साधकों के लिए सूचना तथा पाठकों, शुभचिंतकों एवं धर्मप्रेमियों से विनम्र निवेदन !
चल-दूरभाष (मोबाइल) के आधार पर संपर्क कर अथवा लघुसंदेश (एस.एम.एस.) भेजकर नागरिकों को ठगने की मात्रा दिनदहाडे बढती ही जा रही है । तत्कालीन सामाजिक समस्या, नागरिकों की लाचारी, अज्ञानता, भोलापन आदि कारणों से समाज की अनेक दुष्प्रवृत्तियां हमसे धोखाधडी करती है । इसी प्रकार निम्नांकित कुछ कारणों से आधार कार्ड क्रमांक, ‘ए.टी.एम. का पिन नंबर’, ‘ओ.टी.पी.’ मांगकर अथवा भेजी हुई लिंक ‘क्लिक’ करने को बताकर नागरिकों को फंसाया गया अथवा अब भी फंसाया जा रहा है ।
१. ऐसे की जा रही है चल-दूरभाष द्वारा धोखाधडी
अ. बिजली देयक (बिल) समय पर न भरने के कारण आज रात ९.३० बजे आपका बिजली कनेक्शन बंद हो जाएगा । वह बंद न हो, इसलिए हमें …….. क्रमांक पर संपर्क करें ।
आ. चल-दूरभाष का ‘सिम कार्ड’ 4G से 5G में ‘ट्रान्सफर’ करना है । यदि वह नहीं करते, तो आपका ‘कार्ड ब्लौक’ स्थायी रूप से हो जाएगा । चल-दूरभाष कंपनी के ‘सर्विस सेंटर’ में जाकर भी यह प्रक्रिया नहीं होगी । आपको यह ‘ऑनलाइन’ पद्धति से करना पडेगा ।
इ. आबकारी खाते से (‘फौरेन एक्सचेंज’ से) मूल्यवान वस्तुएं छुडानी हैं ।
ई. ‘आपके कुछ अनचाहे छायाचित्र मेरे पास हैं’ अथवा ‘आपने मुझे संपर्क किया था । आपका ‘मिस्ड कॉल’ देखकर मैंने पुनः संपर्क किया है’, इस प्रकार झूठ बोलना । नागरिकों के मना करने पर फंसानेवाले उद्दंडता से बात करते हैं ।
उ. अनेक बार ‘Any Desk’ एप इन्स्टॉल’ करने के लिए भी कहा जाता है । ऐसे में चाहे कुछ भी हो, अपने मोबाइल पर ‘Any Desk’ अथवा मोबाइल पर बोल रहे व्यक्ति द्वारा बताया गया अन्य कोई भी एप ‘इन्स्टॉल’ न करें ।
ऊ. अनेक बार चल-दूरभाष ‘रिसीव’ करने पर एक ‘आई.वी.आर. ओडियो (स्वयंचलित टेलिफोन प्रणाली)’ आरंभ होती है एवं ‘आपका फोन नंबर दो घंटे में ‘डिएक्टिव’ हो रहा है । इस विषय में अधिक जानकारी के लिए ९ क्रमांक बटन दबाएं’, ऐसी सूचना आती है ।
ऐसे में वह ‘कॉल कट’ कर अपना ‘ सिम कार्ड’ जिस कंपनी का है, उसके ‘ग्राहक सेवा केंद्र’ (सर्विस प्रोवाइडर) से संपर्क करें ।
२. यदि ‘फोन अथवा मैसेज’ आता है, तो भयभीत होने की अपेक्षा फोन ‘कट’ करें !
धोखाधडी करनेवाले लोग परिस्थिति का अनुचित लाभ उठाकर मीठा-मीठा बोलकर नागरिकों को भ्रमित करते हैं अथवा उन्हें डराते हैं । इस समय सतर्कता के अभाव में धोखाधडी करनेवाले लोगों की बातों में अथवा पुरस्कारों की लालच में नागरिक फंस जाते हैं । इसलिए यदि इस प्रकार का कोई भी फोन अथवा मैसेज आता है, तो नागरिक भयभीत न हों । मोबाइल का ‘सिम कार्ड’ इस प्रकार अचानक बंद नहीं हो सकता अथवा बिजली कनेक्शन भी बंद नहीं किया जा सकता । ऊपर उल्लेखित कोई भी घटना नहीं होती । इसलिए ऐसे प्रसंगों में भयभीत न होते हुए अथवा किसी भी ‘ऑफर’ से भ्रमित हुए बिना आत्मविश्वास से एवं शांति से उत्तर देकर फोन ‘कट’ करें ।
३. धोखाधडी का एक अन्य प्रकार ध्यान में लेकर ‘पेमेंट एप्स’ पर अप्रयुक्त खाते व्यवस्थित बंद करें !
अनेक बार साधक ‘पेटीएम’, ‘गूगल पे’ अथवा ‘मोबिक्विक’ जैसे जालस्थलों पर पैसों के लेन-देन खाते खोलते हैं । तदुपरांत उसमें से किसी एक खाते का उपयोग करने लगते हैं तथा अन्य खाते वैसे ही रह जाते हैं । इस प्रकार के पुराने अप्रयुक्त खातों के ‘पे लेटर’ (अभी व्यय करो, अगले माह में पैसे भरो !) इस सुविधा का उपयोग अपरोक्ष कर धोखा दिया जा सकता है । इसलिए किसी खाते का उपयोग न हो रहा हो, तो उसे व्यवस्थित बंद करें ।
वास्तव में ‘किसी भी कारण से नागरिकों से चल-दूरभाष पर आधार कार्ड क्रमांक, ‘ए.टी.एम. का पिन’, ‘ओ.टी.पी.’ मांग नहीं सकते ।’, ऐसा शासन-प्रशासन, ‘रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया’ आदि ने समय-समय पर स्पष्ट किया है । इसे ध्यान में रखकर कोई भी आधार कार्ड क्रमांक, ‘ए.टी.एम. का पिन’, ‘ओ.टी.पी.’ जैसी गोपनीय जानकारी मांगता है अथवा पुरस्कार मिलने की ‘लिंक’ भेजकर उसे ‘क्लिक’ करने के लिए कहता है, तो जानबूझकर उसकी अनदेखी करें । इस प्रकार की बातों को प्रतिसाद देकर स्वयं की आर्थिक ठगी न होने दें !
इस प्रकार धोखाधडी होने पर अपराध प्रविष्ट करने से उसकी जांच करने पर भी कुछ लाभ नहीं होता । अपराधी मिलने एवं उसे दंड होने की मात्रा नगण्य है । इस कारण ‘प्रिवेंशन इज बेटर दैन क्युअर’ (उपचार से उत्तम है रोकथाम – कोई अप्रिय घटना होने पर सुधार करने की अपेक्षा प्रथमतः वह होने ही न दी जाए, यही अच्छा !) इसके अनुसार समय के रहते सावधानी रखकर अपनी होनेवाली संभावित हानि टालें । स्वयं सतर्क रहकर परिजनों एवं मित्र परिवार को भी सतर्क करें ! |