साम्यवादियों का समकालीन हिन्दूविरोधी प्रचार !
‘हिन्दू एवं मुसलमानों का सहअस्तित्व देश के लिए विनाशकारी सिद्ध होगा’, ऐसा दूरदृष्टि से बोलनेवाले डॉ. आंबेडकर एकमात्र थे । वे कांग्रेस के नेताओं के कडे आलोचक थे ।
‘हिन्दू एवं मुसलमानों का सहअस्तित्व देश के लिए विनाशकारी सिद्ध होगा’, ऐसा दूरदृष्टि से बोलनेवाले डॉ. आंबेडकर एकमात्र थे । वे कांग्रेस के नेताओं के कडे आलोचक थे ।
इससे पहले रक्षा क्षेत्र के लिए हथियार खरीदते समय उसमें भ्रष्टाचार न हुआ हो, ऐसा कभी नहीं हुआ था । ‘बोफोर्स’ उसका एक बडा उदाहरण है । मोदी ने इस इतिहास को परिवर्तित कर दिया । फ्रांस से लडाकू विमान ‘राफेल’ की खरीद में किसी प्रकार का भ्रष्टाचार अथवा दलाली की घटना नहीं हुई ।
इस कथा का आरंभ हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक सद्गुरु नीलेश सिंगबाळजी, काशी विश्वनाथ मंदिर वॉर्ड के अध्यक्ष प्रो. नागेंद्र पांडेय एवं अन्य संतों की ओर से दीप प्रज्वलित किया गया ।
स्वामी श्री. आनंद कृष्णा सिंधी वंश के हैं तथा इंडोनेशिया उनका जन्मस्थल है । वे इंडोनेशिया के ‘आध्यात्मिक मानवतावाद, साथ ही अंतरधर्मीय सुसंवाद’ के प्रवर्तक हैं । उन्होंने प्रचुर लेखनकार्य भी किया है ।
सनातन संस्था के धर्मप्रचारक श्री. अभय वर्तक एवं साधक श्री. गिरीश पुजारी ने पू. घोषजी से सद्भावना भेंट की । बीमार पू. घोषजी के साथ किए वार्तालाप में बांग्लादेश के हिन्दुओं की रक्षा हेतु जागृत उनकी जाज्ज्वल्य लगन दिखाई दी । यही सच्ची धर्मनिष्ठता तथा लडाकूवृत्ति है ।
गुरुपूर्णिमा के दिन १००० गुना सक्रिय रहनेवाले गुरुतत्त्व का लाभ सभी को हो, इस हेतु सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति गुरुपूर्णिमा महोत्सव का आयोजन कर रहे हैं । इस महोत्सव में सम्मिलित होने हेतु गुरुपूर्णिमा स्थल के पते एवं संपर्क क्रमांक आगे देखें ।
चल-दूरभाष (मोबाइल) के आधार पर संपर्क कर अथवा लघुसंदेश (एस.एम.एस.) भेजकर नागरिकों को ठगने की मात्रा दिनदहाडे बढती ही जा रही है । तत्कालीन सामाजिक समस्या, नागरिकों की लाचारी, अज्ञानता, भोलापन आदि कारणों से समाज की अनेक दुष्प्रवृत्तियां हमसे धोखाधडी करती है ।
गत कुछ दिनों से मुझे एक दूरभाष से मेरे चल-दूरभाष पर कॉल आ रहा है । जब मैं चल-दूरभाष पर वह संपर्क लेता हूं, तब ध्वनिमुद्रित किया संदेश आता है कि ‘आपका फेडेक्स पार्सल (फेडेक्स कुरिअर कंपनी) प्रतीक्षा कर रहा है । उसे लेने के लिए दिए गए क्रमांक पर दूरभाष करें !’
प्रस्तुत खंड में परात्पर गुरु डॉक्टरजी की अभ्यासवर्गाें में सिखाने की अलौकिक पद्धति, अभ्यासवर्गाें में आनेवाले जिज्ञासुओं का सत्सेवा हेतु प्रेरित होना इत्यादि के विषय में साधकों द्वारा कृतज्ञभाव से लिखकर दिए अनेक सूत्र समाविष्ट हैं ।
श्री. बग्गा कर्मयोगी हैं । समाज की ओर निरपेक्ष भाव से देखना, उनकी भक्ति का उदाहरण है । उनमें अहं अल्प होने के कारण ही वे निरपेक्ष भाव से समाज एवं राष्ट्र हेतु कार्य करते हैं ।