बारंबार मांगने पर भी खाने-पीने के पदार्थ नहीं मिलते !
प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) – इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति गौतम चौधरी रेल से यात्रा कर रहे थे । रेल प्रशासन की ढीली (लचीली) व्यवस्था के कारण उनको असुविधा का सामना करना पडा । इस कारण इसके लिए उत्तरदायी अधिकारियों से उच्च न्यायालय के निबंधकों ने स्पष्टीकरण मांगा है । ८ जुलाई २०२३ को न्यायमूर्ति ने पुरुषोत्तम एक्सप्रेस से नई देहली से प्रयागराज तक की यात्रा की थी ।
ट्रेन के फर्स्ट AC से जा रहे थे जज साहब, ट्रेन हो गई लेट… पैंट्री कार वाले नहीं आए देखने… लॉर्डशीप की तकलीफ पर रेलवे को चिट्ठी#AllahabadHighCourt #IndianRailways https://t.co/ugB4V9qetU
— ऑपइंडिया (@OpIndia_in) July 19, 2023
उच्च न्यायालय के निबंधकों के पत्र के अनुसार उस दिन रेल गाडी ३ घंटे विलंब से चल रही थी । लिखी हुई नोटिस में आरोप है कि ‘न्यायमूर्तियों के बारंबार पूछने पर भी किसी रेल कर्मचारी ने समाधानकारक उत्तर नहीं दिया । रेल के डिब्बे में एक भी पुलिस कर्मचारी उपस्थित नहीं था, साथ ही रेल की ‘पैन्ट्री कार’ के (भोजनालय के) लोगों को अनेक बार संपर्क करने के उपरांत भी न्यायमूर्ति गौतम चौधरी को खाने-पीने के पदार्थ देने कोई नहीं आया ।’
Justice Gautam Chowdhary of #AllahabadHighCourt has called for an explanation from the erring officials, GRP personnel and pantry Car manager for the inconvenience caused to him during his train journey on July 8 (New Delhi- Prayagraj). pic.twitter.com/XKzXC6sdHB
— Live Law (@LiveLawIndia) July 18, 2023
उच्च न्यायालय के निबंधकों ने रेल के उच्च अधिकारियों को रेल विभाग की पुलिस एवं ‘पैन्ट्री कार’ के कर्मचारियों द्वारा दिए गए उत्तर की प्रति (नकल) न्यायालय में प्रस्तुत करने का आदेश दिया है ।
संपादकीय भूमिकान्यायमूर्ति जैसे उच्चपदस्थ व्यक्ति को इतनी असुविधा होती है, तो सामान्य लोगों की स्थिति होगी ? इसका विचार न करें, तो ही अच्छा है ! |