धर्मांतरण रोकने का आदर्श धर्मवीर संभाजी महाराज ने हिन्दुओं के समक्ष रखा ! – सद्गुरु बाल महाराज, इचलकरंजी, कोल्हापुर
छत्रपति शिवाजी महाराज के कारण हिन्दू धर्म जीवित है, जबकि धर्मवीर संभाजी महाराज के कारण हिन्दुओं का अस्तित्व जीवित है । यदि छत्रपति शिवाजी महाराज एवं धर्मवीर संभाजी महाराज न होते, तो महाराष्ट्र के साथ ही संपूर्ण देश में इस्लामीकरण के प्रभाव का निर्माण हुआ होता ।
✊ This roar of Vaishvik Hindutva should be heard in the whole world – H H Bal Maharaj (Yogi Santosh)
Bharat is was and will be a #HinduRashtra
🚩 It is we, who need to be conscious that we are walking talking breathing in Hindu Rashtra.
🚩 No God or a leader will come and… pic.twitter.com/0vpRbj7vOV
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) June 29, 2024
भगवान श्रीकृष्ण ने भगवद्गीता में कहा है, ‘धर्मसंस्थापना के लिए मैं बार-बार अवतार लेता हूं ।’ जिस प्रकार रावण का वध श्रीरामजी ने, कंस का वध श्रीकृष्ण ने किया, उसी प्रकार छत्रपति शिवाजी महाराज ने औरंगजेब को घुटनों पर ला दिया था । धर्मवीर संभाजी महाराज ने हिन्दुओं का धर्मांतरण करनेवाले ईसाईयों में भय निर्माण किया । ‘यदि हिन्दुओं का धर्मांतरण करोगे, तो पुर्तगालियों का हिन्दूकरण करेंगे’, ऐसी चेतावनी दी । हिन्दुओं का धर्मांतरण कैसे रोका जाए ? इसका धर्मवीर संभाजी महाराज ने हिन्दुओं के सामने आदर्श रखा । हमें भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाना है, यह विचार अपने मन में दृढ करें ।
क्या हम अगली पीढी को ‘भगवान शिवजी का मूलधाम ज्ञानवापी मस्जिद है’, ऐसा बताएंगे ? – सोहन लाल आर्य, लेखक, वाराणसी, उत्तरप्रदेश
मैं ४० वर्षाें से ज्ञानवापी मंदिर की मुक्ति हेतु न्यायालयीन लडाई लड रहा हूं । पाकिस्तान से मेरा ‘सर कलम) करने का २ बार फतवा निकला, तब भी मेरा संघर्ष चल रहा है । काशी विश्वेश्वर में भगवान शिवजी के बिना नंदीजी की आंखों से बहनेवाले आंसुओं का हम अनुभव कर रहे हैं । हम अपनी समस्याएं नंदीजी के कान में बोलते हैं; परंतु क्या हम नंदीजी को भगवान शिवजी के दर्शन करानेवाले हैं अथवा नहीं ? वर्ष १६७२ में औरंगजेब ने केवल ज्ञानवापी मंदिर ही नहीं, अपितु भारत के सहस्रों मंदिर तोडे । उसने अनेक विश्वविद्यालय तोडे तथा अनेक संस्कृत के विश्वविद्यालय भी तोडे । हिन्दुओं ने प्रत्येक स्थान के लिए संघर्ष किया । क्या हम ‘प्रभु श्रीराम का जन्म बाबरी मस्जिद में हुआ ?’, ऐसा बतानेवाले थे ?; इसलिए बाबरी का ढाचा तोडा । आनेवाली पीढी को ‘भगवान शिवजी का मूलधाम ‘ज्ञानवापी मस्जिद है ?’, ऐसा हम बताएंगे ? इसलिए अब संकल्प लेकर ज्ञानवापी मंदिर की मुक्ति हेतु संगठित हों ।
पाकिस्तान समान मणिपुर को भी भारत से तोडने का मिशनरियों का षड्यंत्र ! – प्रियानंद शर्मा, सदस्य, मणिपुर धर्मरक्षक समिति, मणिपुर
मणिपुर के ‘मणिपुर धर्मरक्षक समिति’ के सदस्य श्री. प्रियानंद शर्मा ने कहा, ‘‘मणिपुर की स्थिति आजकल ‘टाईमबम’ समान हो गई है । इसका कभी भी विस्फोट हो सकता है । मणिपुर में हिंसाचार के पीछे पाश्चात्य देशों का हाथ है ।