उच्च न्यायालय ने प्रशासन को नोटिस भेजकर बाप्तिस्मा घाट के अनधिकृत निर्माणकार्य पर रोक लगा दी !

  • आंध्र प्रदेश के मंगलागिरी की घटना

  • उच्च न्यायालय के स्थगित करने के आदेश के उपरांत भी आरंभ था अनधिकृत निर्माणकार्य !

अमरावती (आंध्र प्रदेश) – आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के मंगलागिरी में उच्च न्यायालय द्वारा स्थगन का आदेश दिए जाने पर भी बाप्तिस्मा घाट का अनधिकृत निर्माणकार्य आरंभ है । मंगलागिरी में तेनाली जोड सडक के लिए रीजर्व भूमि पर ईसाईयों के लिए बाप्तिस्मा घाट का निर्माण किया जा रहा है । इस प्रकरण में उच्च न्यायालय ने प्रतिवादी राज्य के प्रमुख सचिव, गुंटूर के जिलाधिकारी, मंगूगिरी के तहसीलदार एवं मंगलागिरी महानगरनिगम के आयुक्त को नोटिस भेजने के उपरांत प्रशासन ने यह निर्माणकार्य रोक दिया है ।

उच्च न्यायालय ने बाप्तिस्मा घाट के निर्माणकार्य को स्थगित करने का आदेश देने पर भी, उसका निर्माण आरंभ रखने के कारण भाजपा के नेताओं ने रोष व्यक्त किया है । उन्होंने इस अनधिकृत निर्माणकार्य के स्थान पर जा कर प्रदर्शन किया । वहां बडी संख्या में पुलिस नियुक्त की गई थी । कानून एवं सुव्यवस्था का प्रश्‍न उठाकर पुलिस ने भाजपा के नेताओं को वहां से हठपूर्वक हटाया । भाजपा के नेताओं ने रोष व्यक्त करते हुए आरोप लगाया है कि पुलिस सत्ताधारियों का पक्ष ले रही है ।

अनधिकृत निर्माणकार्य के लिए सत्ताधारी दल के नेताओं का समर्थन ! – याचिकाकर्ता का आरोप

मुप्पाराज प्रदीप एवं अन्य चार लोगों ने भूमि महसूल पंजयन के अनुसार जोड सडक भूमि के रूप में घोषित किए गए स्थान पर अनधिकृत निर्माणकार्य किया जा रहा है, ऐसा दावा करते हुए उच्च न्यायालय में याचिका प्रविष्ट की थी । ‘धर्मांतरण के लिए यह निर्माणकार्य किया जा रहा है । इस अनधिकृत निर्माणकार्य को सत्ताधारी दल के नेताओं का समर्थन है’, ऐसा आरोप इस याचिका में किया गया है । इस प्रकरण की सुनवाई के उपरांत उच्च न्यायालय ने प्रतिवादियों को नोटिस भेजकर निर्माणकार्य पर रोक लगा दी है ।

संपादकीय भूमिका

  • अनधिकृत निर्माणकार्य जब हो रहा था, तब क्या प्रशासन सो रहा था ?
  • यह न्यायालय को क्यों कहना पडता है ? प्रशासन को स्वयं क्यों समझमें नहीं आता ? इसके लिए उत्तरदायी दायित्वशून्य अधिकारियों को कारागृह में डालना चाहिए !