शोभायात्रा में साधक ध्वज फहराते । श्रीमन्नारायण की महिमा गाते ।।

क्या वर्णन करें उन क्षणों का ! जीवन कृतार्थ होने का भान करानेवाले श्रीमन्नारायण के दर्शन के वो क्षण ! एक ओर श्रीमन्नारायण भक्तों से मिलने हेतु आतुर होकर प्रतीक्षारत थे, तो दूसरी ओर श्रीमन्नारायण से मिलने के लिए उनके भक्त हाथ जोडकर खडे थे । यह जीव और शिव की भेंट थी !

रामनाथी (गोवा) के सनातन के आश्रम में भावपूर्ण वातावरण में संपन्न हुए विभिन्न याग !

२४ मई २०२२ को जन्मोत्सव की अवधि में स्थित यज्ञों की शृंखला के अंतर्गत श्रीबगलामुखी याग संपन्न हुआ । इसमें महर्षियों द्वारा दिए गए बगलामुखी हवन मंत्र से करुंगली वृक्ष का चूर्ण और विभिन्न औषधीय मूलिकाओं के चूर्ण का हवन किया गया ।

भक्तिमय वातावरण में सपंन्न श्रीविष्णु रूप में परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी का चैतन्यदायी ‘रथोत्सव’ !

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी का जन्मोत्सव साधकों के लिए आनंद एवं भक्तिभाव का सुनहरा पर्व ही होता है ! ज्येष्ठ कृष्ण सप्तमी, अर्थात २२ मई २०२२ के मंगल दिन पर परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी का ८० वां जन्मोत्सव मनाया गया ।

सप्तर्षियों की जीवनाडीपट्टिका में सनातन के तीन गुरुओं के विषय में गौरवोद्गार !

सनातन संस्था के तीन गुरु, अर्थात सच्चिदानंद परब्रह्म परात्पर गुरु डॉ. जयंत बाळाजी आठवले, श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा नीलेश सिंगबाळजी एवं श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळजी ! सनातन के साधकों को मिली ईश्वरीय संपत्ति है ।

सूक्ष्म से मिलनेवाले ज्ञान में अथवा नाडीपट्टिका में परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी का उल्लेख ‘संत’ न करते हुए ‘विष्णु का अंशावतार’ होने के विविध कारण !

अन्य संप्रदायों में उनके द्वारा बताई साधना करते समय उस साधक को कुछ न कुछ बंधन पालने पडते हैं; परंतु सनातन में साधना करते समय साधना के अतिरिक्त अन्य कोई भी बंधन नहीं बताए जाते ।

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी की देह की त्वचा में दैवी कण मिलने का अध्यात्मशास्त्र !

परात्पर गुरुदेवजी के जन्मोत्सव को उनमें विद्यमान अवतारी तत्त्व संपूर्ण रूप से प्रकट होकर कार्यरत होता है । जब उनमें विद्यमान अवतारी तत्त्व प्रकट होता है, तब उनकी देह में श्रीविष्णु तत्त्व कार्यरत होने के कारण उनकी देह में दैवी परिवर्तन आते हैं ।

‘महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय’ के अंतर्गत कार्यान्वित होनेवाले ग्रंथालय से संबंधित सेवा में सम्मिलित हों !

महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय के ग्रंथभंडार में ३५ सहस्र से अधिक मुद्रित ग्रंथ और १ लाख से अधिक ‘ई-बुक्स’ हैं तथा उसमें प्रतिदिन अनेक ग्रंथों की वृद्धि हो रही है । इसलिए इन ग्रंथों से संबंधित आगे की सेवा करने के लिए रामनाथी, गोवा के आश्रम में मानव संसाधन की आवश्यकता है ।

श्री विठ्ठल के प्रति भोला भाव रखनेवाले ईश्वरपुर (सांगली) के श्री. राजाराम भाऊ नरुटे संतपद पर विराजमान !

सनातन की श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी ने आनंदित, हंसमुख और अपने भोले भाव से श्री विठ्ठलभक्ति में रमनेवाले ईश्वरपुर (इस्लामपुर, सांगली) के श्री. राजाराम भाऊ नरुटे (आयु ८९ वर्ष) के संत पद पर विराजमान होने की घोषणा की ।

प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) के माघ मेले में हिन्दू राष्ट्र हेतु ‘संत संपर्क अभियान’ एवं सनातन संस्था की प्रदर्शनी

सनातन संस्था हमारा ही कार्य कर रही है । इस प्रदर्शनी के स्थान पर आने के उपरांत यहां से जाने की इच्छा नहीं होती । पिछली बार वाराणसी स्थित आपके सेवाकेंद्र में सवेरे आया, तो शाम तक कैसे समय चला गया पता ही नहीं चला । संस्था के कार्य को हमारा सदैव सहयोग रहेगा !

केंद्रीय सूचना आयुक्त श्री. उदय माहूरकर एवं सहलेखक श्री. चिरायू पंडित लिखित ‘वीर सावरकर – दी मैन हू कुड हैव प्रिवेंटेड पार्टिशन’ पुस्तक का गोवा में लोकार्पण

किसी भी राष्ट्र का सामर्थ्य एवं सुरक्षा उस राष्ट्र की सैन्यशक्ति सुनिश्चित करती है । वीर सावरकर ने भारतीय युवकों को सेना में भरती होने का आवाहन किया था । वीर सावरकर ने वर्ष १९५२ में कहा था कि भारत को परमाणुबम बनाना चाहिए । वीर सावरकर की राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति की दूरदृष्टि अतुलनीय थी ।