भारत के दूसरे विभाजन की योजना बनाई गई है ! – अधिवक्ता जॉयदीप मुखर्जी, ऑल इंडिया लीगल एड फोरम, बंगाल

भारत के अनेक राज्यों में हिन्दुओं को अल्पसंख्यक और मुसलमानों को बहुसंख्यक बनाकर आनेवाले समय में भारत के दूसरे विभाजन की योजना बनाई गई है । केंद्र सरकार संविधान से ‘धर्मनिरपेक्ष’ (सेक्यूलर) शब्द हटाए ।

VIDEO : दशम अखिल भारतीय हिन्दू हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में ‘नक्सलियों की हिंसा का वैधानिक पद्धति से प्रतिकार’ इस विषय पर विचारमंथन !

नक्षलवाद के विरोध में लडने के लिए देश के सैनिक सक्षम हैं; परंतु जब नक्सलियों को मुठभेड में मारा जाता है, तब कुछ मानवतावादी गिरोह नक्सलियों के पक्ष में खडे होते हैं । नक्सली जब छोटे बच्चों को मारते हैं, तब यह मानवतावादी लोग सामने नहीं आते ।

३२ वर्षाें उपरांत भी हत्यासत्र एवं विस्थापन जारी; कश्मीरी हिन्दुओं को न्याय कब मिलेगा ? – श्री. राहुल कौल, राष्ट्रीय अध्यक्ष, यूथ फॉर पनून कश्मीर

जिहादी आतंकवाद के कारण अपने ही देश में विस्थापित हुए ३२ वर्ष बीत गए, तब भी आज तक कश्मीरी हिन्दुओं को लक्ष्य बनाकर उनका भीषण हत्यासत्र जारी ही है । हिन्दुओं की चुन-चुनकर हत्या की जा रही है । गत कुछ महिनों में कश्मीर में १० हिन्दुओं की हत्याएं हुईं हैं ।

गोवा के विध्वंसित मंदिरों के विषय में न्यायालयीन लडाई लडने के लिए प्रमाण देने का आवाहन

राष्ट्रीयस्तर पर मुघलों, पोर्तुगीजों आदि आक्रांताओं ने केवल श्रीराममंदिर, काशी, मथुरा, कुतुबमिनार, ताजमहल और भोजशाला ही नहीं, अपितु सहस्रों अन्य मंदिर भी गिराए हैैं । भारत को स्वाधीनता मिली; परंतु हिन्दुओं के प्राचीन धार्मिक स्थल उसी प्रकार से विदेशी गुलामी में रह गए

धर्मकार्य में पैर जमाकर खडे रहना आवश्यक – अधिवक्ता भारत शर्मा, संरक्षक, धरोहर बचाओ समिति, राजस्थान

सनातन धर्म वैज्ञानिक कैसा है, यह समाज के सामने लाने के लिए हमने ‘अखिल भारतीय विज्ञान दल’की स्थापना की । इस माध्यम से हमने अनेक लोगों को सनातन धर्म के अध्ययन के लिए प्रवृत्त किया । जन्मदिवस के दिन केक न काटकर औक्षण करना, यज्ञ संस्कृति का पालन करना आदि छोटे-छोटे कृत्यों से हम समाज में सनातन धर्म की पुनः स्थापना करेंगे ।

श्री सिद्धिविनायक मंदिर के पैसों का उपयोग करनेवाले राजनीतिज्ञों और संस्थाचालकों से पैसे वापस करने के विषय में चेतावनी दीजिए ! – डॉ. अमित थडाणी, निदेशक, निरामय चिकित्सालय, मुंबई

महाराष्ट्र की अनेक संस्थाओं को श्री सिद्धिविनायक मंदिर की ओर से लाखों रुपए मिलते हैं । इसमें सभी राजनीतिक दलों के नेताओं का समावेश है । इन राजनेताओं ने मंदिरों का पैसा क्यों लिया और वे उसे कब वापस देनेवाले हैं ?, इस विषय में उन्हें पूछना आवश्यक है ।