चलचित्र ‘द केरला स्टोरी’ के निर्माता विपुल शाह का आरोप !
मुंबई – सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय देने के उपरांत भी चलचित्र ‘द केरल स्टोरी’ को बंगाल में अवैध रूप से प्रतिबंधित कर दिया गया है, जो आश्चर्यजनक है । चलचित्र निर्माता विपुल शाह ने आरोप लगाया कि प्रेक्षागृहों के स्वामियों को पुलिस एवं प्रशासन की ओर से धमकी भरे दूरभाष किए जा रहे हैं, कि ‘टिकट खिडकी´ खोलोगे तो तुम्हारा प्रेक्षागृह सुरक्षित नहीं रहेगा ।’ बंगाल की तृणमूल कांग्रेस की मुख्य मंत्री ममता बनर्जी ने कानून तथा व्यवस्था की चिंता का आधार लेते हुए राज्य में चलचित्र प्रदर्शन पर रोक लगा दी थी । विपुल शाह ने इसे सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी, जिसके उपरांत न्यायालय ने प्रतिबंध हटाने का आदेश दिया; तथापि शाह ने आरोप लगाया कि उपरोक्त कारण यही था, जिसके चलते वहां चलचित्र प्रदर्शित नहीं हुआ ।
विपुल शाह ने आगे कहा कि यह सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन है तथा प्रेक्षागृहों के स्वामी प्रशासन की ओर से मिल रही धमकियों के संबंध में खुलकर बात नहीं कर रहे हैं । वे इस चलचित्र को दिखाना चाहते हैं; किंतु उन्हें अनुमति नहीं है । सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के उपरांत इस प्रकार का आचरण सर्वथा निंदनीय है ।
‘Theatre owners are getting threats’: The Kerala Story producer Vipul Amrutlal Shah says there is an ‘illegal ban’ on the film in West Bengal
https://t.co/pZ6S9T40qH— OpIndia.com (@OpIndia_com) May 21, 2023
प्रेक्षागृहों के स्वामियों को मिल रही हैं धमकियां – भाजपा के नेता का भी आरोप
भाजपा के सूचना विभाग के प्रमुख, अमित मालवीय ने आरोप लगाया है कि चलचित्र ‘द केरला स्टोरी’ को बंगाल में नहीं दिखाया जा रहा है । राज्य में चलचित्र पर प्रतिबंध के पूर्व चलचित्र को भरपूर प्रतिसाद प्राप्त हो रहा था । कोलकाता में स्थानीय प्रशासन प्रेक्षागृह के स्वामियों को धमका रहा है । उन्होंने कहा, ‘यदि चलचित्र प्रदर्शित होता है तो दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी ।’ यह माननीय न्यायालय के आदेश का सर्वथा अपमान है । माननीय न्यायालाय को इस पर ध्यान देना चाहिए । यदि राज्य सरकार इस तरह सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की धज्जियां उडा रही है तो इससे ज्ञात होता है कि यहां कानून का नियंत्रण कितना लचीला (जर्जर) है ।
बंगाल की परिस्थिति में अभी भी कोई परिवर्तन नहीं ! – चलचित्र वितरक
बंगाल में चलचित्र ‘द केरला स्टोरी’ के विरतरक सतदीप साहा ने कहा कि परिस्थिति में कोई परिवर्तन नहीं आया है । अभी तक कोई भी प्रेक्षागृह-स्वामी इस चलचित्र को दिखाने को तैयार नहीं हुआ है ।
संपादकीय भूमिकाबंगाल में हिन्दू-घृणा तथा कट्टर मुसलमान तुष्टीकरणकर्ता तृणमूल कांग्रेस की तानाशाही ! ऐसे दल को चुनने वाले बंगाल के हिन्दुओं को कट्टरपंथियों से बहुत बडे संकट का सामना करना पडे, तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए ! |