‘कामसूत्र’ की भूमि पर लैंगिकता के विषय में सामाजिक चर्चा करने को अश्लील समझना अयोग्य !’
‘माई म्यूस’ कंपनी के प्रमुख का भारतीय संस्कृति के विरोध में विधान
‘माई म्यूस’ कंपनी के प्रमुख का भारतीय संस्कृति के विरोध में विधान
शासन लोकतंत्र व्यवस्था का आधारस्तंभ है । हमारे देश में प्रत्येक ५ वर्ष में चुनाव होते हैं और शासनकर्ता बदल जाते हैं, तब भी प्रशासकीय कर्मचारी एवं अधिकारी वही होते हैं । शासनकर्ताओं द्वारा लागू की गई योजनाओं को कार्यान्वित करनेवाला प्रशासन ही होता है । अत: ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि … Read more
हमारे राष्ट्र के तेजस्वी इतिहास और श्रेष्ठतम संस्कृति को हम समझ लेंगे, तो हममें हमारे राष्ट्र के प्रति अभिमान जागृत होगा । राष्ट्र के प्रति अभिमान होगा, मन में राष्ट्रप्रेम होगा, तो राष्ट्र के प्रतीकों के प्रति भी हमारे मन में आदर रहेगा ।
विविध माध्यमों द्वारा एनसीईआरटी द्वारा शिक्षा का विकृतीकरण अनेक बार उजागर होते हुए भी उसे विसर्जित क्यों नहीं किया गया ?
अतीत में की गई चूकें, वर्तमान और भविष्य की शांति भंग होने का आधार नहीं बन सकतीं ! ऐसा कह कर साकेत न्यायालय ने ‘प्लेसेस ऑफ वर्शिप १९९१’ इस कानून के आधारे कुतुबमिनार में २७ हिन्दू और जैन मंदिरों में पूजा का अधिकार मांगनेवाली याचिका अस्वीकार की !
यद्यपि यह एक विश्वविद्यालय है, किन्तु मंदिर की वार्षिक तीर्थयात्रा महाराजा प्रताप सिंह और रणबीर सिंह के शासनकाल के समय प्रसिद्ध हुई थी। १९४७ में विभाजन के उपरांत, तीर्थयात्रा बाधित हुई और मंदिर की उपेक्षा की गई।
कर्नाटक विधानसभा के भूतपूर्व अध्यक्ष एवं कांग्रेस नेता के आर. रमेश कुमार का दावा !
हरियाणा के भाजपा सरकार का बधाई के पात्र निर्णय ! हिन्दू अपेक्षा करते हैं कि, छात्रों को सरस्वती नदी एवं कुरुक्षेत्र का आध्यात्मिक महत्व भी सिखाया जाएगा !
मुसलमान समाज के समझदार और अच्छे विचारों के नेताओं को आततायी वक्तव्यों का विरोध करना चाहिए । उन्हें यह काम लंबे समय तक और प्रयास पूर्वक करना होगा ।
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा सोमनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार का ऑनलाइन उद्घाटन !