‘द वीक’ साप्ताहिक की ओर से भगवान शिव और कालीमाता का घृणास्पद चित्र प्रकाशित
हिन्दू देवताओं का अनादर करनेवाले ‘द वीक’ जैसे नियतकालिक क्या कभी मुसलमानों अथवा ईसाईयों के आस्था के केंद्रों का अनादर करने का साहस दिखाते हैं ?
हिन्दू देवताओं का अनादर करनेवाले ‘द वीक’ जैसे नियतकालिक क्या कभी मुसलमानों अथवा ईसाईयों के आस्था के केंद्रों का अनादर करने का साहस दिखाते हैं ?
एक इस्लामी संगठन को यदि इतने पैसे मिलते होंगे, तो अन्य इस्लामी संगठन, मदरसों और मस्जिदों को कितने पैसे मिलते होंगे, इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती !
संपूर्ण देश के अनेक मदरसे जिहादियों को आश्रय देनेवाले अड्डे बन चुके हैं, यह अनेक बार प्रमाणित हुआ है । इसलिए अब ऐसे कानून को केवल असम तक सीमित न रखकर केंद्र शासन को उसे राष्ट्रीय स्तर पर बनाने की आवश्यकता है !
एलर्जी के नाम पर हिन्दुओं की परंपराआ का विरोध करने की ईसाई मिशनरी पाठशालाओं की यही पद्धति है, हिन्दू इतने भी मूर्ख नहीं कि यह उनकी समझ में न आए !
कुरान अथवा मोहम्मद पैगंबर का अनादर करने के झूठे आरोप लगाकर हिन्दुओं के मंदिर तोडना, देवी-देवताओं की मूर्तियां तोडना, हिन्दुओं के उपनिवेशों को जलाना, हिन्दुओं की हत्या करना तथा महिलाओं और लडकियों पर बलात्कार जैसे प्रकार दिन-प्रतिदिन बढ रहे हैं ।
साधना एवं धर्मपालन करनेवाले, साथ ही राष्ट्र एवं धर्म के लिए क्रियाशील हिन्दुओं की आज आवश्यकता है । धर्म एवं अधर्म की लडाई में हम धर्म को जानकर आगे बढें, तो हमारी विजय निश्चित है ।
महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय को श्रीलंका की अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक परिषद में ‘सर्वोत्कृष्ट’ पुरस्कार प्रदान ! शोधनिबंध के लेखक महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय के संस्थापक – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी एवं सहलेखक – श्री. शॉन क्लार्क व श्रीमती श्वेता क्लार्क !
खरपतवार को उगाने के लिए कुछ मेहनत नहीं करनी पडती; पर बगीचे के लिए हमें मेहनत और योजना दोनों की आवश्यकता होती है । इसलिए जीवन में तनाव दूर कर शांति प्राप्त करने के लिए गुणों के संवर्धन से दोष और अहंकार के खरपतवार को निकालें ।
हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रध्वज का होनेवाला अनादर रोकने हेतु सी. आर. पार्क के पुलिस स्टेशन के श्री. ऋतेश शर्मा को ज्ञापन दिया गया ।
हनुमानजी रामभक्तों के आगे हाथ जोडकर विनम्र रहते थे और असुरों के समक्ष उनका महाबली रूप प्रकट हो जाता था । वर्तमान समय में हनुमानजी की उपासना करते समय हमें हिन्दू राष्ट्र-स्थापना के लिए उनके गुणों को भी धारण करना होगा ।