Sanatan Dharma Sansad : ‘सनातन बोर्ड’ की स्थापना नहीं होती, तब तक शांत नहीं बैठूंगा !

  • श्री निंबार्क पीठाधीश्‍वर जगद्गुरु श्री श्रीजी महाराजजी ने की प्रयागराज की धर्मसंसद में गर्जना

  • हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी की भी वंदनीय उपस्थिति !

धर्मसंसद में व्यासपीठ पर उपस्थित संत एवं मान्यवर
धर्मसंसद में बोलते हुए सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी

प्रयागराज, २८ जनवरी (समाचार) – श्री निंबार्क पीठाधीश्‍वर जगद्गुरु श्री श्रीजी महाराजजी ने यहां गर्जना करते हुए कहा ‘सनातन संस्कृति की रक्षा हेतु ‘सनातन बोर्ड’ की आवश्यकता है । आगामी काल में यह बोर्ड निश्चित ही स्थापन होगा । तथा जब तक इस बोर्ड की स्थापना नहीं होती, तब तक हम शांत नहीं बैठेंगे ।’ कुंभक्षेत्र में सेक्टर १८ के शांति सेवा शिविर में २७ जनवरी को आयोजित की गई चतुर्थ सनातन धर्मसंसद में वे ऐसा बोल रहे थे । इस समय प्रसिद्ध कथावाचक श्री देवकीनंदन ठाकुर, जगद्गुरु स्वामी विद्याभास्करजी महाराज, जगद्गुरु स्वामी राघवाचार्यजी महाराज, पू. चिन्मयानंद बापू, हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी, ‘इस्कॉन’ के प्रमुख गौरांग दास, साध्वी सरस्वती, साध्वी प्राची, बालयोगी महाराज, भाग्यनगर के विधायक टी. राजासिंह, अभिनेत्री एवं भाजपा की सांसद हेमा मालिनी आदि मान्यवर उपस्थित थे । इस संसद हेतु देशभर के सहस्त्रों धर्मप्रेमी, भाविक, साथ ही भिन्न हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के पदाधिकारी भी उपस्थित थे ।

प्रसिद्ध कथावाचक श्री देवकीनंदन ठाकुर

धर्मसंसद का आरंभ मान्यवरों के करकमलों से दीपप्रज्वलन कर हुआ । इस अवसर पर शंखनाद किया गया । प्रास्तावना कथावाचक श्री देवकीनंदन ठाकुर ने की । संपूर्ण धर्मसंसद में उपस्थित वक्ताओं के साथ भक्त एवं हिन्दुत्वनिष्ठों ने वक्फ बोर्ड निरस्त करने की भावपूर्वक मांग की । इसी के साथ ‘जय श्रीराम’, ‘हिन्दू राष्ट्र’, ‘भारतमाता की जय’ आदि उत्स्फूर्त घोषणाएं की गईं ।

यदि हमें इतिहास ज्ञात नहीं है, तो भूगोल कैसे परिवर्तित होगा ? – जगद्गुरु स्वामी विद्याभास्करजी महाराज

जगद्गुरु स्वामी विद्याभास्करजी महाराज

जगद्गुरु स्वामी विद्याभास्करजी महाराज ने कहा ‘‘आज हम भारत में हिन्दू राष्ट्र की मांग कर रहे हैं; परंतु हमें ज्ञात कर लेना चाहिए कि राजा दशरथ का राज्य संपूर्ण पृथ्वी पर था । भागवद् महापुराण में यह सारा इतिहास बताया गया है । यदि हम इतिहास को नहीं जान लेते, तो भूगोल कैसे परिवर्तित होगा ? सनातन शास्त्रों की रक्षा करनेवाले सनातन बोर्ड की अत्यंत आवश्यकता है ।’’

