाए जाने हेतु प्रयास कर देवी की कृपा प्राप्त करें !

‘३.१०.२०२४ से नवरात्रोत्सव आरंभ हो रहा है । पूरे देश में बडे उत्साह एवं भक्तिभाव से यह उत्सव मनाया जाता है । इस काल में देवीतत्त्व सामान्य की तुलना में १ सहस्र गुना कार्यरत होता है । नवरात्रि के उपलक्ष्य में व्यापक धर्मप्रसार होने हेतु निम्न प्रयाास कर देवी की कृपा प्राप्त करें ।

‘ज्ञानयोग से संबंधित लेख का संगणकीय टंकण एवं संकलन करना’, इन सेवाओं के लिए ज्ञानयोग में रुचि रखनेवालों की आवश्यकता !

इस सेवा के लिए ज्ञानयोग में रुचि रखनेवालों की आवश्यकता है । इस सेवा हेतु मराठी, हिन्दी, अंग्रेजी, कन्नड इत्यादि में से किसी भी भाषा का ज्ञान होना आवश्यक है ।

उत्तर भारत में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से भक्तिभाव बढानेवाले विविध आयोजन !

भगवान श्रीकृष्ण के प्रति भाव बढाने तथा उनके बारे में धर्मशास्त्र का ज्ञान समाज को मिले, इस उद्देश्य से सनातन संस्था की ओर से उत्तर भारत  के विविध राज्यों में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया । इस विषय में हमारे पाठकों के लिए संक्षेप में समाचार दे रहे हैं ।

हिन्दू स्वयं के साथ परिवार, राष्ट्र एवं धर्म की रक्षा हेतु तैयार रहें !

शत्रु सदैव युद्ध की तैयारी में होता है । ऐसी स्थिति में हिन्दुओं का भी स्वरक्षा हेतु तैयारी करना आवश्यक है । हमें किसी के साथ अन्याय नहीं करना है, अपितु राष्ट्र एवं धर्म की रक्षा करनी है ।