श्री तिरुपति देवस्थान के प्रसाद में पशु चर्बी का तेल मिलानेवालों पर तुरंत अपराध प्रविष्ट करउन्हें बंदी बनाया जाए ! – हिन्दू जनजागृति समिति

विश्वभर के करोड़ों भक्तों की आस्था का केंद्र श्री तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद के लड्डुओं में पशु चर्बी का तेल मिलाए जाने की अत्यंत गंभीर बात आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू द्वारा उजागर किए जाने के उपरांत विश्वभर के हिन्दू समाज में भारी आक्रोश निर्माण हुआ है ।

उत्तरभारत में पितृपक्ष के निमित्त प्रवचन संपन्न !

पितृपक्ष में श्राद्ध करने से हमारे अतृप्त पूर्वजों को पृथ्वी के वातावरण कक्षा में आना सरल हो जाता है, श्राद्ध के कारण पूर्वजों की इच्छाएं तृप्त होकर उन्हें सद्गति प्राप्त होती है,

श्रीसत्‌शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी द्वारा की गई भावपूर्ण पूजा के कारण श्री लक्ष्मीपूजन के घटकों में सकारात्मक ऊर्जा (चैतन्य) अत्यधिक बढ जाना 

दिवाली में लक्ष्मी पूजा का विशेष महत्त्व है । पुराणों में वर्णन है कि कार्तिक अमावस्या की रात को लक्ष्मीजी सर्वत्र भ्रमण करती हैं तथा अपने निवास के लिए उपयुक्त स्थान ढूंढने निकल पडती हैं ।

अध्यात्म सीखने के चरण !

कथा एवं प्रवचन जैसे माध्यमों से केवल वैचारिक स्तर पर अध्यात्म बताना तथा ग्रहण करना मानसिक स्तर का होता है । वर्तमान समय की शैक्षिक पद्धति के अनुसार अध्यात्म सीखने का यह स्तर ‘बालवाडी’ स्तर का है ।

क्या केवल वजन घटाने के लिए व्यायाम किया जाता है ?

व्यायाम एक समग्र स्वास्थ्यवर्धक क्रिया है । वह केवल वजन घटाने का साधन नहीं है । अतः हम सभी अपने शरीर एवं मन को स्वस्थ रखने में आनेवाली सभी बाधाएं दूर करने के लिए, नियमितरूप से व्यायाम करने का प्रयास करेंगे !’ 

बांग्लादेश में हिन्दुओं की स्थिति तथा अपनी रक्षा हेतु भारत को उठाने हेतु आवश्यक कदम !

भारत को बांग्लादेश की सरकार को वहां के हिन्दुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भान करा देना महत्त्वपूर्ण !

बैठी जीवनशैली के कारण होनेवाले दुष्परिणाम टालने हेतु प्रतिदिन व्यायाम करें !

स्वस्थ जीवनयापन हेतु व्यायाम की आवश्यकता, उसका महत्त्व एवं उस संदर्भ में शंका निवारण !

नवरात्रि के काल में होनेवाली धर्महानि रोकें तथा ‘आदर्श नवरात्रोत्सव’ मनाए जाने हेतु प्रयास कर देवी की कृपा प्राप्त करें !

‘३.१०.२०२४ से नवरात्रोत्सव आरंभ हो रहा है । पूरे देश में बडे उत्साह एवं भक्तिभाव से यह उत्सव मनाया जाता है । इस काल में देवीतत्त्व सामान्य की तुलना में १ सहस्र गुना कार्यरत होता है । नवरात्रि के उपलक्ष्य में व्यापक धर्मप्रसार होने हेतु निम्न प्रयाास कर देवी की कृपा प्राप्त करें ।

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार

‘कहां पति के साथ थोडा विवाद होने पर विवाह विच्छेद करनेवाली वर्तमान पत्नियां, तो कहां पति के निधन के उपरांत उसके साथ एकरूप होने के कारण जौहर करनेवाली, अर्थात देह अग्नि में समर्पण करनेवाली पद्मावती रानी एवं उनके साथ की १६ सहस्र राजपूत स्त्रियां !’