सनातन का श्रीराम ग्रंथ ‘ई-बुक’ स्वरूप में उपलब्ध !
श्रीरामजी की गुणविशेषताएं, रामायण की कुछ घटनाओं का भावार्थ ऐसी जानकारी पाने हेतु ई-बुक आज ही डाउनलोड करें ।
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यदि मन में किसी भी प्रकार के विचार संगठित हुए, तो उसका परिणाम देह पर होता है तथा विभिन्न शारीरिक कष्ट आरंभ होते हैं । खुलकर बात करने से मन में इकट्ठा हुई भावनाओं को मार्ग मिलता है तथा मन हल्का होता है ।
श्रीराम मंदिर के कारण अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय श्रेणी का हवाई अड्डा, अच्छी सडकें, अच्छे होटल तथा अनेक मूलभूत सुविधाओं की निर्मिति हुई है । व्यापारियों के संगठन ने बताया है कि ‘श्रीराम की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा के दिन ही ५० सहस्र करोड रुपए का निवेश हो सकता है’ ।
अयोध्या के श्रीराम मंदिर का उद्घाटन तथा श्री रामलला प्राणप्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से देश के विभिन्न भागों में ‘श्रीरामनामसंकीर्तन अभियान’ चलाया जा रहा है । उसी के अंतर्गत यहां के श्री सरियादेवी मंदिर के प्रांगण की स्वच्छता की गई ।
‘२२.१.२०२४ को अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि के नवनिर्मित श्रीराम मंदिर में श्री रामलला की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा की गई । इस मूर्ति को देखने पर मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई श्रीराम की इस मूर्ति की निम्न गुणविशेषताएं मेरे ध्यान में आईं ।
अयोध्या में निर्मित भव्य श्रीराम मंदिर के संदर्भ में संपूर्ण देश में उत्साह का वातावरण है । श्रीराम मंदिर की भांति ही काशी, मथुरा, भोजशाला, कुतुब मीनार आदि अनेक हिन्दू धार्मिक स्थलों को वापस लेने में ‘प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट’ कानून बडी बाधा है ।
अब हम ‘सनातन धर्मराज्य’ की ओर मार्गक्रमण कर रहे हैं, जिसे ‘हिन्दू राष्ट्र’ भी कह सकते हैं । इस कालावधि में ‘अयोध्या में प्रभु श्रीराम के मंदिर का निर्माण होकर ‘श्रीराममूर्ति’ की प्राणप्रतिष्ठा होना’, ईश्वरीय नियोजन है ।
‘अयोध्या’, मथुरा, मायापुरी (हरिद्वार), काशी (वाराणसी), कांचीपुरम्, अवंतिका (उज्जैन) एवं द्वारका ये भारत के सात मोक्षनगर हैं । इसमें ‘अयोध्या’ अग्रणी है ।
प्रभु श्रीराम का तत्त्व अब अधिकाधिक कार्यरत हुआ है । रामभक्तो, स्वयं द्वारा की जा रही प्रत्येक कृति को रामभक्ति से जोडकर अंतःकरण में भक्ति के दीप प्रज्वलित करेंगे ।
श्रीराम की कृपा के कारण समस्त हिन्दुओं में श्री दुर्गादेवी एवं हनुमान का तत्त्व जागृत होकर उनके द्वारा राष्ट्ररक्षा एवं धर्मजागृति का कार्य होगा