Former Chief Justice Ranjan Gogoi : सामाजिक न्याय तथा राष्ट्रीय एकात्मता के लिए समान नागरिक कानून आवश्यक ! – भूतपूर्व मुख्य न्यायाधिपति रंजन गोगोई

समाज के कुछ घटक कानून कभी नहीं समझेंगे , ऐसी की आलोचना !

सर्वोच्च न्यायालय के भूतपूर्व मुख्य न्यायाधिपति तथा अब राज्यसभा में सांसद रंजन गोगोई

सुरत (गुजरात) – समान नागरिक कानून को मैं एक अत्यंत प्रगतिशील कानून के रूप में देखता हूं । यह कानून विविध पारंपरिक पद्धतियों को अपनाएगा । यदि यह कानून लागू किया गया, तो सभी नागरिकों के लिए उनका धर्म चाहे कोई भी हो, एक समान व्यक्तिगत कानून होगा । यह विवाह, तलाक, दत्तक, उत्तराधिकार तथा देखभाल समान सूत्रों को लागू होगा । समान नागरिक कानून एक घटनात्मक उद्देश्य है तथा घटना की धारा ४४ में उसका उल्लेख है । इसलिए इस पर कोई विवाद नहीं है । हमें एक बात पर दृढ रहना चाहिए । सामाजिक न्याय मिलने के लिए राष्ट्रीय एकात्मता की दिशा में ऐसा कानून बनाना एक बहुत महत्त्वपूर्ण कदम है । सर्वोच्च न्यायालय के भूतपूर्व मुख्य न्यायाधिपति तथा अब राज्यसभा में सांसद रंजन गोगोई ने इस कानून का समर्थन किया । वे यहां एक कार्यक्रम में बोल रहे थे ।

भूतपूर्व मुख्य न्यायाधिपति गोगोई द्वारा प्रस्तूत सूत्र

१. गो‍वा में समान नागरिक कानून का धर्म से संबंध नहीं है ।

गोवा में समान नागरिक कानून उत्तम पद्धति से कार्य कर रहा है । वहां इस कानून का धर्म से कोई संबंध नहीं है । इस कानून के संदर्भ में गलत जानकारी को रोकना आवश्यक है ।

२. सर्वोच्च न्यायालय की ही सूचना

सर्वोच्च न्यायालय ने भी शाह बानो प्रकरण से मुसलमान महिलाओं के निर्वाहनिधि के मांग के अधिकार से संबंधित ५ प्रकरणों में ‘सरकार को समान नागरिक कानून का विचार करना चाहिए’ ऐसा कहा है ।

३. समान नागरिक कानून देश को एकत्रित करने तथा सामाजिक न्याय को प्रभावित करनेवाले नागरिकों एवं व्यक्तिगत बातों पर नियंत्रण रखनेवाले विविध कानूनों के कारण निर्मित अभियोगों के प्रलंबित भाग पर हल निकालने का एक मार्ग है ।

४. सरकार काे शीघ्रता न कर एक राय निर्माण करना चाहिए ।

मैं सरकार एवं सांसदों से विनती करूंगा कि वे शीघ्रता न करें । इस कानून के संदर्भ में एक राय निर्माण करें । इस देश के लोगों को ठीक से बताएं कि यह कानून क्या है । एक बार आप ने एक राय निर्माण की, तो लोगों को समझ में आएगा । समाज का एक घटक यह कानून कभी समझकर नहीं लेगा । वह कानून न समझने का नाटक करेगा ।