सर्वोच्च न्यायालय ने इस अधिनियम के अंतर्गत चल रहे अभियोगों पर रोक लाकर इसे निरस्त करने का परामर्श दिया था !
नई देहली – विधि आयोग द्वारा १ जून को केंद्र सरकार द्वारा सौंपपे विवरण में कहा गया है, ‘देशद्रोह का कानून निरस्त नहीं किया जा सकता ।’ अहवाल में घोषित किया गया है कि देशद्रोह के प्रकरणों को जांचनेवाले भारतीय दंड विधान की धारा ‘१२४ अ’ चालू रखना आवश्यक है । ऐसा होते हुए भी, उसके प्रयोग में सुस्पष्टता लाने के लिए उसमें सुधार करना आवश्यक है ।
Desh : ब्रिटिश कालीन देशद्रोहाचा कायदा रद्द करू नका; लॉ कमिशनचा मोदी सरकारला सल्ला.. https://t.co/HgUqHVtPuI
— Pune News 24 – Maharashtra (@PuneNews_24) June 2, 2023
१. इस विवरण में आगे कहा गया है कि धारा ‘१२४ अ’ का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए, इसलिए उसमें सरकार को आवश्यक टिप्पणियां देनी चाहिए । तथापि वह निरस्त करने से देश की अखंडता एवं सुरक्षा पर परिणाम हो सकता है ।
२. केंद्र सरकार देशद्रोह के कानून में सुधार करने की तैयारी कर रही है । संसद के वर्षाकालीन अधिवेशन में सरकार उसका प्रस्ताव प्रस्तुत कर सकती है ।
३. गत वर्ष १ मई को सर्वोच्च न्यायालय ने धारा ‘१२४ अ’ की वैधता पर सुनवाई देते समय इस कानून पर रोक लगाई थी । न्यायालय ने कहा था कि इस कानून के अंतर्गत चालू सभी अभियोग प्रलंबित रखे जाएं । सरकार इस कानून में परिवर्तन लाए अथवा उसे निरस्त करे ।