म्यानमार और बांगलादेश का कुछ भाग मिलकर, इसके साथ ही मणिपुर को तोडकर एक नया स्वतंत्र कुकी देश बनाने का पाश्चात्य देश और उनसे जुडे मिशनरियों का षड्यंत्र है । मणिपुर में वर्ष १९६१की जनगणनानुसार अनुसूचित जमातियों की सूची में कुकी जमाती का नाम भी नहीं था; परंतु आज वे स्वतंत्र देश की मांग कर रहे हैं । बांग्लादेशी, म्यानमार में रोहिंग्या मुसलमान और कुकी जमात ने मणिपुर में भारी मात्रा में घुसपैठ की है । उन्हें आधारकार्ड और मतदानकार्ड सहजता से मिल जाता है । सीमा पर सुरक्षा के अभाव में पूर्वाेत्तर भारत में घुसपैठ बढ रही है । यदि इस ओर समय पर ध्यान नहीं दिया, तो पूर्वाेत्तर भारत में भी इनके फैलने में समय नहीं लगेगा । मणिपुर में दिनोंदिन अहिन्दुओं की लोकसंख्या बढ रही है । इसलिए मणिपुर को बचाने के लिए भारत को ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है ।
संघर्ष के लिए सिद्ध हों ! – पवन द्विवेदी, जालौन, उत्तर प्रदेश
रामनाथी (गोवा) – वैश्विक हिंदू राष्ट्र महोत्सव में ‘गौरक्षा कार्य तथा धर्मांधों द्वारा छीनी गई भूमि को संवैधानिक दृष्टिकोण से पुनः प्राप्त करने का संघर्ष’ विषय पर बोलते हुए, जालौन, उत्तर प्रदेश के श्री. पवन द्विवेदी ने कहा, “आप यहां राष्ट्र एवं धर्म के लिए जो भी संकल्प लें, उसे प्रथम भगवान के चरणों में अर्पित करें तथा भगवान से उसे पूरा करने की शक्ति मांगें; क्योंकि यहां से तो हम ऊर्जा लेकर चलते हैं; परंतु जब हम अपने कार्य में व्यस्त हो जाते हैं तो वह ऊर्जा क्षीण हो जाती है । उस ऊर्जा को टिकाए रखने के लिए ईश्वर से प्रार्थना करें । आपने जो संकल्प लिया है उसे अपने घर की दीवार पर चिपका दें, ताकि वह आपको निरंतर स्मरण रहे । संकल्प कोई भी हो सकता है; क्योंकि आज देश-धर्म प्रत्येक ओर से संकट में है । हालांकि भारत हमारा घर है, फिर भी हम असुरक्षित हैं । यह भय, असुरक्षा क्यों है ? इसका आत्मनिरीक्षण करना चाहिए । हमारे देवताओं के हाथों में शस्त्र तथा शास्त्र दोनों हैं । जिस प्रकार एक उपग्रह को लगातार संचार प्रणाली से जुड़े रहना पड़ता है, यदि संचार प्रणाली टूट जाती है, तो वैज्ञानिक उपग्रह की उपेक्षा कर देते हैं, उसी प्रकार इस आत्मा को लगातार सर्वोच्च सत्ता के साथ संचार में रहना पड़ता है । अगर यह टूट गया तो वह आप पर ध्यान नहीं देगा । यदि आप हिन्दू जनजागृति समिति जैसे संगठनों से जुड़ेंगे तो आप निर्भय हो जायेंगे । यदि अधिवक्ता हिंदुत्व के कार्य से जुड़ जाएं तो बहुत बड़ा कार्य होगा । बचावात्मक मत बनो, अपितु लड़ने के लिए दृढ़ संकल्पित रहो । हम ऐसे क्षेत्र में रहते हैं जहां 80 प्रतिशत मुसलमान हैं, सब संघर्षमय होने पर भी, ईश्वर निरंतर हमारे साथ हैं ।”
श्री. पवन द्विवेदी ने आगे कहा, ‘बुन्देलखण्ड में एक तालाब पर कब्जा कर बनाए गए धर्मांध कसाइयों के 450 मकानों को तुड़वा दिया तथा धर्मांधों को 1 करोड़ 22 लाख रुपए का दंड दिया गया । उनमें गोमांस बेचने वाले भी थे । हम अधिवक्ताओं और आरटीआई कार्यकर्ताओं की शक्ति से ऐसा परिवर्तन कर सकते हैं । 400 गायों वाली सरकारी गौशाला की अत्यंत दुर्दशा थी, गाएं मर रही थीं । हमने इसके बारे में लड़ाई की । इसके उपरांत वहां के प्रबंधन में सुधार से गौशाला की स्थिति में परिवर्तन हुआ । आरटीआई कार्यकर्ता ऑनलाइन जानकारी मांग सकते हैं । वर्ष 2023 में आरटीआई से जानकारी न मिलने पर बलिया में अपराध प्रविष्ट हुआ था । उसके उपरांत उस जिले की कोई भी सूचना तुरंत मिलने लगी ।
हिन्दू जनजागृति समिति के लिए गौरवमय उद्गार !
हिन्दू जनजागृति समिति ईश्वर द्वारा निर्मित संस्था है । आप (हिन्दू जनजागृति समिति) प्रत्येक स्थान पर लोगों में छिपी प्रतिभा को सामने ला रहे हैं तथा उसका प्रसार कर रहे हैं । ये बहुत बड़ा कार्य है । राष्ट्र-धर्म के विचार हिन्दुओं में साझा कर संचार व्यवस्था बढ़ा रहे हैं ।