अनुच्छेद ३७० को हटाकर भी कश्मीर में हिन्दू सुरक्षित नहीं हैं ! – राहुल कौल, अध्यक्ष, यूथ फॉर पनून कश्मीर, पुणे

‘‘सरकार अभी भी कश्मीरी हिन्दुओं का नरसंहार स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है । उसके परिणामस्वरूप बंगाल सहित भारत में जहां-जहां मुसलमानबहुल क्षेत्र है, वहां ‘कश्मीरी पैटर्न’ चलाया जा रहा है ।

बौद्धिक युद्ध लडने के लिए आचार्य चाणक्य की बुद्धीमत्ता तथा छत्रपति शिवाजी महाराज का शौर्य आत्मसात करना आवश्यक ! – संतोष केंचम्बा, संस्थापक अध्यक्ष, राष्ट्र धर्म संगठन

भारत में गुरु-शिष्य परंपरा के अंतर्गत योग्य कथाओं के माध्यम से हिन्दू संस्कृति का प्रसार हो रहा है । यह परंपरा पुनर्जिवित कर कथाओं के माध्यम से हिन्दू संस्कृति का प्रसार करना आवश्यक है ।

हिन्दू राष्ट्र-स्थापना के महायज्ञ में प्रत्येक हिन्दू परिवार के सदस्य आहुति दें ! – आचार्य राजेश्वर, राष्ट्रीय अध्यक्ष, संयुक्त भारतीय धर्म संसद, राजस्थान

पहले संपूर्ण विश्व में हिन्दू संस्कृति थी, अब वहां अन्य धर्मी राज कर रहे हैं । कुछ वर्ष पूर्व हिन्दुओं ने कश्मीर से पलायन किया । आज के समय में देश में ६०० स्थानों पर छोटे पाकिस्तान बन गए हैं ।

नास्तिकतावादियों की हत्याओं के प्रकरणों में हिन्दुत्वनिष्ठों को फंसाने के पीछे षड्यंत्र ! – डॉ. अमित थडानी, शल्यकर्म चिकित्सक, समाजसेवी तथा लेखक

‘‘सनातन संस्था लोगों को संगठित करती है; इसलिए उसे नास्तिकतावादियों के हत्याओं के प्रकरणों में लक्ष्य बनाया गया । इन प्रकरणों में वास्तविक हत्यारों को खोजने का प्रयास न करते हुए अन्वेषण किया गया ।

‘लव जिहाद’ रोकने के लिए देश स्तर पर कठोर कानून का निर्माण होना आवश्यक ! – यति मां चेतनानंद सरस्वती, महंत, डासना पीठ, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश.

हिन्दू युवतियों को ‘लव जिहाद’ में षड्यंत्र की भांति फंसाया जा रहा है । एकाध युवती की मृत्यु के पश्चात भी उसकी मृतदेह पर बलात्कार करना, यह पशु को भी लज्जा आए, ऐसा कृत्य है । ऐसे कृत्य जिहादियों द्वारा किए जा रहे हैं ।

हिन्दुत्वनिष्ठ अधिवक्ताओं को हिन्दूविरोधी ‘नैरेटिव’ के (कथानक के) विरुद्ध एकत्रित लडना आवश्यक ! -अधिवक्ता संजीव पुनाळेकर, सचिव, हिन्दू विधिज्ञ परिषद

वर्ष २००८ के मालेगांव बमविस्फोट प्रकरण की कथित आरोपी साध्वी प्रज्ञासिंह जब कारागार में थी, उस समय एक मुसलमान महिला ने उन पर कारागार में आक्रमण किया ।

हिन्दू संस्कृति पर हो रहे आक्रमणों का विरोध करने के लिए अधिवक्ता हिन्दू धर्मग्रंथों का अध्ययन करें ! – अधिवक्ता श्रीधर पोतराजू, सर्वोच्च न्यायालय, देहली

स्वतंत्रता से पूर्व भारत में न्यायालयीन कामकाज में वेद-शास्त्र का संदर्भ दिया जाता था; परंतु अब कानून के पाश्‍चात्त्यीकरण के कारण उनके संदर्भों का उपयोग नहीं किया जाता है । स्वतंत्रताप्राप्ति के उपरांत साम्यवादियों की बौद्धिक विकृति ने भारत में मजबूत जाल बनाया है ।

‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ के लिए उपस्थित हिन्दुत्वनिष्ठों ने किया रामनाथी, गोवा स्थित सनातन के आश्रम का अवलोकन !

१६ से २२ जून २०२३ की अवधि में विद्याधिराज सभागार, रामनाथी, गोवा में ११ वां अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन (वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव) संपन्न हुआ । इस अधिवेशन में सहभागी हुए संत एवं हिन्दुत्वनिष्ठों ने रामनाथी, गोवा स्थित सनातन के आश्रम का अवलोकन किया ।

सनातन के मराठी एवं हिन्दी ‘ई-बुक’ ‘अध्यात्मका प्रस्तावनात्मक विवेचन’ का लोकार्पण !

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी की एक आध्यात्मिक उत्तराधिकारिणी श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा नीलेश सिंगबाळजी के करकमलों से ३ जुलाई २०२३ अर्थात गुरुपूर्णिमा के दिन सनातन के मराठी एवं हिन्दी भाषा के ‘ई-बुक’ ‘अध्यात्मका प्रस्तावनात्मक विवेचन’ का लोकार्पण किया गया ।

वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ का अर्थ क्या है ?

भारत में हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के पश्चात, उसके द्वारा विश्वकल्याण का कार्य होगा, यह आज तक का इतिहास है । इसलिए ‘सनातन भारत’ कहें, अथवा ‘हिन्दू राष्ट्र’ कहें अथवा ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र’ कहें, इन सभी का अर्थ एक ही है ।