रामनाथी देवस्थान – स्वतंत्रताप्राप्ति के पश्चात भारत की कुछ हिन्दू स्त्रियां स्वेच्छा से अधर्मियों के साथ जा रही हैं । फिल्म जगत को इस्लामी देशों से हो रही आर्थिक आपूर्ति के परिणामस्वरूप ‘लव जिहाद’ का बीजारोपण किया जा रहा है । फिल्म जगत द्वारा ‘लव जिहाद’के नरेटिव (कथानक) तैयार कर, ऐसा चित्र निर्माण किया जा रहा है कि हिन्दू धर्म में स्त्रियाें को कम आंका जाता है । हिन्दू धर्म पिछडा है, ऐसा दिखाने का प्रयत्न किया जा रहा है । भारतीय नारियों का यदि इतिहास देखें तो पाएंगे कि अनेक वीरांगनाएं और विदूषी थीं । हिन्दू युवतियों को हिन्दू धर्म की शिक्षा दी गई होती, तो ‘लव जिहाद’का संकट आता ही नहीं । वर्तमान में केवल हिन्दू युवतियां ही नहीं, अपितु विवाहित महिलाएं भी लव जिहाद की बलि चढ रही हैं । उत्तरप्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार आने पर हिन्दू युवतियों से छेडछाड की घटनाओं पर नियंत्रण आया है; परंतु पूर्णरूप से वे थमी नहीं हैं । हिन्दुओं ने अब तक शत्रुबोध (‘शत्रुबोध’ अर्थात् हमें इस बात का बोध हो कि हमारा शत्रु कौन है ।) समझने का प्रयत्न नहीं किया, यह हमारी सबसे बडी भूल है । अब हिन्दू कम से कम अपने परिवार को तो शत्रुबोध से अवगत कराएं । हिन्दुओं के साधना और क्षात्रतेज छोड देने से लव जिहाद समान घटनाओं में वृद्धि हुई है । वर्तमान में लोकसभा के चुनावों में समाजवादी पक्ष के ३७ सांसद चुनकर आए । इसलिए आनेवाले वर्ष संघर्षमय होंगे । हिन्दुओं को इस लडाई के लिए तैयार रहना चाहिए, ऐसा आवाहन यति मां चेतनानंद सरस्वतीजी ने किया । वे ‘उत्तरप्रदेश में लव जिहाद का सत्य और उस पर उपाययोजना’ इस विषय पर बोल रहीं थीं ।
वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव से धर्मकार्य के लिए ऊर्जा मिलती है !वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव से धर्मकार्य के लिए ऊर्जा प्राप्त होती है । इस महोत्सव में मिलनेवाले धर्मबोध के कारण यहां से अपने-अपने क्षेत्र में जाने पर सक्षमरूप से धर्मकार्य करना संभव होता है । इस महोत्सव के कारण संस्कारों का पूनर्जीवन हो रहा है । हिन्दुओं को इस महोत्सव से धर्मकार्य के लिए ऊर्जा प्राप्त करनी चाहिए । ‘धर्मकार्य के लिए समर्पित होकर कार्य कैसे करें ?’, इसकी सीख इस महोत्सव में दी जाती है । जब समर्पित होकर हम धर्मकार्य करेंगे, तब भारत में ही नहीं, अपितु विश्व में हिन्दू धर्म की स्थापना कर सकेंगे, ऐसे उद्गार यति मां चेतनानंद सरस्वतीजी ने व्यक्त किए । |
महिला की पहचान सामाजिक माध्यमों पर प्रसारित न करें !अनेक स्थानों पर हिन्दू महिलाएं स्वयं ही अपनी जानकारी सामाजिक माध्यमोें पर प्रसारित करती हैं । इसके साथ ही ‘लव जिहाद’की बलि चढी हिन्दू युवतियों की भी जानकारी प्रसारमाध्यम द्वारा प्रसारित कर देती हैं । इससे लव जिहाद की बलि चढी हिन्दू युवतियों के प्राण संकट में पड सकते हैं । जिहादी आतंकवादियों के उन्हें हानि पहुूंचाने की संभावना बहुत बढ जाती है । इसलिए किसी भी परिस्थिति में हिन्दू महिलाएं अपनी अथवा अन्य किसी भी महिला की पहचान सामाजिक माध्यम पर प्रसारित न करें, ऐसा आवाहन यति मां चेतनानंद सरस्वतीजी ने किया । |
हिन्दुओं के आस्थाकेंद्रों का हनन नियोजित षड्यंत्र ही है ! – रमेश शिंदे
आंध्र प्रदेश में सरकार मंदिरों का करोडों रुपया लेती है, तो वह मंदिरों को सुरक्षा क्यों प्रदान नहीं करती । दो सौ से अधिक मंदिरों में एक ही ढंग से आघातों की घटनाएं होती हैं । यह हिन्दुओं की श्रद्धाओं का हनन करने का सुनियोजित षड्यंत्र है, यह सरकार को क्यों नहीं समझ में आता ? भारत में सैकडों मंदिरों पर आक्रमण होने पर भी उसे गंभीरता से नहीं लिया जाता । इसलिए हिन्दुओं को ही इसपर आवाज उठाकर सरकार को कृति करने के लिए बाध्य करना चाहिए । ‘आंध्र प्रदेश प्रोपॅगेशन ऑफ अदर रिलिजन इन द प्लेसेस ऑफ वर्शिप ऑर प्रेयर प्रोहिबिशन ऑर्डिनन्स २००७’ (प्रार्थनास्थलों के स्थानों पर अन्य धर्मियों के धर्मप्रसार पर प्रतिबंध लगानेवाला कानून) इसके अंतर्गत हिन्दुओं के मंदिर क्षेत्र में अन्य धर्मीय उनके धर्म का प्रसार नहीं कर सकते । इसी का अर्थ यह है कि वे वहां आ भी नहीं सकते । इस कानून को वहां तुरंत लागू करने की आवश्यकता है । इन सभी समस्याओं को रोकने के लिए ‘हिन्दू राष्ट्र’ ही एकमात्र उपाय है ।