भारत के विकास को नई दिशा प्रदान करनेवाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी !

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुनः एक बार भारत के प्रधानमंत्री पद पर विराजमान हुए । ३ बार मुख्यमंत्री के पद पर विराजमान होनेवाले तथा उसके तुरंत उपरांत ३ बार प्रधानमंत्री बननेवाले नरेंद्र मोदी भारत के एकमात्र राजनेता हैं । विशेष बात यह है कि मोदी विधानसभा चुनाव लडे बिना सीधे मुख्यमंत्री पद पर विराजमान हुए तथा सांसद चुने जाने पर उन्हें सीधे प्रधानमंत्री का पद दिया गया । देश में ऐसा अन्य कोई राजनेता नहीं है । राजीव गांधी सीधे प्रधानमंत्री बने थे; परंतु अगली बार वे पुनः प्रधानमंत्री नहीं बन पाए । मोदी की इस सफलता का अध्ययन करना आवश्यक है; क्योंकि केवल विकास एवं चमत्कार (करिश्मा) होने पर ही जनता मत देती है, ऐसा नहीं होता; अपितु उसके लिए जनता का विश्वास प्राप्त करना सबसे महत्त्वपूर्ण होता है । प्रधानमंत्री मोदी ने प्रथम अपने राजनीतिक दल का, उसके पश्चात मुख्यमंत्री के रूप में गुजरात की जनता का तथा अब प्रधानमंत्री के रूप में देश की जनता का विश्वास प्राप्त किया है । केवल इतना ही नहीं, अपितु विदेशों में रह रहे भारतीय, अनेक विदेशी नागरिक तथा राष्ट्रप्रमुख भी मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा करने लगे हैं ।

१६ से ३० जून के पाक्षिक में प्रकाशित लेख में हमने ‘मोदी का ५३ वर्षाें का सार्वजनिक जीवन, उनके द्वारा हिन्दू धर्म को पुनर्प्रतिष्ठा प्राप्त कराना’ आदि सूत्र पढे । आज इस लेख की अगली कडी यहां दे रहे हैं । (भाग २ )

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

४. प्रधानमंत्री पद पर विराजमान होने के पश्चात मोदी के द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में किया हुआ कार्य !

४ आ ४. राफेल विमान खरीदना : इससे पहले रक्षा क्षेत्र के लिए हथियार खरीदते समय उसमें भ्रष्टाचार न हुआ हो, ऐसा कभी नहीं हुआ था । ‘बोफोर्स’ उसका एक बडा उदाहरण है । मोदी ने इस इतिहास को परिवर्तित कर दिया । फ्रांस से लडाकू विमान ‘राफेल’ की खरीद में किसी प्रकार का भ्रष्टाचार अथवा दलाली की घटना नहीं हुई ।

४ आ ५. चीन सीमा पर सेना के लिए मौलिक सुविधाएं उपलब्ध कराना : मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के उपरांत सर्वप्रथम चीन की सीमा पर युद्ध स्तर पर मौलिक सुविधाएं देना आरंभ किया । विगत १० वर्षाें में यहां सडकों का जाल बिछाने हेतु, शीतकालीन ऋतु में सेना को सीमा तक अखंड रसद की आपूर्ति होने हेतु अनेक स्थानों पर सुरंगें बनाई गईं । चीन की सीमा पर विगत ७५ वर्षाें में जो नहीं किया गया, उस कार्य को मोदी ने केवल १० वर्षाें में कर दिखाया । इन सुविधाओं के अभाव के कारण ही वर्ष १९६२ के युद्ध में भारतीय सेना को बडी पराजय (हार) का सामना करना पडा था । उसके उपरांत इसकी पुनरावृत्ति न हो, इस दिशा में कांग्रेस ने तथा अन्य किसी भी सरकार ने प्रयास नहीं किया था । वर्ष २०२० में चीनी सीमा पर स्थित डोकलाम में चीन तथा भारत की सेना के मध्य हुए संघर्ष में भारत के २० सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए; परंतु भारत ने चीन के ४० से अधिक सैनिकों को यमलोक भेज दिया । यह शौर्य उसी का दर्शक है ।

४ इ. सामाजिक

४ इ १. स्वच्छता अभियान : मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के तुरंत उपरांत ही ‘स्वच्छ भारत अभियान’ आरंभ किया तथा आज भी वे अनेक स्थानों पर इसके लिए प्रयास कर रहे हैं । मोदी स्वयं हाथ में झाडू लेकर स्वच्छता कर रहे हैं, ऐसा चित्र अनेक बार देखने को मिला है ।

४ इ २. कोरोना पर टीका तैयार करना : कोरोना काल में अमेरिका तथा कुछ यूरोपीयन देशों ने टीका तैयार करने का प्रयास किया । उसी समय भारत ने भी यह प्रयास किया तथा उसमें हम सफल भी रहे; परंतु अन्य देशों द्वारा आविष्कारित टीका उन्होंने कभी अन्य देशों के निर्धन लोगों को नहीं दिए; परंतु मोदी ने वह कार्य किया । संकट के समय भारत विश्व की सहायता के लिए दौडा चला आया । ‘वसुधैव कुटुम्बकम्,’ संपूर्ण पृथ्वी एक परिवार है; प्रत्यक्ष कृति कर उन्होंने यह दिखा दिया ।

४ ई. अर्थ (वित्त)

