सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी की सिद्ध लेखनी से साकार हुए सनातन के ग्रंथ चैतन्यमय ज्ञान का भंडार है ! ये ग्रंथ केवल स्पर्श से लोहे को सोना बनानेवाले पारस के समान हैं; क्योंकि ग्रंथों में दी गई सीख के अनुसार आचरण करने से अनेक लोगों के जीवन में आमूल परिवर्तन हो रहे हैं !
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सनातन की सर्वांगस्पर्शी ग्रंथसंपदा
नूतन लेख
- व्यक्तिगत स्वतंत्रता के समर्थकों, मानव को मानव देहधारी प्राणी मत बनाओ !
- धर्मद्रोही बुद्धिवादियों की दोहरी नीति !
- हिन्दू धर्म संसार का एकमात्र ऐसा धर्म है, जिसमें क्रूरता का इतिहास नहीं है !
- सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार
- Karnataka Love JIhad Issue : कांग्रेस नगरसेवक एवं पीडिता के पिता को लव जिहाद का अस्तित्व स्वीकार; परंतु गृहमंत्री को अस्वीकार !
- संपादकीय : ‘ममता’ का द्वेष !