देवताओं का अनादर करनेवाली चलचित्र (फिल्में)न बनें; इसके लिए प्रयास करेंगे !

  • शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वतीजी का प्रतिपादन !

  • शंकराचार्यजी की अध्यक्षता में कार्यरत होता १० लोगों का समूह !

  • सेंसर बोर्ड में धार्मिक व्यक्तियों का समावेश न करने से लिया गया निर्णय !

‘धर्म सेंसर बोर्ड’ की आधिकारिक रूप से स्थापना !

वास्तव में सरकार को हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं आहत करनेवाले फिल्मों पर स्वयं ही प्रतिबंध लगा देना चाहिए । उसके लिए सीधे शंकराचार्याें को प्रधानता लेने की स्थिति न आए । अब तो सरकार इस बोर्ड को आधिकारिक श्रेणी प्रदान कर धर्महानि रोकने के शंकराचार्याें के कार्य में सहायता करे, यही हिन्दुओं की भावना है !

 

ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वतीजी

प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) – ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वतीजी ने १० सदस्योंवाले ‘धर्म सेंसर बोर्ड’ का गठन किए जाने की आधिकारिक रूप से घोषणा की । यह बोर्ड हिन्दुओं के देवताओं एवं संस्कृति का अनादर करनेवाली फिल्में, वेबसीरीज आदि पर ध्यान रखेगा । इस बोर्ड के अध्यक्ष स्वयं अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वतीजी हैं । अन्य ९ सदस्यों में सुरेश मनचंदा (माध्यम क्षेत्र के विशेषज्ञ), पी.एन. मिश्रा (वरिष्ठ अधिवक्ता, सर्वोच्च न्यायालय), स्वामी चक्रपाणी महाराज (हिन्दू महासभा), मानसी पांडे (अभिनेत्री), तरुण राठी, कैप्टन अरविंद सिंह भदौरिया (सामाजिक विषय के विशेषज्ञ), प्रीति शुक्ला, गार्गी पंडित (सनातन धर्म के विशेषज्ञ) एवं धरमवीर (पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के पूर्व निदेशक) का समावेश होगा । ‘देवताओं का अनादर करनेवाले फिल्मों की निर्मिति रोकने के लिए इस बोर्ड के माध्यम से कदम उठाए जाएंगे’, ऐसा शंकराचार्यजी ने स्पष्ट किया है ।

माघ मेले में शंकराचार्यजी ने पत्रकारों के सामने रखे सूत्र

१. हमारे विशेषज्ञों का समूह फिल्म प्रदर्शित होने पर उसे देखेगा तथा वह फिल्म यदि हमें सनातन धर्म से संबंधित लोगों के लिए उचित लगी, तभी जाकर हम उस फिल्म को प्रमाणपत्र प्रदान करेंगे । आज के समय में सरकार ने जो बोर्ड गठित किया है, उस केंद्रीय फिल्म परिनिरीक्षण बोर्ड (सेंसर बोर्ड) जो फिल्मों को प्रमाणपत्र प्रदान करता है, उन फिल्मों में लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत करनेवाले अनेक दृश्य होते हैं । परिनिरीक्षण बोर्ड में धार्मिक व्यक्तियों का समावेश करने की हमने बार-बार मांग की है; परंतु हमारी यह मांग स्वीकार नहीं हुई है । इसीलिए अब हमने हमारा स्वयं का सेंसर बोर्ड गठित किया है ।

२. हमने इस बोर्ड के मार्गदर्शक सूत्र घोषित किए हैं । यह सेंसर बोर्ड किसी भी प्रकार का चित्रीकरण अथवा ऑडियो के प्रसारण तथा हिन्दुओं के देवताओं का अनादर रोकने के लिए मार्गदर्शक के रूप में काम करेगा । सस्ती लोकप्रियता के लिए सनातन संस्कृति का विपर्यास करनेवाली फिल्में, वेब सीरीज तथा धारावाहियां बनाना सहन नहीं किया जाएगा ।

३. हमने जो यह सेंसर बोर्ड का गठन किया है, वह सरकार की सहायता करने के लिए किया है । यह बोर्ड फिल्मों, वेब सीरीज तथा धारावाहियां बनानेवाले सभी निर्माताओं एवं निर्देशकों से संपर्क कर उन्हें इस संदर्भ में जानकारी देगा । ऐसा होते हुए भी दि हिन्दूविरोधी एवं भावनाएं आहत करनेवाली फिल्म अथवा धारावाही बनाई गई, तो हिन्दू समाज को उसे न देखने का आवाहन किया जाएगा । (२१.१.२०२३)