पुलवामा में आतंकवादी आक्रमण के कारण हटानी पडी धारा ३७० !

फरवरी २०१९ में पुलवामा में हुए आतंकवादी आक्रमण के कारण जम्मू-कश्मीर से धारा ३७० हटानी पडी, ऐसी भूमिका केंद्रसरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में स्पष्ट की । धारा ३७० हटाने के विरोध में प्रविष्ट की गई याचिका की सुनवाई के समय केंद्रसरकार द्वारा यह युक्तिवाद किया गया ।

जम्मू-कश्मीर निवासी अब स्वतंत्र जीवन-यापन कर रहे हैं !

धारा ३७० हटाए जाने के ४ वर्ष पूर्ण हुए । इसके उपलक्ष्य में जम्मू-कश्मीर के नायब राज्यपाल मनोज सिन्हा का प्रतिपादन

अनुच्छेद ३७० को हटाकर भी कश्मीर में हिन्दू सुरक्षित नहीं हैं ! – राहुल कौल, अध्यक्ष, यूथ फॉर पनून कश्मीर, पुणे

‘‘सरकार अभी भी कश्मीरी हिन्दुओं का नरसंहार स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है । उसके परिणामस्वरूप बंगाल सहित भारत में जहां-जहां मुसलमानबहुल क्षेत्र है, वहां ‘कश्मीरी पैटर्न’ चलाया जा रहा है ।

जम्मू-कश्मीर में आतंक की छाया में जीवनयापन करनेवाले लोग अब शांति से जी रहे हैं !

धारा ३७० हटाने के विषय मेें केंद्र सरकार का सर्वोच्च न्यायालय में प्रतिज्ञापत्र !

मेरे लिए धारा ३७० अब केवल इतिहास ! – शाह फैसल, भारतीय प्रशासकीय सेवा अधिकारी (आइ.ए.एस.)

जम्मू-कश्मीर को विशेष योग्यता देनेवाली धारा ३७० हटाने के विरोध में सर्वोच्च न्यायालय में याचिका प्रविष्ट करनेवाले भारतीय प्रशासकीय सेवा अधिकारी (आइ.ए.एस.) शाह फैसल ने याचिका वापस लेने की जानकारी पुनः एकबार दी है ।

कश्मीर में ३४ वर्षों उपरांत २०० चित्रपटों का चित्रीकरण !

भारत शासन द्वारा कश्मीरी जनता पर होने वाले अत्याचार पर चिंता जताने वाले ‘बीबीसी’, ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’, ‘वॉशिंगटन पोस्ट’ जैसे पश्चिमी प्रसार माध्यमों से अब इस घटना पर उत्तर पूछना आवश्यक है !

‘जब तक जम्मू-कश्मीर को न्याय नहीं मिलता, तब तक कश्मीरी हिन्दुओं की हत्या होती ही रहेगी !’ – फारुख अब्दुल्ला

कश्मीर से हिन्दुओं का वंशसंहार करना, यही जिहादी आतंकवादी और कश्मीर के जिहादियों का लक्ष्य है । इसी से वे पिछले ३० वर्षों से हिन्दुओं को लक्ष्य बना रहे हैं । तो भी उस पर से ध्यान हटाकर अलग ही सूत्र रखने का प्रयास अब्दुल्ला जैसे कश्मीरी मुसलमान नेता कर रहे हैं, यह इससे ध्यान में आता है !

अनुच्छेद ३७० हटने के उपरांत, पिछले दो वर्षों में राज्य के बाहर के लोगों ने केवल ७ भूखंड क्रय किए !

इससे स्पष्ट है, कि अनुच्छेद ३७० के निरस्त होने और सुरक्षा बलों द्वारा प्रतिदिन जिहादी आतंकवादियों को मारने के बाद भी, लोगों में यह भावना है कि, ‘कश्मीर अभी भी भारतीयों के रहने के लिए सुरक्षित नहीं है ।’ देशभक्तों को लगता है, कि सरकार को इस पर विचार करना चाहिए !

अनुच्छेद ३७० को निरस्त करने के उपरांत, कश्मीर से एक भी कश्मीरी हिन्दू विस्थापित नहीं हुआ है ! – केंद्र सरकार

अनुच्छेद ३७० के निरस्त होने के उपरांत से अब तक कश्मीर में कितने कश्मीरी हिन्दुओं का पुनर्वसन किया गया है ? कितने लोगों ने वहां भूमि खरीदी है ? इसके आंकडे भी सरकार दे ! हिन्दुओं को ऐसा लगता है !