सनातन बोर्ड सरकारी न हों ! – जगद्गुरु स्वामी राघवाचार्यजी महाराज

जगद्गुरु स्वामी राघवाचार्यजी महाराज

जगद्गुरु स्वामी राघवाचार्यजी महाराज ने कहा ‘‘सनातन बोर्ड सरकारी न हों । उसपर हमारे चारों शंकराचार्य, चारों संप्रदायों के पीठाधिश्‍वर, अखाडों के आचार्य महामंडलेश्‍वर, श्रीमहंत आदि विभूतियों की एकत्रित प्रबंध समिति हों । भारत ही नहीं, अपितु संपूर्ण पृथ्वी पर हमारा अधिकार है ।’’

हिन्दुओं को अब रौद्र रूप धारण करना होगा ! – भाजपा के विधायक टी. राजासिंह

भाजपा के विधायक टी. राजासिंह

तेलंगाना के भाजपा के विधायक टी. राजासिंह ने कहा ‘‘वक्फ बोर्ड के पास पूर्व में २ लाख एकड भूमि थी, जो की अब १० लाख एकड हो गई है । देश में सुरक्षा दल (१८ लाख एकड) एवं रेल विभाग (१२ लाख एकड) के उपरांत सर्वाधिक भूमि की सूची में वक्फ बोर्ड का (१० लाख एकड भूमि) क्रमांक है । हमारे मंदिर एवं किसानों की भूमि हडप ली गई हैं । इस कारण उन्हें वापस लेने हेतु सनातन बोर्ड ही चाहिए । इसी के साथ हिन्दू धर्म पर लव जिहाद, लैंड जिहाद, गोहत्या आदि प्रहार रोकनेवालों हिन्दुओं के लिए यह बोर्ड कवच के रूप में काम करेगा । इसलिए केंद्र सरकार सभी साधु-संतों से चर्चा कर इस बोर्ड की रचना करें । हिन्दुओं ने ४ बार सनातन बोर्ड की मांग की है, तब भी उसकी स्थापना नहीं हुई है । इसलिए हिन्दुओं को अब उसके लिए रौद्र रूप धारण करना पडेगा ।’’

भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करना, यही सभी प्रश्‍नों का प्रभावी उत्तर ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी, हिन्दू जनजागृति समिति

सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी

सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने कहा ‘‘यह धर्मसंसद १०० करोड हिन्दुओं की भावनाओं की अभिव्यक्ति है । इससे पूर्व ही हमने १५ प्रतिशत जनसंख्या को ३० प्रतिशत भूमि दी है । अब वक्फ बोर्ड के माध्यम से १० लाख एकड भूमि दी गई है । यह दूसरे विभाजन की ध्वनि है । हमारा देश ‘सेक्युलर’ है, तो भी वक्फ बोर्ड को निधि की आपूर्ति करके इसलाम की रक्षा की जा रही है । साथ ही उसमें वृद्धि की जा रही है । वक्फ बोर्ड के माध्यम से भारत के इस्लामीकरण का प्रयास हो रहा है । पूर्व में राजा-महाराजा मंदिरों के निर्माणकार्य हेतु निधि देते थे । अब वे मंदिरों के निधि से राज्य कर रहे हैं । यह बडा पाप है । हमारे समक्ष रहे सभी प्रश्‍नों का समाधान ‘सनातन बोर्ड की निर्मिति एवं भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करना’, यही प्रभावी उत्तर है ।’’

‘सनातन हिन्दू बोर्ड अधिनियम’ का प्रस्ताव सम्मत !

इस अवसर पर ‘सनातन हिन्दू बोर्ड अधिनियम’ का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया । इस अधिनियम की प्रस्तावना में कहा गया है कि यह अधिनियम भारत में हिन्दुओं के मंदिर, मंदिरों की संपत्ति, निधि एवं सनातन धार्मिक परंपराओं का प्रबंधन, सुरक्षा एवं संभालने हेतु एक केंद्रीयकृत सनातन हिन्दू बोर्ड की स्थापना करेगा । इसका प्रमुख उद्देश्य सनातन धर्म एवं उसकी सांस्कृतिक विरासत की रक्षा कर मंदिरों के प्रबंधन में पारदर्शकता एवं उसका दायित्व सुनिश्‍चित करना है ।’’ उपस्थित सभी ने हाथ ऊंचे कर इस प्रस्ताव को स्वीकार किया है ।