विधायकों ने एक-दूसरे का कॉलर पकडकर धक्का-मुक्की की !
श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) – जम्मू-कश्मीर विधानसभा में ६ नवंबर को भारी हंगामे के बीच अनुच्छेद ३७० को समंत करने का प्रस्ताव पारित होने के पश्चात ७ नवंबर को सत्ता पक्ष तथा विपक्ष के विधायकों के बीच झडप हो गई । सदन में हंगामे के बाद स्पीकर ने विधानसभा को २० मिनट के लिए स्थगित कर दिया ।
Chaotic scenes in Jammu & Kashmir Assembly! 🚨
💥 MLAs clashed after Engineer Rashid’s brother showed Article 370 banner; BJP MLAs objected to the display followed by physical altercations and heated exchanges. 🤬🤬
This incident reveals that even after assembly elections were… https://t.co/qIEIYNXSZQ pic.twitter.com/93DFIIZgX9
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) November 7, 2024
विधायक खुर्शीद अहमद शेख ने सदन में धारा ३७० लागू करने का फलक लहराया । इसमें लिखा था, ‘हम अनुच्छेद ३७० तथा ‘३५ए’ को बहाल करना चाहते हैं तथा सभी राजनीतिक बंदियों की रिहाई चाहते हैं ।” बीजेपी विधायक तथा विपक्ष के नेता सुनील शर्मा ने फलक का विरोध किया । इस बार उनके विरुद्ध नारेबाजी आरंभ हो गई । शर्मा शेख के पास गए तथा उनके हाथ से फलक छीन लिया । इस बार शेख के समर्थन में सज्जाद लोन और वाहिद पारा और नेशनल कॉन्फ्रेंस के कुछ विधायक बीजेपी विधायकों से भिड़ गए । यह फलक फाड़ने के लिए लड़ाई हुई । दोनों पक्षों के विधायकों ने एक-दूसरे के कॉलर पकड लिए तथा फलक छीनने लगे । हंगामा बढता देख सुरक्षा गार्डों ने हस्तक्षेप किया तथा बीजेपी विधायकों को सभागृह से बाहर खदेड दिया ।
फलक फहराने वाले विधायक खुर्शीद अहमद शेख, बारामूला से लोकसभा सांसद इंजीनियर राशिद के भाई हैं । राशिद को २०१६ में आतंकवादियों को वित्त पोषण करने के आरोप में बंदी बनाया गया था। वह २०१९ से तिहाड जेल में बंद थे । विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें जमानत मिल गई थी ।
संपादकीय भूमिकाजम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने के पश्चात भी वहां मुसलमानों द्वारा चुने गए विधायक देशद्रोही मानसिकता से कार्य कर रहे हैं, यह इस घटना से पता चला है । इसलिए केंद्र सरकार के लिए उचित होगा कि वह इस विधानसभा को भंग कर वहां पुनः राष्ट्रपति शासन लागू कर दें । आज नहीं तो कल तो करना ही पडेगा ! |