संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को विभाजनकारी वक्तव्यों से बचना चाहिए !
हिन्दुओं का विचार है कि न्यायालयों को ऐसे लोगों को कडी फटकार के साथ-साथ कठोर दण्ड भी देना चाहिए, जिससे दूसरों को भय हो !
हिन्दुओं का विचार है कि न्यायालयों को ऐसे लोगों को कडी फटकार के साथ-साथ कठोर दण्ड भी देना चाहिए, जिससे दूसरों को भय हो !
नक्सली एवं देशविरोधी गतिविधियों के प्रकरणों में बंदी बनाए गए शहरी नक्सलवादी एवं देहली विश्वविद्यालय के प्राध्यापक जी.एन. साईबाबा को मुंबई उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ ने निर्दोष मुक्त किया है ।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट द्वारा ५ मार्च को मथुरा जिला न्यायालय में एक याचिका प्रविष्ट की गई है । श्रीकृष्णजन्मभूमि के १३.३७ एकड भूमि का यह प्रकरण है एवं ‘भगवान श्रीकृष्णजी की श्रीकृष्णजन्मभूमि में बालक रूप में पूजा की जाती है ।
धर्मशास्त्र कहता है कि प्रेमविवाह हो अथवा प्रथागत विवाह किया गया हो, प्रारब्ध के अनुसार जो भोग भोगने हैं, वे भोगने ही पडते हैं । उसमें भी प्रेमविवाह करते समय जन्मकुंडली देखना, एकदूसरे के गुण-दोष ध्यान में रखना, समझौता करने की मानसिकता बनाना आदि बातों का भी विचार होना आवश्यक है !
मंदिर निर्माण करना यह भारत में सार्वजनिक भूमि हडपने का दूसरा मार्ग बना है, ऐसा निरीक्षण गुजरात उच्च न्यायालय ने कर्णावती में कुछ स्थानीय हिन्दुओं द्वारा प्रविष्ट की एक याचिका पर सुनवाई के समय किया ।
३० वर्षों के उपरांत इतने बडे गंभीर प्रकरण पर निर्णय दिया जाता है, यह लज्जास्पद !
ज्ञानवापी में स्थित व्यासजी तलघर में हिन्दुओं को पूजा करने की अनुमति मिलने के उपरांत अब हिन्दू पक्ष द्वारा जिला न्यायालय में मांग करनेवाली याचिका प्रविष्ट की गई है कि इस तलघर के ऊपर मुस्लिमों का चलना-फिरना एवं नमाजपठन प्रतिबंधित किया जाए
‘एक महिला ने एक अवयस्क बालक को अपने पास रखा तथा उसके साथ बाहर जाकर उसके साथ अश्लील आचरण किया, साथ ही उसे ‘इस विषय में किसी को कुछ न बताने की धमकी दी, ऐसा आरोप अवयस्क बालक की दादी ने बद्दी पुलिस थाने में दी गई शिकायत में लगाया ।
आंदोलन के समय ध्वनिविस्तारक प्रणाली का उपयोग न किया जाए तथा १५० से अधिक लोग आंदोलन में सम्मिलित न हो, ऐसी शर्तें भी न्यायालय ने लगाई हैं ।
सरकारी भूमि पर मस्जिद का निर्माण होने तक सरकार सदैव सोई रहती है; एवं पश्चात कोई पीछे पडे, तब निरुत्साह से कार्यवाही करने के प्रयास करती है । ऐसे प्रशासन के संबंधित अधिकारियों पर भी अब कार्रवाई करना आवश्यक है !