आश्रम में संपन्न कार्यक्रमों के लिए कालीन और पांवडों की आवश्यकता !

रामनाथी, गोवा स्थित सनातन आश्रम में राष्ट्र-धर्म की रक्षा का कार्य किया जाता है । आश्रम में विविध मांगलिक अवसरों पर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं । उस समय व्यासपीठ पर बिछाने के लिए कालीनों (कार्पेट) की आवश्यकता है । साथ ही, संतों के स्वागत के समय पांवडों की आवश्यकता है ।

सीधे ईश्वर से चैतन्य और मार्गदर्शन ग्रहण करने की क्षमता होने से आगामी ईश्वरीय राज्य का संचालन करनेवाले सनातन संस्था के दैवी बालक !

दैवी बालक ग्रंथवाचन, दैनिक ‘सनातन प्रभात’ का वाचन अथवा ‘परात्पर गुरुदेवजी के तेजस्वी विचार’ केवल पढते नहीं; अपितु तुरंत कृत्य करते हैं । वे केवल ग्रंथ अथवा दैनिक वाचन करते नहीं; अपितु उनका आचरण करते हैं । सही अर्थ में इसी को सीखना’ कहते हैं ।

धर्मप्रसार का निरंतर कार्य करनेवाले रामनाथी (गोवा) के सनातन के आश्रम में अनाज अर्पण कर धर्मकार्य में अपना योगदान दें !

संस्था के आश्रमों और सेवाकेंद्रों से निरंतर धर्मप्रसार का कार्य किया जाता है । आज के समय में धर्मग्लानि का काल होने से ‘धर्मप्रसार करना’, काल के अनुसार आवश्यक कार्य बन गया है । ‘‘धर्मप्रसार का कार्य करनेवाले संतों, संस्थाओं अथवा संगठनों को अन्न-अनाज का दान देना’ सर्वश्रेष्ठ दान है ।

सनातन का आश्रम हिन्दुत्व की क्रियाशील प्रयोगशाला ! – पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ

सुप्रसिद्ध वक्ता एवं पत्रकार श्री. पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने की रामनाथी, गोवा के सनातन आश्रम की सद्भावना भेंट !

प्रीति, भाव एवं गुरु पर अटल श्रद्धा से युक्त एसएसआरएफ के फ्रांस की साधिका श्रीमती योया सिरियाक वाले (आयु ४१ वर्ष) समष्टि संतपद पर विराजमान !

पू. (श्रीमती) योया वालेजी का सम्मान उनके संत भाई पू. देयान ग्लेश्चिचजी ने किया एवं कु. अनास्तासिया वाले का सत्कार उसके मामा, अर्थात पू. देयान ग्लेश्चिचजी ने ही किया ।

बांसुरीवादन से संतपद प्राप्त करनेवाले पुणे के विख्यात बांसुरीवादक पू. पंडित केशव गिंडेजी की रामनाथी (गोवा) स्थित सनातन आश्रम को सदिच्छा भेंट !

आश्रम के स्वागतकक्ष में लगे सनातन-निर्मित भगवान श्रीकृष्ण के चित्र को देखते ही पू. पंडित गिंडेजी ने कहा, ‘‘चित्र में श्रीकृष्ण जीवित हैं । ऐसा लगता है, वे हमसे बात कर रहे हैं !’’ परात्पर गुरु डॉक्टरजी ने बताया, ‘‘श्रीकृष्ण के इस चित्र में ३१ प्रतिशत श्रीकृष्णतत्त्व है ।’’