अच्छे स्वास्थ्य के लिए विरुद्ध आहार लेना टालें !

‘विरुद्ध आहार’ एक भिन्न संकल्पना है । बहुत ही संक्षेप में कहना हो, तो ऐसे पदार्थ, जिन्हें एक-दूसरे के साथ खाया गया, तो वे स्वास्थ्य के लिए घातक होते हैं । ‘केले का दूध में बनाया गया सिखरन’ आयुर्वेद के अनुसार विरुद्ध आहार ही है !

शारदीय नवरात्रि : देवी महिमा, शक्तिपीठ दर्शन एवं अध्यात्मशास्त्र

मंदिर में देवी की स्वयंभू मूर्ति है । मंदिर की रचना वृत्ताकार गुंबद की भांति है, साथ ही पूर्व में मंदिर का प्रवेशद्वार है तथा देवी की मूर्ति दक्षिणमुखी है । मंदिर में उत्तर की दिशा में स्थित शिलाखंड पर देवी के ३ नेत्र हैं । देवी के गले में सर्पमाला एवं मुंडमालाएं हैं ।

नवरात्रि का शास्त्र एवं इतिहास

श्रीरामचंद्रजी के हाथों रावण का वध हो, इस उद्देश्य से नारदमुनि ने श्रीराम को नवरात्रि का व्रत करने के लिए बताया । तत्पश्चात यह व्रत पूर्ण कर श्रीराम ने लंका पर चढाई कर, रावण का वध कर दिया ।

अखंड ज्योतिस्वरूप कांगडा, हिमाचल प्रदेश की श्री ज्वाला देवी !

हिमाचल प्रदेश में श्री ज्वालादेवी का मंदिर देश के महत्त्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से तथा ५१ शक्तिपीठों में से एक है ।

‘ज्ञानयोग से संबंधित लेख का संगणकीय टंकण एवं संकलन करना’, इन सेवाओं के लिए ज्ञानयोग में रुचि रखनेवालों की आवश्यकता !

इस सेवा के लिए ज्ञानयोग में रुचि रखनेवालों की आवश्यकता है । इस सेवा हेतु मराठी, हिन्दी, अंग्रेजी, कन्नड इत्यादि में से किसी भी भाषा का ज्ञान होना आवश्यक है ।

उत्तर भारत में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से भक्तिभाव बढानेवाले विविध आयोजन !

भगवान श्रीकृष्ण के प्रति भाव बढाने तथा उनके बारे में धर्मशास्त्र का ज्ञान समाज को मिले, इस उद्देश्य से सनातन संस्था की ओर से उत्तर भारत  के विविध राज्यों में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया । इस विषय में हमारे पाठकों के लिए संक्षेप में समाचार दे रहे हैं ।

हिन्दू स्वयं के साथ परिवार, राष्ट्र एवं धर्म की रक्षा हेतु तैयार रहें !

शत्रु सदैव युद्ध की तैयारी में होता है । ऐसी स्थिति में हिन्दुओं का भी स्वरक्षा हेतु तैयारी करना आवश्यक है । हमें किसी के साथ अन्याय नहीं करना है, अपितु राष्ट्र एवं धर्म की रक्षा करनी है ।

साधना के प्राथमिक चरण में अध्यात्म की सैद्धांतिक जानकारी देनेवाले तथा उसके अगले चरण में प्रत्यक्ष साधना सिखानेवाले सनातन के ग्रंथ !

साधना किए हुए व्यक्ति के द्वारा लिखे ग्रंथ पढना उचित रहेगा । बिना साधना किए केवल पांडित्य के आधार पर लिखे गए ग्रंथों के कारण ग्रंथ के लेखक तथा पाठक इन दोनों के ही जीवन व्यर्थ हो जाते हैं ।

भावसत्संग सुनने से व्यक्ति की सूक्ष्म ऊर्जापर (‘ऑरा’ पर) सकारात्मक परिणाम होते हैं !

भावसत्संगों के कारण अनेक साधकों को साधना में सहायता मिली है । ‘भावसत्संग लेना अथवा उसे सुनना, साधकों में व्याप्त सूक्ष्म ऊर्जा पर (‘ऑरा’ पर) इसके क्या परिणाम होते हैं ?, वैज्ञानिक दृष्टि से इसका अध्ययन करने हेतु एक परीक्षण किया गया । इस परीक्षण के लिए ‘यूनिवर्सल ऑरा स्कैनर’ उपकरण का उपयोग किया गया ।

सनातन का लघुग्रंथ : आध्यात्मिक कष्टों को दूर करने हेतु उपयुक्त दृष्टिकोण

साधक कष्टों में भी नामजप, भावजागृति के प्रयास अथवा सेवारत रहने का प्रयास करें । इसके कारण दुख भी प्रतीत नहीं होगा तथा साधना भी होगी ।