‘वर्ष १९९२ में एक बार मैंने प.पू. काणे महाराजजी से पूछा, ‘‘क्या तीसरा विश्वयुद्ध होगा ?’’ उस पर उनके द्वारा किया भाष्य यहां दिया है ।
अ. ‘तीसरा नहीं, अपितु अंतिम विश्वयुद्ध होनेवाला है ।
आ. मुंबई क्रिकेट का मैदान बनेगा । (इसका अर्थ क्रिकेट के मैदान की भांति भूमि सपाट हो जाएगी, इमारतें, गाडियां इत्यादि नहीं होंगी । अर्थात संपूर्ण मुंबई नष्ट हो जाएगी ।)
इ. आपातकाल में बिजली नहीं होगी ।
ई. इस विश्वयुद्ध में देश की इतनी हानि होगी कि उसके उपरांत ‘राष्ट्र के पुनर्निर्माण हेतु पूरी एक पीढी को अपना जीवन देना पडेगा ।’
– डॉ. पांडुरंग मराठे, सनातन आश्रम, रामनाथी, गोवा. (१४.१०.२०२३)