देश के विभाजन का पुनः प्रयास किया गया, तो इससे पहले विभाजित क्षेत्र को पुनः अपने हाथ में ले लेंगे ! – कपिल मिश्रा, पूर्व विधायक तथा संस्थापक, ‘हिन्दू् इकोसिस्टम’

विश्‍व के किसी भी देश में अल्‍पसंख्‍यकों को बहुसंख्‍यकों से धर्मपरिवर्तन का भय होता है; परंतु भारत में यह स्‍थिति उल्‍टी है । यहां अल्‍पसंख्‍यक नहीं, अपितु बहुसंख्‍यक लोग अपने धर्म की रक्षा के लिए धर्मांतरण विरोधी कानून की मांग कर रहे हैं ।

लव जिहाद के बढते प्रसंग और उनके समाधान

हमारा धर्म और संस्कृति बचेगी तो देश बचेगा; क्योंकि यदि कट्टरता बढती है, तो पुलिस व्यवस्था, प्रशासन, न्यायपालिका समेत पूरा देश संकट में पड जाएगा । देश की संप्रभुता के लिए वास्तव में यह एक बडी चुनौती है ।

केंद्रीय सूचना आयुक्त श्री. उदय माहूरकर एवं सहलेखक श्री. चिरायू पंडित लिखित ‘वीर सावरकर – दी मैन हू कुड हैव प्रिवेंटेड पार्टिशन’ पुस्तक का गोवा में लोकार्पण

किसी भी राष्ट्र का सामर्थ्य एवं सुरक्षा उस राष्ट्र की सैन्यशक्ति सुनिश्चित करती है । वीर सावरकर ने भारतीय युवकों को सेना में भरती होने का आवाहन किया था । वीर सावरकर ने वर्ष १९५२ में कहा था कि भारत को परमाणुबम बनाना चाहिए । वीर सावरकर की राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति की दूरदृष्टि अतुलनीय थी ।

आश्रम में संपन्न कार्यक्रमों के लिए कालीन और पांवडों की आवश्यकता !

रामनाथी, गोवा स्थित सनातन आश्रम में राष्ट्र-धर्म की रक्षा का कार्य किया जाता है । आश्रम में विविध मांगलिक अवसरों पर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं । उस समय व्यासपीठ पर बिछाने के लिए कालीनों (कार्पेट) की आवश्यकता है । साथ ही, संतों के स्वागत के समय पांवडों की आवश्यकता है ।

सनातन के आश्रम के लिए ‘फोटोकॉपी मशीन’ क्रय करने के लिए सहायता कीजिए !

सनातन के आश्रमों में समाज को हिन्दू धर्म के प्रति जागृत करने हेतु नियतकालिक प्रकाशित करना, ग्रंथों की निर्मिति करना, साथ ही ध्वनीचित्र चक्रिकाएं तैयार करना आदि सेवाएं संगणक की सहायता से की जाती हैं । इन सेवाओं के लिए A3 और A4 आकार की संगणकीय प्रतियां (जेरॉक्स) निकालनी पडती हैं ।

बाजार में मिलनेवाली किसी भी प्रकार की खाद का उपयोग न कर जीवामृत का उपयोग कर उपजाऊ मिट्टी कैसे बनाएं ?

सूखी घास, विघटनशील कचरा, पत्तों का कचरा, नारियल की शिखाएं, रसोईघर का गीला कचरा, इन सभी का विघटन कर हम पेडों के लिए आवश्यक ‘उपजाऊ मिट्टी’ बना सकते हैं । ऐसे प्राकृतिक पदार्थाें का विघटन होकर जो ‘मिट्टी’ बनती है, उसे अंग्रेजी में ‘ह्यूमस’ कहते हैं ।

कोरोना के लिए उपयुक्त औषधियां

यदि ऑक्सीजन की मात्रा कम हो तो, आरंभ में कार्बोवेज २०० की २ बूंदें हर २ घंटे में और बाद में २ बूंदें दिन में ३ बार लें । आरंभ में ऐस्पिडोस्पर्मा Q की १० बूंदें पाव कप पानी में हर २ घंटे में और बाद में दिन में १० बूंदें ३ बार लें । ये दोनों औषधियां लें ।

भारतीय शास्त्रीय नृत्य की ओर साधना के रूप में देखनेवाले प्रसिद्ध कथ्थक नर्तक पद्मविभूषण पं. बिरजू महाराज !

संगीत में कोई भी कृत्य करने से पूर्व अपने इष्टदेवता का ध्यान (स्मरण) करना आवश्यक होता है । इसलिए कोई भी कृत्य करने से पूर्व भगवान के स्तुतिपर गीत, वंदना इत्यादि के माध्मय से भगवान की स्तुति गाई जाती है ।

अपने बच्चोंको भविष्यके आदर्श नागरिक बनाएं !

आजके बच्चे कलके आदर्श भारतके शिल्पकार हैं ! पश्चिमके अन्धानुकरण एवं ‘टीवी’के अतिरेकसे भटक रही आजकी पीढीको सुसंस्कारी एवं आदर्श बनानेका मार्ग है ग्रन्थमाला ‘बालसंस्कार’ !

भगवान की पूजा-अर्चना आदि उपासना करें !

पूजाघर में यदि पूजा संपन्न हुई हो, तो स्नान उपरांत प्रथम पूजाघर के सामने खडे होकर भगवान को हलदी-कुमकुम एवं पुष्प अर्पित करें । भगवान को उदबत्ती (अगरबत्ती) दिखाएं । यदि पूजा न हुई हो, तो बडों की अनुमति लेकर स्वयं पूजा करें ।