सनातन के ४६ वें संत पू. भगवंत मेनरायजी की सेवा में रहते समय साधकों को सीखने मिले सूत्र एवं प्राप्त अनुभूतियां !

वर्ष २०१९ में पू. मेनरायजी जब रामनाथी आश्रम में थे, तब मुझे ‘उनके वस्त्र धोने और इस्तरी करने’ की सेवा मिली थी । तब पू. (श्रीमती) मेनरायजी एवं पू. मेनरायजी दोनों ही बीमार थे । उन्हें अधिकांश समय विश्राम ही करना पडता था ।

‘परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के प्रति हमें अंतिम श्‍वास तक कृतज्ञ रहना होगा !’ – श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी

संत भक्तराज महाराजजी के देहत्याग उपरांत परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी ने गुरुतत्त्व को पहचानकर (गुरुतत्त्व से सान्निध्य रखकर) व्याप क कार्य किया । प्रत्यक्ष रूप से उन्हें उनके गुरुदेवजी का सान्निध्य बहुत अल्पावधि के लिए ही प्राप्त हुआ ।

योगतज्ञ दादाजी वैशंपायनजी द्वारा सनातन संस्था के संस्थापक परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के अलौकिक कार्य की प्रशंसा !

सनातन प्रभात’ एकमात्र ऐसा दैनिक है, जिसके माध्यम से हिन्दू धर्म एवं हिन्दू धर्मियों की अर्थहीन आलोचना का आप (डॉ. जयंत आठवलेजी) एवं आपके सेवाभावी साधक निर्भयता से मुंहतोड उत्तर देते हैं ।

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी का बुद्धिअगम्य एवं अलौकिक दैवी कार्य !

कलियुग में सैकडों की संख्या में शिष्यपरिवारवाले कुछ महान गुरु हुए । उनके शिष्यपरिवार में से अनेक शिष्य संत (७० प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर के) थे; परंतु इसके संदर्भ में वस्तुनिष्ठ आंकडे उपलब्ध नहीं है ।

सरल साधनामार्ग उपलब्ध करानेवाले गुरुदेवजी के प्रति अपने भीतर कृतज्ञभाव जागृत कीजिए !

इस चैतन्यदायी भारतभूमि को ईश्‍वरप्राप्ति हेतु धूप-वर्षा आदि में से किसी भी बाधा की चिंता किए बिना कठोर तपस्या करनेवाले ऋषि-मुनियों की परंपरा प्राप्त है ।

बांग्लादेशी-रोहिंग्या घुसपैठियों का टीकाकरण होता है; फिर विस्थापित हिन्दुओं का क्यों नहीं ? – जय आहुजा, ‘निमित्तेकम्’, राजस्थान

जोधपुर (राजस्थान) में कांग्रेस के २ अल्पसंख्यक विधायक हैं । उन्होंने संगठित होकर उनके मतदार संघ में विशेष कोविड केंद्र खोला एवं वहां आनेवालों को कोरोना के लिए टीका लगाना अनिवार्य किया ।

ट्विटर और गूगल ने भारत के मानचित्र से जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख हटाया !

नई देहली – ट्विटर के उपरांत अब गूगल ने भारत के मानचित्र से जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख को हटाया । ‘गूगल ट्रेंड्स’ के जालस्थल पर यह मानचित्र दिखाया गया ।

मेरठ (उत्तर प्रदेश) में एक साधु की पत्थरों से मारकर हत्या

मेरठ (उत्तर प्रदेश) – यहां के बढला गांव में साधु चंद्रपाल की पत्थरों से मार कर हत्या कर दी गई । उत्तर प्रदेश में निरंतर साधु, महंत आदि की हत्या की अनेक घटनाएं हुई हैं ।

भारत के शासनकर्ताओं ने वेदादि शास्त्रमान्य दर्शनविज्ञान को पृथ्वी पर लागू करने का व्रत लिया, तो उससे कोरोना महामारी समाप्त होगी ! – पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती

देश में बीमारी नहीं है, अपितु यह उन्माद की पराकाष्ठा है । अतः भारत के शासनकर्ता यह घोषणा करें, ‘प्रकृति ने हमें पाठ पढाकर जो संकेत दिया है, वह हमारी समझ में आ गया है ।’