६३ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर प्राप्त कु. तेजल पात्रीकर के स्वर में ध्वनिमुद्रित किया गया ‘श्री निर्विचाराय नमः’ नामजप सुनने के प्रयोग में सम्मिलित साधकों को हुए कष्ट और प्राप्त विशेषतापूर्ण अनुभूतियां

मन निर्विचार करने हेतु स्वभावदोष और अहं का निर्मूलन, भावजागृति इत्यादि चाहे कितने भी प्रयास किए, तब भी मन कार्यरत रहता है, साथ ही किसी देवता का अखंड नामजप भी किया, तब भी मन कार्यरत रहता है और मन में भगवान की स्मृतियां, भाव इत्यादि आते हैं ।

समष्टि साधना करने से जीव जन्म-मृत्यु के चक्र से शीघ्र मुक्त हो जाता है ! – पूजनीय नीलेश सिंगबाळ, धर्मप्रचारक, हिन्दू जनजागृति समिति

हम विज्ञान में इतनी प्रगति कर चुके हैं; परंतु छोटा सा कठिन प्रसंग हमारे जीवन में आने से हम निराश होकर हार मान लेते हैं । लाक्षागृह, चीरहरण, १४ वर्ष का वनवास, अज्ञातवास, इन सभी प्रसंगों से ध्यान में आता है कि जीवन में साधना और ईश्वर के प्रति अखंड विश्वास के बल पर हमारा रक्षण कैसे हो सकता है ।

सीधे ईश्वर से चैतन्य और मार्गदर्शन ग्रहण करने की क्षमता होने से, आगामी ईश्वरीय राज्य का संचालन करनेवाले सनातन संस्था के दैवी बालक !

सनातन संस्था में कुछ दैवी बालक हैं । उनका बोलना आध्यात्मिक स्तर का होता है । आध्यात्मिक विषय पर बोलते हुए उनके बोलने में ‘सगुण-निर्गुण’, ‘आनंद, चैतन्य, शांति’ जैसे शब्द होते हैं । ऐसे शब्द बोलने के पूर्व उन्हें रुककर विचार नहीं करना पडता ।

सनातन की संत श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळजी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में उनके चरणों में कोटि-कोटि प्रणाम !

प्रत्येक कर्म को नाम से जोडें, तो वह कर्मयोग बन जाता है । नामजप करनेवाले मन को भाव के दृश्य में रमा दिया जाए, तो वह भक्तियोग और मन एवं बुद्धि नामजप के साथ चलने लगे, तो वह ज्ञानयोग होता है ।

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार

‘हिन्दू धर्मग्रंथों में ज्ञान की अनमोल धरोहर है । उनमें जीवन की सभी समस्याओं के उपाय दिए हैं । तब भी आज हिन्दू पश्चिमी विचारधारा और तकनीक के माध्यम से अपने जीवन की समस्याएं दूर करने के प्रयत्न करते हैं ।’

रत्नागिरी स्थित लोकमान्य टिळक के जन्मस्थान को ‘राष्ट्रीय स्मारक’ घोषित करें ! – हिन्दू जनजागृति समिति

देश की स्वतंत्रता के लिए अपना जीवन समर्पित करनेवाले क्रांतिकारियों को भूलना, यह सरकारी व्यवस्था की उनके प्रति कृतघ्नता दर्शाता है ! यह स्थिति उनके लिए लज्जाजनक है !

शबरीमला मंदिर के प्रसाद बनाने के लिए हलाल प्रमाणित गुड का उपयोग रोकने हेतु न्यायालय में याचिका

‘त्रावणकार देवस्वम् बोर्ड’ को ब्योरा प्रस्तुत करने का उच्च न्यायालय का आदेश

प्रदूषण पर उपाय !

प्रदूषण पर पूरी मात करने के लिए डेढ-दो शतक पहले जैसी स्थिति थी, कम से कम वैसी स्थिति अब निर्माण करनी चाहिए । वह अब संभव नहीं; परंतु उस दिशा में प्रयास करना चाहिए ।

राजस्थान में स्थानांतरण (तबादला) कराने के लिए, सरकारी शिक्षकों को देनी पडती है रिश्वत !

यह गहलोत सरकार की विफलता है, उन्हें यह स्वीकार करना होगा । उन्हें बताना होगा कि वे इस भ्रष्टाचार को रोकने के लिए क्या करने जा रहे हैं ! – संपादक

पाकिस्तान में बलात्कारियों को नपुंसक बनाने के दंड का प्रावधानवाला कानून केवल २४ घंटे में निरस्त !

इस्लाम में दोषी को सीधे मृत्युदंड देने के कठोर दंड का प्रावधान होते हुए भी इस दंड का विरोध होना अनाकलनीय !