Pakistan On Article 370 : (और इनकी सुनिए… ) ‘जम्मू-कश्मीर भारतीय संविधान की सर्वोच्चता को स्वीकार नहीं करेगा !’ – पाकिस्तान
सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय पर पाकिस्तान का अनाधिकार तांडव !
सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय पर पाकिस्तान का अनाधिकार तांडव !
सर्वोच्च न्यायालय का महत्त्वपूर्ण निर्णय !
लद्दाख केंद्रशासित प्रदेश बना रहेगा !
जम्मू-कश्मीर में ३० सितंबर २०२४ तक विधानसभा के चुनाव कराने का आदेश
भारत को अपने ही देश में क्या करना चाहिए और क्या नहीं ?, यह कहने का अधिकार इस संगठन को किसने दिया ? भारत के अंतर्गत प्रश्न में नाक न घुसेडें, ऐसी चेतावनी भारत को इस संगठन को देनी चाहिए !
ऐसा है, तब भी कश्मीर में जिहादी मानसिकता अभी तक समाप्त नहीं हुई है । इसलिए पलायन के लिए बाध्य किए गए हिन्दू अभी तक वहां लौट नहीं सकते, यह वास्तविकता है ।
फरवरी २०१९ में पुलवामा में हुए आतंकवादी आक्रमण के कारण जम्मू-कश्मीर से धारा ३७० हटानी पडी, ऐसी भूमिका केंद्रसरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में स्पष्ट की । धारा ३७० हटाने के विरोध में प्रविष्ट की गई याचिका की सुनवाई के समय केंद्रसरकार द्वारा यह युक्तिवाद किया गया ।
धारा ३७० हटाए जाने के ४ वर्ष पूर्ण हुए । इसके उपलक्ष्य में जम्मू-कश्मीर के नायब राज्यपाल मनोज सिन्हा का प्रतिपादन
‘‘सरकार अभी भी कश्मीरी हिन्दुओं का नरसंहार स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है । उसके परिणामस्वरूप बंगाल सहित भारत में जहां-जहां मुसलमानबहुल क्षेत्र है, वहां ‘कश्मीरी पैटर्न’ चलाया जा रहा है ।
धारा ३७० हटाने के विषय मेें केंद्र सरकार का सर्वोच्च न्यायालय में प्रतिज्ञापत्र !
जम्मू-कश्मीर को विशेष योग्यता देनेवाली धारा ३७० हटाने के विरोध में सर्वोच्च न्यायालय में याचिका प्रविष्ट करनेवाले भारतीय प्रशासकीय सेवा अधिकारी (आइ.ए.एस.) शाह फैसल ने याचिका वापस लेने की जानकारी पुनः एकबार दी है ।
भारत शासन द्वारा कश्मीरी जनता पर होने वाले अत्याचार पर चिंता जताने वाले ‘बीबीसी’, ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’, ‘वॉशिंगटन पोस्ट’ जैसे पश्चिमी प्रसार माध्यमों से अब इस घटना पर उत्तर पूछना आवश्यक है !