सर्वोच्च न्यायालय भडकाऊ भाषण पर दिशानिर्देश लागू न करने वाले राज्यों पर अप्रसन्न

ध्यान में आता है कि संवेदनशील विषयों पर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश देने पर भी राज्यों द्वारा यदि उनका पालन नहीं होता है, तो प्रशासन जनता के परिवादों पर कितना न्याय देता होगा ? इस संदर्भ में न्यायालय को राज्यों पर कार्रवाई करनी चाहिए, जनता की यही अपेक्षा है !

पाकिस्तान की राष्ट्रीय विमान यातायात कंपनी पर आर्थिक संकट

कंगाल पाकिस्तान की स्थिति धीमे धीमे ऐसी ही होती रहेगी । वह दिन अब दूर नहीं, जब उसको दिवालिया घोषित किया जाएगा !

मुंबई के आजाद मैदान दंगे को ११ वर्ष होने के बावजूद अभी भी मुकदमे की सुनवाई नहीं !

आजाद मैदान में दंगा करने वाले ११ वर्षों के उपरांत भी खुले घूम रहे हैं, यह पुलिस, प्रशासन और सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए लज्जास्पद !

‘ओपेनहायमर’ फिल्म से श्रीमद्भगवद्गीता का अपमान होने वाले दृश्य को अनुमति कैसे दी ?

सेंसर बोर्ड केंद्र सरकार के अधीन होते हुए भी इस प्रकार की गलती कैसे होती है ? ऐसा प्रश्न हिंदुओं के मन में हमेशा ही आता है ।

भारतीय रेल की ओर से हलाल प्रमाणित चाय परोसी जाने का क्षोभजनक वीडियो प्रसारित !

धर्मनिरपेक्ष भारत का सरकारी रेल विभाग हलाल प्रमाणित चाय बेचता ही कैसे है ? इसके लिए उत्तरदायी सरकारी अधिकारियों पर कठोर कार्यवाही होना आवश्यक !

रेल में न्यायमूर्तियों को असुविधा : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने दी रेल विभाग को नोटिस !

न्यायमूर्ति जैसे उच्चपदस्थ व्यक्ति को इतनी असुविधा होती है, तो सामान्य लोगों की  स्थिति होगी ? इसका विचार न करें, तो ही अच्छा है !

मेरठ (उत्तर प्रदेश) में बिजली की झटका लगने से ५ कावडियों की मृत्यु और १६ लोग घायल

आरोप है कि विद्युत् विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण हुई यह घटना

बेंगळूरु में बिजली का देयक (बिल) भरनेवाले कर्मचारियों पर मुसलमान युवक ने किया आक्रमण !

कर्नाटक की कांग्रेस सरकार द्वारा निःशुल्क बिजली देने की योजना का परिणाम ! राजनीतिज्ञों द्वारा जनता को बिना श्रम सब कुछ निःशुल्क देने की लगाई गई आदत देश के लिए घातक !

उच्च न्यायालय ने प्रशासन को नोटिस भेजकर बाप्तिस्मा घाट के अनधिकृत निर्माणकार्य पर रोक लगा दी !

अनधिकृत निर्माणकार्य जब हो रहा था, तब क्या प्रशासन सो रहा था ? यह न्यायालय को क्यों कहना पडता है ? प्रशासन को स्वयं क्यों समझमें नहीं आता ? इसके लिए उत्तरदायी दायित्वशून्य अधिकारियों को कारागृह में डालना चाहिए !

बंगाल में पंचायत चुनाव के लिए केंद्रीय बल की नियुक्ति योग्य ! – सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय 

पंचायत स्तर के चुनावों के लिए केंद्रीय बल को तैनात करना पडता है, यह तथ्य स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति कितनी बिगड चुकी है । इसलिए केंद्र सरकार को बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करना चाहिए !