स्त्रीवादी संगठनों ने महिला सशक्तिकरण के नाम पर हिन्दू समाज को विभाजित किया ! – प्रा. मधु पूर्णिमा किश्वर, संपादिका, ‘मानुषी’, देहली
‘स्त्रीवादी स्वयंसेवी संगठनों ने समाजसेवा के मुखौटे लगाकर स्वयं को चाहिए वैसे कानून पारित करवा लिए । प्रसारमाध्यम, न्यायव्यवस्था, नौकरशाही ये सभी इन स्त्रीवादी कहलानेवालों की कठपुतलियां हैं । इन स्त्रीवादी संगठनों ने महिला सशक्तिकरण, गरीबों को शिक्षा, अनुसूचित जाति-जनजाति को न्याय जैसे नाम पर हिन्दू समाज विभाजित किया ।