श्री. सागर गरुड, प्रतिनिधि

प्रयागराज, २० जनवरी (संवाददाता) : भारत हिन्दू राष्ट्र घोषित हो, ऐसा मेरेसहित सभी भारतीयों को लगता है । भारत हिन्दू राष्ट्र बनने से कुछ भी हानि नहीं होगी । भारत को संवैधानिकरूप से हिन्दू राष्ट्र घोषित करने हेतु आवश्यक नियमावली बनाना आवश्यक है । हिन्दुओं के लिए भारत छोडकर अन्य कोई देश नहीं है । भारत के हिन्दुओं को सभी बाजुओं से बलहीन किया गया, तो उससे हिन्दू समाज नष्ट होगा तथा शेष बचेंगी केवल उनकी कहानियां ! अतः सभी साधु-संत तथा हिन्दू समाज स्वयं को बलशाली बनाने हेतु यदि हिन्दू राष्ट्र की मांग कर रहे हों, तो उसमें अनुचित कुछ भी नहीं है । भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने पर ही भारत में हिन्दू सुरक्षित रहेंगे, ऐसा वक्तव्य दिगंबर अखाडे के संतश्री बालक योगेश्वरदास महाराज ने किया । ‘सनातन प्रभात’ के प्रतिनिधियों ने महाकुंभपर्व में स्थित उनके आश्रम में जाकर संतश्री बालक योगेश्वरदाज महाराज से भेंट की, उस समय वे ऐसा बेल रहे थे ।
इस अवसर पर ‘सनातन प्रभात’ के साथ की गई भेंटवार्ता में संतश्री बालक योगेश्वरदास महाराज ने धर्मसंसद में हिन्दूहित के विषय पर विचारमंथन, वक्फ कानून रद्द करना तथा भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करना इन विषयों पर स्पष्टता के साथ अपने विचार व्यक्त किए । ‘महाकुंभक्षेत्र में आयोजित धर्मसंसद में सनातन हिन्दू धर्म एवं राष्ट्र से संबंधित सूत्रों पर सभी संत एवं महंत विचारमंथन करेंगे, साथ ही सरकार से इस संबंध में आवश्यक मांगें भी की जाएंगी’, ऐसा संतश्री बालक योगेश्वरदास महाराज ने कहा ।
वीरगति को प्राप्त सैनिकों के लिए अतिविष्णु महायज्ञ !

भारत की सीमा सुरक्षित हों, सीमा पर स्थित भारतीय सैनिकों की रक्षा हो तथा उन्हें बल प्राप्त हो; इसके लिए संतश्री बालक योगेश्वरदास महाराज ने अतिविष्णु यज्ञ का आयोजन किया है । यहां के १०८ यज्ञकुण्डों में वीरगति को प्राप्त सैनिकों के लिए नियमितरूप से आहुति अर्पण की जा रही है । देश-विदेशों से यहां आनेवाले श्रद्धालुओं को भी सैनिकों के लिए श्रद्धांजली के रूप में आहुति अर्पण करने का आवाहन किया जाता है । यहां की यज्ञशाला की सभी बाजुओं में वीरगति को प्राप्त सैनिकों के छायाचित्र लगाए गए हैं । शिविर पर भारत का तिरंगा ध्वज फहराया गया है । विगत २२ वर्षाें से संतश्री बालक योगेश्वरदास महाराज वीरगति को प्राप्त सैनिकों के लिए यज्ञयाग कर रहे हैं । यह उनका ४३ वां महायज्ञ है । वीरगति को प्राप्त सैनिकों के परिजन भी इस यज्ञशाला में आकर संतोष व्यक्त कर रहे हैं ।
भारतीय सेना के लिए बालक योगेश्वरदास महाराजजी का कार्य !
संतश्री बालक योगेश्वरदास महाराज देश की सीमा पर जाकर सैनिकों से मिलने का तथा उनका मनोबल बढाने का कार्य करत हैं । उन्होंने देश की सभी सीमाओं पर वीरगति को प्राप्त सैनिकों के लिए महांयज्ञ किए हैं । वर्ष २००६ में उन्होंने करगिल में वीरगति को प्राप्त सैनिकों के लिए ७५० विद्वानोंसहित १०८ कुंण्डीय यज्ञ किया । उसमें वीरगति को प्राप्त सैनिकों के परिजन भी उपस्थित थे ।
एक बार अलग से पाकिस्तान दिए जाने के उपरांत वक्फ कानून की क्या आवश्यकता है ?वक्फ बोर्ड के संदर्भ में बालक योगेश्वरदास महाराज ने कहा, ‘‘जब भारत का विभाजन कर पाकिस्तान बनाया गया, तभी देश के सभी मुसलमानों का पाकिस्तान जाना अपेक्षित था । एक बार मुसलमानों के लिए अलग देश देने के उपरांत मुसलमानों को भारत की भूमि पर अपना अधिकार जताने का कोई अधिकार नहीं है । देश के विभाजन के उपरांत भी जो मुसलमान भारत में रहे, उनके तुष्टीकरण के लिए ही वक्फ बोर्ड बनाया गया है ।’’ |