प्रयागराज में होनेवाले कुंभपर्व के लिए वहां अपनी वास्तु उपयोग हेतु देकर, धर्मकार्य में सहभागी हों !

निवास की दृष्टि से, तथा विविध सेवाओं के लिए प्रयाग में वास्तु की (घर, सदनिका [फ्लैट], सभागृह [हॉल] की) आवश्यकता है । 

श्री तिरुपति देवस्थान के प्रसाद में पशु चर्बी का तेल मिलानेवालों पर तुरंत अपराध प्रविष्ट करउन्हें बंदी बनाया जाए ! – हिन्दू जनजागृति समिति

विश्वभर के करोड़ों भक्तों की आस्था का केंद्र श्री तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद के लड्डुओं में पशु चर्बी का तेल मिलाए जाने की अत्यंत गंभीर बात आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू द्वारा उजागर किए जाने के उपरांत विश्वभर के हिन्दू समाज में भारी आक्रोश निर्माण हुआ है ।

उत्तरभारत में पितृपक्ष के निमित्त प्रवचन संपन्न !

पितृपक्ष में श्राद्ध करने से हमारे अतृप्त पूर्वजों को पृथ्वी के वातावरण कक्षा में आना सरल हो जाता है, श्राद्ध के कारण पूर्वजों की इच्छाएं तृप्त होकर उन्हें सद्गति प्राप्त होती है,

श्रीसत्‌शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी द्वारा की गई भावपूर्ण पूजा के कारण श्री लक्ष्मीपूजन के घटकों में सकारात्मक ऊर्जा (चैतन्य) अत्यधिक बढ जाना 

दिवाली में लक्ष्मी पूजा का विशेष महत्त्व है । पुराणों में वर्णन है कि कार्तिक अमावस्या की रात को लक्ष्मीजी सर्वत्र भ्रमण करती हैं तथा अपने निवास के लिए उपयुक्त स्थान ढूंढने निकल पडती हैं ।

अध्यात्म सीखने के चरण !

कथा एवं प्रवचन जैसे माध्यमों से केवल वैचारिक स्तर पर अध्यात्म बताना तथा ग्रहण करना मानसिक स्तर का होता है । वर्तमान समय की शैक्षिक पद्धति के अनुसार अध्यात्म सीखने का यह स्तर ‘बालवाडी’ स्तर का है ।

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी की कृपा से देहली के साधकों को दिवाली के शुभ समय पर हुई अनुभूतियां !

यहां दिए हुए लेख में देहली के सनातन के सेवाकेंद्र में रहकर साधना करनेवाले कुछ साधकों को वर्ष २०२२ में दिवाली की अवधि में सेवाकेंद्र में दीप लगाने पर हुई अनुभूतियां प्रस्तुत हैं ।

हिन्दुओ, शत्रु सीमोल्लंघन कर रहा है; इसलिए अपनी रक्षा की तैयारी करो !

विजयादशमी का अर्थ है सीमोल्लंघन कर शत्रु के राज्य में घुसकर विजय प्राप्त करने की परंपरा का स्मरण दिलानेवाला त्योहार !

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार

‘एक एटम बम में लाखों बंदूकों का सामर्थ्य होता है, उसी प्रकार आध्यात्मिक बल में भौतिक, शारीरिक एवं मानसिक बल से अनंत गुना अधिक सामर्थ्य होता हैे । इसी कारण धर्मप्रेमी ‘संख्याबल अल्प होने पर भी हिन्दू राष्ट्र कैसे साकार होगा ?’, इसकी चिंता न करें ।’

प्रसाद के लड्डू अब पूरी तरह शुद्ध एवं पवित्र हैं !- तिरुमला तिरुपति देवस्थानम्

प्रसादम् अर्थात प्रसाद के लड्डू अब पूरी तरह शुद्ध एवं पवित्र हैं । तिरुपति बालाजी मंदिर का प्रबंधन देखनेवाले तिरुमला तिरूपति देवस्थानम् ने कहा, ‘हम इसे वैसे ही बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं ।’

माहभर में ५० सहस्र बांग्लादेशियों का भारत में प्रवेश !

बांग्लादेश के एक युवक हिन्दू नेता ने अपना मत रखते हुए कहा, ‘हम बांग्लादेशी हिन्दू हमारी दयनीय स्थिति शब्दों में कह नहीं सकते । हम पर विविध प्रकार के संकट आ रहे हैं ।