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बिहार तथा उत्तर प्रदेश में हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा केंद्रीय खाद्यमंत्री श्री. प्रल्हाद जोशी तथा आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री. चंद्रबाबू नायडू से मांग !
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वाराणसी की उपजिलाधिकारी कु. प्रतिभा मिश्रा को ज्ञापन देते हुए अधिवक्ता
वाराणसी (उत्तर प्रदेश) – विश्वभर के करोड़ों भक्तों की आस्था का केंद्र श्री तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद के लड्डुओं में पशु चर्बी का तेल मिलाए जाने की अत्यंत गंभीर बात आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू द्वारा उजागर किए जाने के उपरांत विश्वभर के हिन्दू समाज में भारी आक्रोश निर्माण हुआ है । प्रसाद में पशु चर्बी का तेल मिलाना केवल मिलावट नहीं, अपितु यह हिन्दुओं की धार्मिक आस्था पर जानबूझकर किया गया आक्रमण है, हिन्दुओं के साथ विश्वासघात है । जिन लोगों ने यह पाप किया है, उनके विरुद्ध धार्मिक भावनाएं आहत करने का अपराध प्रविष्ट कर उन्हें तुरंत बंदी बनाने की मांग का ज्ञापन, हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा केंद्रीय खाद्यमंत्री माननीय श्री. प्रल्हाद जोशी तथा आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय श्री. चंद्रबाबू नायडू को, यहां के माननीय जिलाधिकारी के माध्यम से उत्तर प्रदेश के वाराणसी, गाजीपुर तथा बिहार के मुजफ्फरपुर में दिया गया ।
पूर्व मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी के पिता सैम्युअल राजशेखर रेड्डी के मुख्यमंत्री रहते हुए, श्री तिरुपति बालाजी मंदिर के पवित्र लड्डू बनाने का ठेका एक ईसाई संगठन को दिया गया था तथा मंदिर की प्रबंधन समिति में ईसाई लोगों को नियुक्त किया गया था । इसके साथ ही, मंदिर परिसर में ईसाई मिशनरियों द्वारा धर्मांतरण को प्रोत्साहित किया गया था । भारतीय संविधान ने प्रत्येक व्यक्ति को धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता दी है, और इस स्वतंत्रता में बाधा डालना एक गंभीर अपराध है ।हिन्दुओं के धार्मिक अधिकारों की रक्षा करना सरकार का उत्तरदायित्व है। जगनमोहन रेड्डी सरकार तथा उनके पिता सैम्युअल राजशेखर रेड्डी के कार्यकाल में तिरुपति मंदिर से जुडे सभी निर्णयों की गहराई से जांच की जानी चाहिए । जिन भी निर्णयों में हिन्दू धर्म के विरुद्ध कदम उठाए गए हों, उन्हें तुरंत निरस्त किया जाना चाहिए ।