श्री रामलला विराजमान !

श्री रामलला
सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी

‘हिन्दुओ, अयोध्या में प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर बन गया है । अब भारत में रामराज्य लाने हेतु हम प्रयासों की पराकाष्ठा करेंगे !’

– सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी

अयोध्या (उत्तरप्रदेश) – रामभक्त जिस क्षण की विगत ५०० वर्षों से प्रतीक्षा कर रहे थे, उस क्षण का २२ जनवरी को दोपहर १२ बजकर २९ मिनट पर केवल देश के ही नहीं, अपितु समस्त विश्व के करोडों लोगों ने अनुभव किया ! रामभक्तों ने बालरूप के श्री रामलला का मोहक हास्य अनुभव किया तथा वे भावविभोर होकर उनकी आंखों में आंसू निकल आए ! केवल भारत के ही नहीं, अपितु विश्व के इतिहास में एक ही समय करोडों लोगों का एकत्रित होकर किसी देवता का रूप देखकर एक ही समय पर उनकी भावजागृति होना, ऐसा संयोग अनेक युगों में नहीं बना होगा, ऐसा दुर्लभ संयोग बना श्रीराम मंदिर में बालरूप की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा करते समय ! ‘त्रिलोक से देवी-देवताएं एवं ऋषि-मुनी भी इस क्षण का अनुभव करते हुए त्रिलोकाधिपति भगवान श्रीराम के बालरूप की मूर्ति पर पुष्पवर्षा कर रहे थे’, यह अनुभूति भी अनेक जीवों का आई होगी ! श्रीराम के भव्य मंदिर में स्थापित मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा का अनुष्ठान देखते समय ‘भारत में हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हुई है ।‘अब भारत में रामराज्य आया है’, यह भी अनुभूति अनेक लोगों को हुई । ‘हिन्दू राष्ट्र’ संपूर्णतया मर्यादापुरुषोत्तम, पतित पावन, सीताराम, कोदंडधारी राम, बालकराम जैसे नामों में समाहित भाव के अनुसार कार्य करनेवाला होगा, यह इससे समझ में आया होगा ।

संपूर्ण अनुष्ठान के समय प्रधानमंत्री भावविभोर स्थिति में हैं, ऐसा दृश्य दिखाई दिया । प्रधानमंत्री मोदी रामनाम का जाप करते हुए तथा मंत्रोच्चारण करते हुए अनुष्ठान की प्रत्येक विधि भावपूर्ण पद्धति से कर रहे थे ।

ऐसे हुई प्राणप्रतिष्ठा !

दोपहर १२ बजकर ५ मिनट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का श्रीराम मंदिर स्थल पर आगमन हुआ । हाथ में लाल वस्त्र तथा चांदी का छत्रचामर लेकर प्रधानमंत्री पैदल चलते हुए श्रीराम मंदिर में पहुंचे । गर्भगृह के बाहर के स्थान पर पुरोहितों की उपस्थिति में पूजा की गई । इस समय छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक करनेवाले पुरोहित गागा भट्ट के वंशज लक्ष्मीकांत दीक्षित के द्वारा अनुष्ठान किए गए । इस अवसर पर प्राणप्रतिष्ठा का मुहूर्त निकालनेवाले प्रसिद्ध ज्योतिषी श्री गणेश्वर शास्त्री द्रविड भी उपस्थित थे । इसके उपरांत प्रधानमंत्री मोदी तथा पुरोहितों सहित उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प.पू. सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवतजी, ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास’ के कोषाध्यक्ष प.पू. स्वामी गोविंददेव गिरि महाराजजी, न्यास के सदस्य तथा पेजावर मठ के विश्वप्रसन्न तीर्थ श्रीपादजी ने गर्भगृह में प्रवेश किया । गर्भगृह में ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास महाराजजी, श्री रामलला के मुख्य पुरोहित सत्येंद्र दास, प्राणप्रतिष्ठा के मुख्य यजमान डॉ. अनिल मिश्र पहले से ही उपस्थित थे ।

१२ बजकर २९ मिनट पर अभिजीत मुहूर्त पर श्रीराम मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा का अनुष्ठान आरंभ होने के उपरांत संपूर्ण विश्व को मूर्ति के दर्शन कराए गए । उसके आगे आधे घंटे तक अन्य अनुष्ठान एवं उसके उपरांत आरती उतारी गई । मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा के अनुष्ठान पूर्ण होने के उपरांत तथा प्रधानमंत्री मोदी का भाषण संपन्न होने के उपरांत सभी निमंत्रितों को मंदिर में दर्शन करने हेतु छोडा गया ।

अनुष्ठान करते समय भावविभोर प्रधानमंत्री मोदी !

प्रधानमंत्री मोदी इस संपूर्ण अनुष्ठान के समय भावविभोर स्थिति में हैं, ऐसा दृश्य दिखाई दिया । प्रधानमंत्री मोदी रामनाम का जाप करते हुए तथा मंत्रोच्चारण करते हुए अनुष्ठान की प्रत्येक विधि भावपूर्ण पद्धति से कर रहे हैं, ऐसा दृश्य करोडों रामभक्तों ने देखा ।

भारत की स्वतंत्रता के उपरांत के ७५ वर्षाें में पहली बार ही किसी प्रधानमंत्री के द्वारा इस प्रकार का भाव व्यक्त करते हुए जनता ने देखा । वर्ष १९९२ में बाबरी ढांचा गिराए जाने के उपरांत उस स्थान पर एक चबूतरे पर स्थित तंबू में श्री रामलला की स्थापना की गई थी । उस समय नरेंद्र मोदी ने तंबू में स्थापित श्री रामलला को देखकर ‘यहां भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण होने के उपरांत ही पुनः आऊंगा’, यह प्रतिज्ञा ली थी । इस मंदिर में स्थापित मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा पूर्ण होते हुए देखकर भी प्रधानमंत्री मोदी में कृतज्ञता का भाव उमड आया ।