क्या ‘सी.बी.आई.’ के पास की पिस्तौल से हत्या हुई ?

वामपंथियों की हिन्दुओं के विरुद्ध वर्षाें से चली आ रही अनेक स्तरों की लडाई तथा उनके द्वारा की गई सहस्रों हत्याओं को देखते हुए उक्त ४ वामपंथियों की हत्या का ठीकरा हिन्दुओं के सर पर फोडने के उनके अथक प्रयास इस बडी जांच में समाहित इस एक प्रकरण से भी समझ में आएंगे ।

भारत ‘हिन्दू राष्ट्र’ बनने पर ही प्राचीन सनातन धर्म की रक्षा संभव !

हिन्दू राष्ट्र की संकल्पना साकार करने के लिए संविधान में संशोधन करना महत्त्वपूर्ण

व्यक्तिगत एवं सामाजिक स्तर पर ज्योतिषशास्त्र की उपयुक्तता

कालवर्णन के अंतर्गत काल का स्वरूप जानने के लिए आवश्यक घटकों की जानकारी होती है । कालवर्णन के दृष्टिकोण से ज्योतिषशास्त्र की व्यक्तिगत एवं सामाजिक स्तर पर उपयुक्तता इस लेख द्वारा समझ लेंगे ।

ज्वर आने पर क्या खाएं ?

पेज पीने से शीघ्र ही स्फूर्ति आती है । १ – २ समय ‘पेज’ पीने से थकान दूर हो जाती है तथा ज्वर शीघ्र ठीक होने में सहायता होती है ।

सनातन धर्म में चराचर सृष्टि के प्रत्येक जीव के उद्धार का विचार ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी

‘सनातन धर्म की सीख तथा अध्यात्म एक ही है । सनातन धर्म में केवल मनुष्य के ही नहीं, अपितु प्रत्येक कण-कण के उद्धार का विचार किया गया है ।

भारत में बहुत शीघ्र हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होगी ! – श्रीराम काणे, धर्मप्रचारक, हिन्दू जनजागृति समिति

आज के समय में सनातन धर्म का महत्त्व समस्त विश्व की समझ में आ रहा है । यूरोप-अमेरिका के अनेक लोग स्वयंस्फूर्ति से हिन्दू धर्म स्वीकार कर रहे हैं ।

हिन्दूहित के कार्य करने का वचन देनेवाले राजनीतिक दल तथा प्रामाणिक जनप्रतिनिधियों को लोकसभा चुनाव में समर्थन देने का प्रस्ताव सम्मत !

‘जो हिन्दूहित की केवल बात नहीं, अपितु हिन्दूहित का कार्य करेगा’, इस नीति के अनुसार हिन्दू राष्ट्र तथा हिन्दूहित के सूत्रों पर कार्य करने का वचन देनेवाले राजनीतिक दल तथा प्रामाणिक जनप्रतिनिधियों को ही वर्ष २०२४ के लोकसभा चुनाव में हिन्दुओं का समर्थन मिलेगा

विवाह के उपलक्ष्य में अन्यों को सनातन के ग्रंथ, लघुग्रंथ अथवा सात्त्विक उत्पाद उपहारस्वरूप दें !

सनातन द्वारा अध्यात्मशास्त्र, साधना, आचारधर्म, बालसंस्कार, राष्ट्ररक्षा, धर्मजागृति आदि विषयों पर ग्रंथसंपदा प्रकाशित की जाती है । ये ग्रंथ एवं लघुग्रंथ सगे-संबंधियों को उपहारस्वरूप देने पर अधिकाधिक लोगों तक अमूल्य ज्ञान पहुंचेगा ।

शिष्य डॉ. आठवलेजी के गुरु संत भक्तराज महाराजजी से सम्बन्धित ग्रन्थ !

ये ग्रन्थ साधकों की भावजागृति कर उन्हें आनन्द एवं शान्ति की अनुभूति देनेवाली अनमोल धरोहर ही हैं ।

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