मुझमें ‘सुराज्य’ कब आएगा ?
भगवान द्वारा निर्मित चैतन्यदायक एवं सुंदर सृष्टि का लाभ उठाने हेतुभगवान के द्वारा निर्मित नियमरूपी धर्मका आचरण कर प्रत्येक व्यक्ति को स्वयं में ही ‘सुराज्य’ लाना चाहिए,यह निश्चित है !
भगवान द्वारा निर्मित चैतन्यदायक एवं सुंदर सृष्टि का लाभ उठाने हेतुभगवान के द्वारा निर्मित नियमरूपी धर्मका आचरण कर प्रत्येक व्यक्ति को स्वयं में ही ‘सुराज्य’ लाना चाहिए,यह निश्चित है !
धर्मांतरण रोकने का आदर्श धर्मवीर संभाजी महाराज ने हिन्दुओं के समक्ष रखा ! – सद्गुरु बाल महाराज, इचलकरंजी, कोल्हापुर
श्री तुलजाभवानी मंदिर की दानपेटी में अर्पण पैसे और आभूषणों में भ्रष्टाचार हुआ है । ठेकेदारों और विश्वस्तों ने मिलीभगत कर मंदिर की संपत्ति की लूटपाट की ।
सनातन धर्म के अर्थशास्त्र में मंदिरों का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है । सनातन धर्म में मंदिरों के अर्थकारण से शिक्षाप्रणाली चलाई जा रही है । मंदिरों की अर्थव्यवस्था पर गांवों की निर्मिति हो रही है ।
मंदिर संस्कार, संस्कृति तथा सुरक्षा का मुख्य केंद्र होता है । काल के प्रवाह में जो मंदिर जीर्ण हुए हैं, उनका पुनर्निर्माण तथा रखरखाव आवश्यक है ।
मंदिर के पुरोहितों का धर्म केवल लोगों को तिलक लगाने तक ही मर्यादित नहीं है । हिन्दुओं को धर्म की शिक्षा देना भी उनसे अपेक्षित है । उससे हिन्दुओं का धर्माभिमान बढकर उनका मनोबल बढेगा औेर सभी संगठित होंगे ।
महिलाओं के बिना हिन्दू राष्ट्र की स्थापना असंभव है ! भारत में प्राचीन काल से ही प्रत्येक कार्य में स्त्रियों का योगदान बहुत बडा रहा है । सभ्यता, संस्कृति तथा हिन्दुत्व की दृष्टि से स्त्रियों का बडा महत्त्व है ।
‘कर्ता भगवान है !’, श्रीकृष्ण का यह वचन ध्यान में रखकर धर्मकार्य करें ! – रस आचार्य डॉ. धर्मयश, संस्थापक, धर्म स्थापनम् फाउंडेशन, इंडोनेशिया
‘हिन्दू राष्ट्र के कथानकों के विरुद्ध संघर्ष करने हेतु बौद्धिक योगदान दें !’
ऐसे व्यभिचार दिखानेवालों की जगह कारागृह में होनी चाहिए । इसे रोकने के लिए हम योजना निश्चित कर रहे हैं । ऐसों को ३ वर्षों तक जमानत नहीं मिलनी चाहिए । संस्कृति पर इस आक्रमण को राष्ट्रद्रोह माना जाए, ऐसा कठोर कानून इसके विरोध में होना अपेक्षित है ।