SC Slams Assam Government : क्या घुसपैठियों को निर्वासित करने के लिए आप शुभ मुहूर्त की प्रतीक्षा कर रहे हैं ?

सर्वोच्च न्यायालय ने असम सरकार को फटकारा !

नई दिल्ली – घुसपैठिए घोषित किए लोगों को वापस भेजा नहीं एवं उन्हें अनिश्‍चित समय के लिए ‘डिटेंशन सेंटर’ में (अवैध रूप से देश में प्रवेश किए लोगों के लिए निश्चित समयावधि के लिए रखने के लिए नियुक्त स्थान) नहीं रखा । इस संदर्भ में सर्वोच्च न्यायालय ने असम सरकार को फटकारा है । न्यायालय ने असम सरकार से पूछा है कि वे कौन से शुभ मुहूर्त की प्रतीक्षा कर रहे हैं ? न्यायालय द्वारा सरकार को २ सप्ताह में ‘डिटेंशन सेंटर’ में निवास करनेवाले ६३ लोगों को अपने देश में वापस भेजने का आरंभ करने के निर्देश दिए हैं । (राज्य के साथ ही देश में करोडों घुसपैठीए होते हुए केवल ६३ लोगों को बंदी बनाया जाना, यह लज्जाजनक ही है ! – संपादक) ‘घुसपैठियों ने अपने देश के उनके पते न बताने के कारण उन्हें निर्वासित करना असंभव हैं’, ऐसा असम सरकार द्वारा किए गए दावे पर भी सर्वोच्च न्यायालय ने प्रश्‍नचिन्ह खडा किया ।

असम सरकार की ओर से उपस्थित अधिवक्ताओं को न्यायालय ने कहा ‘जब आप एकाध व्यक्ति को विदेशी नागरिक घोषित करते हैं, तब आपको आगे का तार्किक कदम उठाना पडता है । आप उनको स्थायी रूप से ‘डिटेंशन सेंटर’ में नहीं रख सकते । संविधान की धारा २१ का अस्तित्व है । असम में विदेशी लोगों के लिए अनेक ‘डिटेंशन सेंटर’ हैं । आपने कितने लोगों का निर्वासित किया है ?’

संपादकीय भूमिका 

यह प्रश्‍न केंद्र के साथ ही देश के प्रत्येक राज्य से पूछना, आवश्यक है ! क्योंकि पिछले अनेक दशकों से भारत में घुसपैठ हो रही है तथा उन्हें नियंत्रित कर बाहर धकेलने के प्रयास बडी मात्रा में नहीं हो रहे । यह वस्तुस्थिति कष्टदायक है !