४ ई १. नोटबंदी : वर्ष २०१४ में कांग्रेस से भाजपा के हाथ में सत्ता आने के उपरांत देश में भ्रष्टाचार के अनेक प्रकरण थे; क्योंकि ‘कांग्रेस का अर्थ भ्रष्टाचार’, ऐसी ही व्याख्या करनी पडती है । इसके अतिरिक्त पाकिस्तान की ओर से ५०० रुपए के जाली नोट भारत में भेजे जा रहे थे । कश्मीर में जिहादी आतंकी इन्हीं नोटों से अपनी आतंकी गतिविधियां चला रहे थे । भ्रष्टाचार एवं आतंकवाद पर प्रहार करने के लिए ही प्रधानमंत्री ने अकस्मात नोटबंदी कर ५०० तथा १००० रुपए के नोटों को निष्प्रभावी कर दिया । इस निर्णय से देश में उनकी बहुत आलोचना भी हुई; परंतु उससे कश्मीर में सेना पर पथराव की घटनाएं धीरे-धीरे बंद हो गईं ।

४ ई २. विश्व की ५ वीं अर्थव्यवस्था : मोदी ने भारत को विश्व की पांचवीं बडी अर्थव्यवस्था बनाने का सपना देखा तथा उसे प्रत्यक्ष में साकार भी किया । अब उन्होंने भारत को विश्व की तीसरी बडी अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है तथा उसमें भी वे सफल होंगे, ऐसा विशेषज्ञों का भी मानना है ।

श्री. प्रशांत कोयंडे

४ ई ३. यूपीआई : यूपीआई पैसों का डिजिटल लेन-देन करनेवाली भारत की निर्मिति है तथा विश्व के लिए यह आश्चर्य बना हुआ है । अनेक देश अब उनके देशों में इस प्रणाली को लागू करने के लिए प्रयास कर रहे हैं । इस प्रणाली (सिस्टम) के द्वारा अनेक देशों में भारतीय रुपए का लेन-देन किया जा सकता है ।

४ उ. राष्ट्र

४ उ १. अनुच्छेद ३७० रद्द करना : कश्मीर को भारत से सदैव अलग करनेवाला यह अनुच्छेद हिन्दुओं तथा देशवासियों के लिए पीडादायक था; जबकि आतंकियों तथा जिहादियों के लिए लाभकारी था । इस अनुच्छेद को रद्द करना भाजपा का अनेक वर्षाें का सपना था । मोदी ने यह ध्येय पूर्ण किया । अनुच्छेद ३७० रद्द करने के साथ कश्मीर तथा लद्दाख को अलग किया; क्योंकि इन दोनों क्षेत्रों की संस्कृति भिन्न थी । कश्मीर के कारण लद्दाख का विकास नहीं हुआ था, इसे भी प्रधानमंत्री मोदी ने ध्यान में रखकर लद्दाख को अलग ‘केंद्रशासित राज्य’ बनाया ।

४ ऊ. विदेश नीति : विगत १० वर्षाें में भारत की विदेश नीति में आमूलचूल परिवर्तन आया है, ऐसा केवल भारत ही नहीं; अपितु संपूर्ण विश्व ही बोल रहा है । भारत के विदेशमंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने विश्व में दृृढतापूर्ण तथा कूटनीतिक पद्धति से भारत का पक्ष रखा है । प्रधानमंत्री मोदी के खाडी देशों से भी अच्छे संबंध बन गए हैं । पहली बार संयुक्त अरब अमिरात में पहला हिन्दू मंदिर बनाया गया । कुछ इस्लामी देशों ने मोदी को उनके देश का सर्वाेच्च सम्मान प्रदान किया है । प्रधानमंत्री मोदी जिन-जिन देशों में जाते हैं, उस समय वे वहां रह रहे भारतीय वंश के लोगों से विशेष रूप से मिलते हैं । बडी संख्या में रहनेवाले देश के हिन्दुओं के लिए वे अलग से कार्यक्रम आयोजित करते हैं, उदा. अमेरिका, ब्रिटेन एवं ऑस्ट्रेलिया ! उसके कारण विदेशों में रह रहे भारतीयों में एक प्रकार का आत्मविश्वास आया है, साथ ही उन देशों के शासनकर्ताओं को भी भारत के प्रधानमंत्री का उनके देश में रहनेवाले भारतीय लोगों पर ध्यान है, यह भी समझ में आता है ।

४ ऊ १. यूक्रेन-रूस युद्ध : इस युद्ध में अमेरिका ने रूस पर अनेक प्रतिबंध लगाए, साथ ही ऐसा भी कहा कि रूस के साथ कोई देश संबंध न रखे; परंतु भारत ने इसकी अनदेखी करते हुए रूस से तेल खरीदा । इसपर अमेरिका ने भारत को कुछ नहीं कहा । इसके विपरीत अमेरिका ने कहा, ‘वह भारत की स्वतंत्रता है ।’ इससे विश्व पटल पर भारत का स्थान क्या है, यह स्पष्ट होता है । भारत ने रूस से तेल खरीदकर उसे यूरोपीयन देशों को बेचा । किसी ने कभी सोचा नहीं था कि ऐसा होगा; परंतु भारत ने ऐसा कर दिखाया ।

(समाप्त)

– श्री. प्रशांत कोयंडे, सनातन आश्रम, रामनाथी, गोवा.