बीजिंग (चीन) – केंद्र सरकार द्वारा वर्ष २०१९ में कश्मीर में विद्यमान धारा ३७० हटाई जाने पर उसे सर्वोच्च न्यायालय में चुनौति दी गई । इसे न्यायालय ने अस्वीकार किया । इसपर पाकिस्तान ने हंगामा मचाया । अब चीन की ओर से भी प्रतिक्रिया व्यक्त की गई है । चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि इस निर्णय का चीन पर कोई परिणाम नहीं होगा । भारत-चीन सीमा पर स्थित पश्चिम भाग (लद्दाख) सदैव चीन का ही रहा है ।
१. माओ निंग ने आगे कहा कि हमने कभी भी भारत द्वारा एकपक्षीय तथा गैरकानूनी पद्धति से स्थापित केंद्रशासित लद्दाख को स्वीकार नहीं किया है । भारत का सर्वोच्च न्यायालय भी ‘कश्मीर का पश्चिम भाग (लद्दाख) चीन का है’, इस वस्तुस्थिति में परिवर्तन नहीं कर सकता ।
२. २ दिन पूर्व माओ निंग ने कश्मीर समस्या पर कहा था कि भारत और पाकिस्तान में अनेक वर्षाें से यह विवाद चल रहा है । इसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावानुसार शांततापूर्ण मार्ग से सुलझाना आवश्यक है । दोनों देशों को चर्चा कर यह समस्या सुलझानी चाहिए । इसीसे इस क्षेत्र में सदैव शांतता और स्थिरता रहेगी ।
३. भारत ने ५ अगस्त २०१९ में धारा ३७० हटाई थी और जम्मु-कश्मीर एवं लद्दाख ऐसे अस २ केंद्रशासित प्रदेश बनाए थे । तब भी चीन ने इसका विरोध किया था ।
संपादकीय भूमिका
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